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युवक ने खून से लिखा पीएम को पत्र, बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग

पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा को लेकर राज्य की तृणमूल कांग्रेस सरकार पर गंभीर सवाल खड़े हुए हैं. प्रदेश की विपक्षी पार्टी भाजपा ने कई मौकों पर यह दावा किया है कि राजनीतिक शह के बाद हिंसक घटनाओं में वृद्धि हुई है. भाजपा नेताओं की तरफ से कई मौकों पर पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की भी मांग कई गई है. ताजा घटनाक्रम में कर्नाटक के एक युवक पीएम मोदी को पत्र लिखकर प. बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है.

बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग
बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग
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Published : Jul 8, 2021, 7:06 PM IST

मैसूर : कर्नाटक के एक युवक ने अपने खून से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) को पत्र लिखा है. युवक ने आरोप लगाया है कि पश्चिम बंगाल में कट्टरपंथियों द्वारा हिंसा की जा रही है. उन्होंने पीएम मोदी को लिखे पत्र में पश्चिम बंगाल में तुरंत राष्ट्रपति शासन लागू कराने की मांग की है. बता दें कि पश्चिम बंगाल की कानून व्यवस्था को लेकर राज्यपाल जगदीप धनखड़ और केंद्रीय गृह मंत्रालय कई मौकों पर चिंता जाहिर कर चुका है.

युवक ने पीएम को लिखा खून से पत्र
युवक ने पीएम को लिखा खून से पत्र

पीएम मोदी को पत्र लिखने वाले युवक का नाम चेतन मंजूनाथ (Chetan Manjunath) है. उन्होंने खुद को हिंदू राष्ट्रवादी करार दिया है. चेतन ने अपने पत्र में लिखा है कि पश्चिम बंगाल में टीएमसी कार्यकर्ता और कट्टरपंथी हिंसा कर रहे हैं. 30 भाजपा कार्यकर्ता मारे गए हैं. 7000 हिंदू लड़कियों का यौन उत्पीड़न किया गया है.

बकौल चेतन, पश्चिम बंगाल में करीब 15 हजार मामले दर्ज किए गए हैं. युवक ने शिकायत की है कि बंगाल में उत्पीड़न के कारण एक लाख से अधिक लोग दूसरे राज्यों में चले गए हैं.

चेतन ने अपने पत्र में पीएम मोदी से कहा है कि पश्चिम बंगाल की कानून-व्यवस्था बनाए रखने में सीएम ममता बनर्जी की सरकार पूरी तरह विफल रही है. सरकार अप्रत्यक्ष रूप से हर तरह की हिंसा का समर्थन कर रही है, इसलिए पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू किया जाए.

इससे पहले गत 29 जून को पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा मामले को लेकर गठित फैक्ट फाइडिंग कमेटी ने अपनी रिपोर्ट मंगलवार को गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी को सौंपी. पांच सदस्यीय कमेटी के अध्यक्ष सिक्किम के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस प्रमोद कोहली ने कहा कि 2 मई से जो भी हिंसक घटनाएं पश्चिम बंगाल में हुई वह पूर्वनियोजित थीं.

यह भी पढ़ें- प. बंगाल में चुनाव बाद हिंसा पर केंद्र को सौंपी गई रिपोर्ट, कमेटी ने कहा- घटनाएं पूर्व नियोजित

बता दें कि गत 21 जून को पश्चिम बंगाल के राज्यपाल (Governor of West Bengal) जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) ने कहा था कि राज्य में चुनाव के बाद हुई हिंसा से उपजी स्थिति खतरनाक और परेशान करने वाली है. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर ममता बनर्जी ने शुतुरमुर्गी रवैया अपनाया हुआ है. वहीं गत 6 मई को पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हिंसा की घटनाओं की जांच के लिए चार सदस्यीय टीम कोलकाता पहुंची थी. बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई कथित हिंसा के कारणों की पड़ताल करने और राज्य में जमीनी हालात का जायजा लेने के लिए चार सदस्यीय दल का गठन किया था.

