बेंगलुरू: कर्नाटक पुलिस भर्ती घोटाले के सिलसिले में 12 और लोगों को बेंगलुरू से गिरफ्तार किया गया है. जबकि मामले के मास्टर माइंड ने कलबुर्गी में सरेंडर कर दिया है. कर्नाटक में पुलिस उपनिरीक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में सामने आए घोटाले के सिलसिले में अब तक मुख्य आरोपी दिव्या हागरागी समेत 30 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
पुलिस सूत्रों ने रविवार को कहा कि गिरफ्तार किए गए लोग ऐसे उम्मीदवार थे, जिन्होंने नियुक्ति पाने के लिए रिश्वत दी थी. मंगलुरु के एक अन्य आरोपी ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. उसने संवाददाताओं से कहा कि उसकी तबीयत ठीक नहीं है इसलिए वह पुलिस के सामने नहीं आया. उसने खुद के निर्दोष होने का दावा किया है. कर्नाटक सरकार द्वारा प्रदेश में 545 पुलिस उप निरीक्षकों की भर्ती के लिए पिछले वर्ष अक्टूबर में आयोजित की गई परीक्षा को रद्द करने और इसे दोबारा आयोजित करने के फैसले की घोषणा कर दी गयी है. इस नौकरी के लिए 54 हजार से अधिक लोगों ने आवेदन किया था. जांच के दौरान सामने आया है कि उम्मीदवारों से 75 लाख से 80 लाख रुपये तक वसूले गए थे.
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कलबुर्गी में सरगना ने किया सरेंडर: पीएसआई भर्ती परीक्षा मामले में 20 दिन से फरार चल रहे एक अन्य सरगना मंजूनाथ मेलाकुंडा, सहायक अभियंता सिंचाई विभाग ने रविवार को स्वेच्छा से सीआईडी कार्यालय में आत्मसमर्पण कर दिया है. मंजूनाथ शहर के इवान शाही गेस्ट हाउस स्थित सीआईडी कार्यालय में बैग लेकर ऑटो में पहुंचे. उस दौरान उसने मुझसे कहा कि मैं पीएसआई भर्ती परीक्षा के अवैध मामले में शामिल नहीं हूं.