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PDS में ज्यादा चावल की मांग पर कर्नाटक के मंत्री ने किसान से मर जाने को कहा

कर्नाटक के खाद्य मंत्री उमेश कट्टी ने विवादित बयान दे दिया है. दरअसल, एक किसान ने कट्टी से ज्यादा चावल देने की गुहार लगाई तो उन्होंने किसान को मर जाने को कह दिया. साथ ही उन्होंने किसान से कहा कि दोबार फोन मत करना.

उमेश कट्टी
उमेश कट्टी
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Published : Apr 28, 2021, 10:07 PM IST

Updated : Apr 29, 2021, 10:35 AM IST

बेंगलुरु : कर्नाटक के खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री उमेश कट्टी अपने विवादित बयान के लिए बुधवार को मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा और विपक्षी दलों के निशाने पर आ गए.

कट्टी से एक किसान ने जन वितरण प्रणाली के जरिए चावल की आपूर्ति बढ़ाने का अनुरोध किया जिसपर उन्होंने किसान से मर जाने को कहा था.

किसान और मंत्री के बीच बातचीत

कट्टी ने बाद में अपना बयान वापस लेते हुए खेद जताया और कहा कि वह नहीं चाहते कि किसी की मौत हो और हर कोई समृद्ध बने.

उत्तरी कर्नाटक के गडग के किसान कार्यकर्ता ईश्वर ने बुधवार को कट्टी को फोन किया था और उनसे पूछा कि एक महीने में दो किलो चावल के सहारे कोई कैसे जीवित रह सकता है जब लॉकडाउन के कारण हजारों लोग बेरोजगार हो गए हैं.

ईश्वर के सवाल पर मंत्री ने जवाब दिया कि लॉकडाउन के मद्देनजर मई और जून में केंद्र पांच किलो अनाज देगा.

इस पर किसान ने कहा कि क्या लोगों को तब तक उपवास करना चाहिए या मर जाए.

कट्टी ने कहा कि बेहतर होगा मर जाए. बेहतर होगा कि आप चावल का व्यापार करना बंद कर दें. मुझे दोबारा फोन मत करना.

यह भी पढ़ें- कोरोना वैक्सीनेशन : राज्यों की क्या हैं जरूरतें और कितने डोज का दिया ऑर्डर

मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी एक बयान में येदियुरप्पा के हवाले से बताया गया कि उन्होंने कट्टी के बयान को खारिज किया और कहा कि किसी मंत्री को इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए.

कांग्रेस के प्रदेश प्रमुख डी के शिवकुमार ने कट्टी के बयान के लिए उनकी आलोचना की और राज्य सरकार से उन्हें तुरंत पद से हटाने को कहा. पूर्व मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने भी कट्टी की आलोचना की.

उमेश कट्टी का ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ और आलोचना हुई.

बेंगलुरु : कर्नाटक के खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री उमेश कट्टी अपने विवादित बयान के लिए बुधवार को मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा और विपक्षी दलों के निशाने पर आ गए.

कट्टी से एक किसान ने जन वितरण प्रणाली के जरिए चावल की आपूर्ति बढ़ाने का अनुरोध किया जिसपर उन्होंने किसान से मर जाने को कहा था.

किसान और मंत्री के बीच बातचीत

कट्टी ने बाद में अपना बयान वापस लेते हुए खेद जताया और कहा कि वह नहीं चाहते कि किसी की मौत हो और हर कोई समृद्ध बने.

उत्तरी कर्नाटक के गडग के किसान कार्यकर्ता ईश्वर ने बुधवार को कट्टी को फोन किया था और उनसे पूछा कि एक महीने में दो किलो चावल के सहारे कोई कैसे जीवित रह सकता है जब लॉकडाउन के कारण हजारों लोग बेरोजगार हो गए हैं.

ईश्वर के सवाल पर मंत्री ने जवाब दिया कि लॉकडाउन के मद्देनजर मई और जून में केंद्र पांच किलो अनाज देगा.

इस पर किसान ने कहा कि क्या लोगों को तब तक उपवास करना चाहिए या मर जाए.

कट्टी ने कहा कि बेहतर होगा मर जाए. बेहतर होगा कि आप चावल का व्यापार करना बंद कर दें. मुझे दोबारा फोन मत करना.

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मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी एक बयान में येदियुरप्पा के हवाले से बताया गया कि उन्होंने कट्टी के बयान को खारिज किया और कहा कि किसी मंत्री को इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए.

कांग्रेस के प्रदेश प्रमुख डी के शिवकुमार ने कट्टी के बयान के लिए उनकी आलोचना की और राज्य सरकार से उन्हें तुरंत पद से हटाने को कहा. पूर्व मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने भी कट्टी की आलोचना की.

उमेश कट्टी का ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ और आलोचना हुई.

Last Updated : Apr 29, 2021, 10:35 AM IST
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