ये भी पढ़ें- बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा खतरनाक और परेशान करने वाली: धनखड़

गौरतलब है कि भाजपा ने आरोप लगाया है कि तृणमूल कांग्रेस समर्थित 'गुंडों' ने पार्टी के कार्यकर्ताओं की हत्या की, महिला सदस्यों पर हमले किए, उनके घरों में तोड़फोड़ की, दुकानों को लूटा और कार्यालयों को आग के हवाले कर दिया. भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने बंगाल में हुई हिंसा को लेकर दावा किया था कि चुनाव बाद हिंसा में बंगाल में कम से कम 14 भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गई है कि एक लाख के करीब लोग अपने घर छोड़ने को मजबूर हुए हैं.

मैसूर : कर्नाटक के एक युवक ने अपने खून से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) को पत्र लिखा है. युवक ने आरोप लगाया है कि पश्चिम बंगाल में कट्टरपंथियों द्वारा हिंसा की जा रही है. उन्होंने पीएम मोदी को लिखे पत्र में पश्चिम बंगाल में तुरंत राष्ट्रपति शासन लागू कराने की मांग की है. बता दें कि पश्चिम बंगाल की कानून व्यवस्था को लेकर राज्यपाल जगदीप धनखड़ और केंद्रीय गृह मंत्रालय कई मौकों पर चिंता जाहिर कर चुका है.

युवक ने पीएम को लिखा खून से पत्र
युवक ने पीएम को लिखा खून से पत्र

पीएम मोदी को पत्र लिखने वाले युवक का नाम चेतन मंजूनाथ (Chetan Manjunath) है. उन्होंने खुद को हिंदू राष्ट्रवादी करार दिया है. चेतन ने अपने पत्र में लिखा है कि पश्चिम बंगाल में टीएमसी कार्यकर्ता और कट्टरपंथी हिंसा कर रहे हैं. 30 भाजपा कार्यकर्ता मारे गए हैं. 7000 हिंदू लड़कियों का यौन उत्पीड़न किया गया है.

बकौल चेतन, पश्चिम बंगाल में करीब 15 हजार मामले दर्ज किए गए हैं. युवक ने शिकायत की है कि बंगाल में उत्पीड़न के कारण एक लाख से अधिक लोग दूसरे राज्यों में चले गए हैं.

चेतन ने अपने पत्र में पीएम मोदी से कहा है कि पश्चिम बंगाल की कानून-व्यवस्था बनाए रखने में सीएम ममता बनर्जी की सरकार पूरी तरह विफल रही है. सरकार अप्रत्यक्ष रूप से हर तरह की हिंसा का समर्थन कर रही है, इसलिए पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू किया जाए.

इससे पहले गत 29 जून को पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा मामले को लेकर गठित फैक्ट फाइडिंग कमेटी ने अपनी रिपोर्ट मंगलवार को गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी को सौंपी. पांच सदस्यीय कमेटी के अध्यक्ष सिक्किम के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस प्रमोद कोहली ने कहा कि 2 मई से जो भी हिंसक घटनाएं पश्चिम बंगाल में हुई वह पूर्वनियोजित थीं.

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बता दें कि गत 21 जून को पश्चिम बंगाल के राज्यपाल (Governor of West Bengal) जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) ने कहा था कि राज्य में चुनाव के बाद हुई हिंसा से उपजी स्थिति खतरनाक और परेशान करने वाली है. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर ममता बनर्जी ने शुतुरमुर्गी रवैया अपनाया हुआ है. वहीं गत 6 मई को पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हिंसा की घटनाओं की जांच के लिए चार सदस्यीय टीम कोलकाता पहुंची थी. बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई कथित हिंसा के कारणों की पड़ताल करने और राज्य में जमीनी हालात का जायजा लेने के लिए चार सदस्यीय दल का गठन किया था.

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गौरतलब है कि भाजपा ने आरोप लगाया है कि तृणमूल कांग्रेस समर्थित 'गुंडों' ने पार्टी के कार्यकर्ताओं की हत्या की, महिला सदस्यों पर हमले किए, उनके घरों में तोड़फोड़ की, दुकानों को लूटा और कार्यालयों को आग के हवाले कर दिया. भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने बंगाल में हुई हिंसा को लेकर दावा किया था कि चुनाव बाद हिंसा में बंगाल में कम से कम 14 भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गई है कि एक लाख के करीब लोग अपने घर छोड़ने को मजबूर हुए हैं.

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