मंगलुरु: कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले के एक सरकारी स्कूल (Karnataka school buys bus) ने अपनी भूमि पर उगाई गई सुपारी (एरिका नट) की बिक्री के माध्यम से अर्जित राजस्व से एक बस खरीदी है. इस स्कूल का इतिहास 112 साल का है और स्कूल के पास 4.15 एकड़ जमीन है. स्कूल विकास और निगरानी समिति (एसडीएमसी), शिक्षकों और ग्रामीणों ने 2017 में सुपारी के 628 पौधे लगाए थे. सुपारी की पैदावार पिछले साल से शुरू हुई थी. स्कूल को इससे वार्षिक 2.50 लाख रुपये की आमदनी होती है.
स्कूल की प्रधानाध्यापिका सरोज ए. ने कहा कि दूरदराज के छात्रों को स्कूल लाने के लिए हमने पांच लाख रुपये की 26 सीट वाली बस खरीदी है. उन्होंने बताया कि बस का रखरखाव एसडीएमसी द्वारा सुपारी की खेती से होने वाली आय से ही किया जाएगा. उन्होंने बताया कि स्कूल में 118 बच्चे हैं, जिनमें से ज्यादातर गरीब परिवारों के हैं. उन्होंने बताय कि इनमें से कुछ दूरदराज के क्षेत्रों से आते हैं और उन्हें इस बस से फायदा मिलेगा.
पुत्तूर विधानसभा क्षेत्र के विधायक संजीव माथांदूर ने क्षेत्र के इस सरकारी स्कूल का दौरा किया और बस का उद्घाटन किया. साथ ही उन्होंने स्कूल को और सहायता देने की घोषणा की. सोमवार को स्कूली बच्चे बस में सवार होकर स्कूल पहुंचे और जश्न मनाया. स्कूल की प्रधानाध्यापिका सरोजा ए. ने कहा कि शहर के लोग जो स्कूल से प्यार करते हैं, वे इस बगीचे की देखभाल कर रहे हैं. इससे बस खरीदने के लिए पैसे जमा हो गए.
112 साल पुराना है स्कूल
मित्तूर गांव में स्थित इस स्कूल में 100 से ज्यादा बच्चे पढ़ रहे हैं, जिसकी शुरुआत 1910 में हुई थी. ग्राम पंचायत अध्यक्ष एडम, सक्रिय एसडीएमसी सहित ग्रामीणों का योगदान एवं सक्षम शिक्षकों की टीम के साथ विद्यालय आगे बढ़ रहा है. स्कूल में स्मार्ट शौचालय सहित कई विकास कार्यक्रम पहले ही हो चुके हैं. स्थानीय विधायक संजीव माथांदूर पहले ही कह चुके हैं कि वह और मदद करेंगे.
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