मैसूरु : कर्नाटक के मैसूरु में एक बस स्टॉप के ऊपर बनाए गए तीन गुंबद को शनिवार को हटा दिया गया. गुंबद की वजह से कथित तौर पर बस स्टाप किसी मस्जिद की तरह दिखाई पड़ता था. बता दें कि मैसूर-नंजनागुड रोड पर एक नवनिर्मित बस स्टाप को लेकर भारी विवाद हो गया था. इस विवादित गुंबद के आकार को हटाने के लिए केंद्र सरकार ने दखल दिया है. इस बारे में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने मैसूर नगर निगम को मैसूरु में विवादास्पद गुंबद के आकार के बस स्टाप को हटाने के लिए एक नोटिस जारी कर ढांचा हटाने के लिए एक सप्ताह का समय दिया था.
इस संबंध में भाजपा विधायक एस.ए. रामदास ने स्पष्ट किया है कि दो टावरों को हटा दिया गया है ताकि बस स्टाप विवाद का केंद्र न बन जाए. उन्होंने कहा कि इस तरह के 12 बस स्टाप बनाए जाएंगे. मेरा इरादा यात्रियों के लिए एक महल का मॉडल बनाने का था लेकिन बेवजह इस धर्म का रंग देने के लिए मुझे खेद है. उन्होंने कहा कि मैंने विकास की दृष्टि से वरिष्ठों और सलाहकारों से चर्चा के बाद यह फैसला लिया है.
इससे पहले बीजेपी सांसद प्रताप सिम्हा ने इंजीनियरों से 'मस्जिद जैसी' संरचना को ध्वस्त करने के लिए कहा था. सांसद ने कहा था 'मैंने इसे सोशल मीडिया पर देखा. बस स्टैंड में तीन गुंबद हैं, बीच में एक बड़ा और उसके बगल में दो छोटे हैं. वह केवल एक मस्जिद है.' उन्होंने यह भी दावा किया था कि मैसूर के अधिकांश हिस्सों में इस तरह के गुंबद जैसे ढांचे का निर्माण किया जा रहा है. इसके बाद उन्होंने कथित धमकी दी थी, मैंने इंजीनियरों से कहा है कि वे तीन-चार दिनों में ढांचे को गिरा दें. अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो मैं एक जेसीबी लूंगा और इसे गिरा दूंगा.
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