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धर्मांतरण विरोधी कानून लागू होने के बाद कर्नाटक में पहला मामला दर्ज, व्यक्ति गिरफ्तार

कर्नाटक (Karnataka) में एक युवती का धर्म परिवर्तन कराने के आरोप में पुलिस ने एक युवक को गिरफ्तार किया है. युवती के परिजनों ने युवक पर शादी का वादा करके धर्म परिवर्तन करने का आरोप लगाया था. बता दें कि राज्य में धर्मांतरण निषेध अधिनियम (Prohibition of Conversion Act) लागू होने के बाद धर्मांतरण की प्रक्रिया के लिए कई नियम लागू कर दिए गए हैं.

Yeshavantapur police
यशवंतपुर पुलिस
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Published : Oct 14, 2022, 6:05 PM IST

बेंगलुरु: धर्मांतरण निषेध अधिनियम (Prohibition of Conversion Act) लागू होने के बाद कर्नाटक में धर्मांतरण का पहला मामला दर्ज किया गया है. मामले में बताया गया कि उत्तर प्रदेश की एक 18 वर्षीय युवती से शादी का वादा कर उसका धर्म परिवर्तन करा दिया गया. इस संबंध में यशवंतपुर पुलिस (Yeshavantapur police) ने सैयद मुईन नामक व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया है.

युवती का परिवार मूल रूप से उत्तर प्रदेश के गोरखपुर का रहने वाला है. युवती के पिता पेंटर का काम करते हैं और उसकी मां गृहिणी है. युवती दो बहनों और एक भाई के साथ पिछले 15 साल से यशवंतपुर के बीके नगर में रहती थी. वहीं दूसरे धर्म के युवक से प्यार करने का संदेह होने पर युवती के माता-पिता उसे छह महीने पहले ही चेताया था. वहीं 5 अक्टूबर को दुकान पर गई युवती घर नहीं लौटी. इस पर युवती के परिजनों ने यशवंतपुर थाने में गुमशुदगी का मामला दर्ज कराया था. हालांकि एक हफ्ते बाद युवती बुर्का पहनकर थाने पहुंची.

दूसरी तरफ अपनी बेटी के व्यवहार से चिंतित माता-पिता ने सैयद मुहई के खिलाफ यशवंतपुर पुलिस स्टेशन में एक और शिकायत दर्ज कराई. इसमें आरोप लगाया गया कि युवक ने शादी का वादा करके उनकी बेटी का धर्म परिवर्तन कराया था. साथ ही कहा गया कि ऐसा लगता है कि मुईन ने युवती पर दबाव बनाया कि अगर वह शादी करना चाहती है तो धर्म परिवर्तन कर ले. शिकायत में कहा गया कि मुईन की बातों पर विश्वास करने और उसके साथ जाने वाली युवती का अवैध रूप से एक मस्जिद में धर्म परिवर्तन कर दिया गया था. फिलहाल यशवंतपुर थाने में धर्मांतरण कानून के तहत मामला दर्ज किया है.

बता दें कि धर्मांतरण निषेध अधिनियम के अनुसार धर्मांतरण की प्रक्रिया के लिए कई नियम लागू किए गए हैं. इसमें धर्म परिवर्तन करने वाले व्यक्ति को पहले जिला कलेक्टर के पास आवेदन करना होगा. उसके बाद, जिला कलेक्टर व्यक्ति के माता-पिता और करीबी रिश्तेदारों की राय लेने के साथ ही 30 दिनों की समय सीमा देता है. बिना किसी दबाव के खुलेआम धर्म परिवर्तन कर रहे हैं तब ही कलेक्टर अनुमति देंगे. किसी भी दबाव या लालच के कारण धर्मांतरण के मामले में प्राथमिकी दर्ज की जाएगी और धर्मांतरण में मदद करने वाले सभी लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. इस मामले में मुईन और उसकी मदद करने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है और मुईन फिलहाल गिरफ्तार है.

ये भी पढ़ें - कर्नाटक में राज्यपाल ने धर्मांतरण विरोधी विधेयक को दी मंजूरी

बेंगलुरु: धर्मांतरण निषेध अधिनियम (Prohibition of Conversion Act) लागू होने के बाद कर्नाटक में धर्मांतरण का पहला मामला दर्ज किया गया है. मामले में बताया गया कि उत्तर प्रदेश की एक 18 वर्षीय युवती से शादी का वादा कर उसका धर्म परिवर्तन करा दिया गया. इस संबंध में यशवंतपुर पुलिस (Yeshavantapur police) ने सैयद मुईन नामक व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया है.

युवती का परिवार मूल रूप से उत्तर प्रदेश के गोरखपुर का रहने वाला है. युवती के पिता पेंटर का काम करते हैं और उसकी मां गृहिणी है. युवती दो बहनों और एक भाई के साथ पिछले 15 साल से यशवंतपुर के बीके नगर में रहती थी. वहीं दूसरे धर्म के युवक से प्यार करने का संदेह होने पर युवती के माता-पिता उसे छह महीने पहले ही चेताया था. वहीं 5 अक्टूबर को दुकान पर गई युवती घर नहीं लौटी. इस पर युवती के परिजनों ने यशवंतपुर थाने में गुमशुदगी का मामला दर्ज कराया था. हालांकि एक हफ्ते बाद युवती बुर्का पहनकर थाने पहुंची.

दूसरी तरफ अपनी बेटी के व्यवहार से चिंतित माता-पिता ने सैयद मुहई के खिलाफ यशवंतपुर पुलिस स्टेशन में एक और शिकायत दर्ज कराई. इसमें आरोप लगाया गया कि युवक ने शादी का वादा करके उनकी बेटी का धर्म परिवर्तन कराया था. साथ ही कहा गया कि ऐसा लगता है कि मुईन ने युवती पर दबाव बनाया कि अगर वह शादी करना चाहती है तो धर्म परिवर्तन कर ले. शिकायत में कहा गया कि मुईन की बातों पर विश्वास करने और उसके साथ जाने वाली युवती का अवैध रूप से एक मस्जिद में धर्म परिवर्तन कर दिया गया था. फिलहाल यशवंतपुर थाने में धर्मांतरण कानून के तहत मामला दर्ज किया है.

बता दें कि धर्मांतरण निषेध अधिनियम के अनुसार धर्मांतरण की प्रक्रिया के लिए कई नियम लागू किए गए हैं. इसमें धर्म परिवर्तन करने वाले व्यक्ति को पहले जिला कलेक्टर के पास आवेदन करना होगा. उसके बाद, जिला कलेक्टर व्यक्ति के माता-पिता और करीबी रिश्तेदारों की राय लेने के साथ ही 30 दिनों की समय सीमा देता है. बिना किसी दबाव के खुलेआम धर्म परिवर्तन कर रहे हैं तब ही कलेक्टर अनुमति देंगे. किसी भी दबाव या लालच के कारण धर्मांतरण के मामले में प्राथमिकी दर्ज की जाएगी और धर्मांतरण में मदद करने वाले सभी लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. इस मामले में मुईन और उसकी मदद करने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है और मुईन फिलहाल गिरफ्तार है.

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