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कर्नाटक: लिंगायत मठ के पुजारी शरणारू ने हाईकोर्ट में दी जमानत याचिका

कर्नाटक के लिंगायत मठ (Lingayat Math) के एक पुजारी शिवमूर्ति मुरुघा शरणारू (Priest Shivmurthy Murugha Sharanaru) ने पोक्सो एक्ट मामले में जमानत के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. जिसमें कर्नाटक उच्च न्यायालय (Karnataka High Court) ने शुक्रवार को पुजारी की जमानत याचिका पर राज्य सरकार को नोटिस जारी करने का आदेश दिया है.

पुजारी शिवमूर्ति मुरुघा शरणारू
पुजारी शिवमूर्ति मुरुघा शरणारू
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Published : Oct 14, 2022, 10:00 PM IST

बेंगलुरु (कर्नाटक): कर्नाटक उच्च न्यायालय (Karnataka High Court) ने शुक्रवार को लिंगायत मठ (Lingayat Math) के पुजारी शिवमूर्ति मुरुघा शरणारू (Priest Shivmurthy Murugha Sharanaru) द्वारा पोक्सो (POCSO) मामले में जमानत की मांग करने वाली याचिका पर राज्य सरकार को नोटिस जारी करने का आदेश दिया. संत की जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति जे. एम. खाजी ने दो नाबालिगों के अलावा मैसूर जिला बाल संरक्षण इकाई के अधिकारी समेत अधिकारियों को नोटिस देने का आदेश दिया.

मुरुघा मठ के 64 वर्षीय पुजारी, जो न्यायिक हिरासत में हैं, उसने निचली अदालत में दायर इसी तरह की याचिका खारिज होने के बाद जमानत के लिए उच्च न्यायालय का रुख किया है. हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई 28 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी थी. जिला मुख्यालय शहर चित्रदुर्ग में स्थित मठ द्वारा संचालित एक छात्रावास में रहने वाली दो लड़कियों के कथित यौन उत्पीड़न के मामले में गणित के प्रमुख को मुकदमे का सामना करना पड़ रहा है.

पढ़ें: मुंबई एयरपोर्ट पर कस्टम विभाग ने भारतीय नागरिक को किया गिरफ्तार, 16 किलो सोना बरामद

शरणारू के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के प्रावधान लागू किए गए हैं. एक ताजा शिकायत के बाद शरणारू पर पोक्सो एक्ट के तहत एक नया मामला दर्ज किया गया था और गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने कहा कि नए मामले की जांच शुरू हो गई है. प्रभावशाली लिंगायत मठ के पुजारी को 1 सितंबर को मैसूर में एक गैर सरकारी संगठन ओदानदी संस्थान के हस्तक्षेप के बाद प्राथमिकी दर्ज करने के बाद गिरफ्तार किया गया था।

बेंगलुरु (कर्नाटक): कर्नाटक उच्च न्यायालय (Karnataka High Court) ने शुक्रवार को लिंगायत मठ (Lingayat Math) के पुजारी शिवमूर्ति मुरुघा शरणारू (Priest Shivmurthy Murugha Sharanaru) द्वारा पोक्सो (POCSO) मामले में जमानत की मांग करने वाली याचिका पर राज्य सरकार को नोटिस जारी करने का आदेश दिया. संत की जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति जे. एम. खाजी ने दो नाबालिगों के अलावा मैसूर जिला बाल संरक्षण इकाई के अधिकारी समेत अधिकारियों को नोटिस देने का आदेश दिया.

मुरुघा मठ के 64 वर्षीय पुजारी, जो न्यायिक हिरासत में हैं, उसने निचली अदालत में दायर इसी तरह की याचिका खारिज होने के बाद जमानत के लिए उच्च न्यायालय का रुख किया है. हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई 28 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी थी. जिला मुख्यालय शहर चित्रदुर्ग में स्थित मठ द्वारा संचालित एक छात्रावास में रहने वाली दो लड़कियों के कथित यौन उत्पीड़न के मामले में गणित के प्रमुख को मुकदमे का सामना करना पड़ रहा है.

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शरणारू के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के प्रावधान लागू किए गए हैं. एक ताजा शिकायत के बाद शरणारू पर पोक्सो एक्ट के तहत एक नया मामला दर्ज किया गया था और गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने कहा कि नए मामले की जांच शुरू हो गई है. प्रभावशाली लिंगायत मठ के पुजारी को 1 सितंबर को मैसूर में एक गैर सरकारी संगठन ओदानदी संस्थान के हस्तक्षेप के बाद प्राथमिकी दर्ज करने के बाद गिरफ्तार किया गया था।

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