चिक्कबल्लापुर (कर्नाटक): जिले में एक लड़की के स्कूल जाने की उम्र में मां बनने की घटना सामने आई है. 14 साल की एक लड़की ने एक बच्चे को जन्म दिया है. सवाल उठाए गए हैं कि क्या माता-पिता, छात्रावास पर्यवेक्षक और स्कूल शिक्षकों ने बच्चे के जन्म से पहले लड़की के शरीर में होने वाले बदलावों पर ध्यान नहीं दिया था.
पुलिस ने बताया कि बागेपल्ली तालुक के एक गांव की रहने वाली लड़की एक सरकारी स्कूल में 9वीं कक्षा में पढ़ती है और तुमकुर जिले के एक छात्रावास में रहती है. कुछ दिन पहले पेट में दर्द होने पर वह अपनी मां के साथ बागेपल्ली सरकारी अस्पताल गई और इंजेक्शन लगवाया. लेकिन कुछ देर बाद वह दोबारा अस्पताल आई और कहा कि उसके पेट में फिर से दर्द हो रहा है. फिर बच्ची का दोबारा इलाज किया गया. इसके बाद उसे प्रसव पीड़ा हुई और उसने एक बच्चे को जन्म दिया. बच्चे का वजन 2.2 किलोग्राम है. दोनों स्वस्थ हैं. डॉक्टरों ने कहा कि दोनों को आगे की देखभाल के लिए जिला अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया है.
हॉस्टल वार्डन समेत दो निलंबित: तुमकुर जिला पंचायत के मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रभु ने इस मामले में तुमकुर समाज कल्याण विभाग ग्रेड वन के सहायक निदेशक शिवन्ना और हॉस्टल वार्डन निवेदिता को निलंबित करने का आदेश जारी किया है.
यह पता चला है कि वार्डन निवेदिता ने अधिकारियों से कहा है कि लड़की का शरीर संदिग्ध नहीं था और उसे किसी और के संपर्क में भी नहीं देखा गया था. चिक्काबल्लापुर के बागेपल्ली पुलिस स्टेशन में POCSO अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है. लड़की गर्भवती कैसे हुई पुलिस आरोपी की तलाश कर रही है.