उडुपी (कर्नाटक) : उडुपी में महिलाओं के सरकारी प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज की छह छात्राओं ने हिजाब पहनने और कक्षाओं में भाग लेने की अनुमति देने के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है. साथ ही उन्होंने प्री-यूनिवर्सिटी बोर्ड से 28 फरवरी से शुरू होने वाली प्रैक्टिकल परीक्षाओं को स्थगित करने की भी अपील की है.
छात्राओं ने अपने अनुरोध में कहा है कि हेड स्कार्फ पहनने की वजह से उन्हें कक्षाओं के अंदर जाने से रोक दिया गया था इस वजह से वे दो महीनों तक कक्षाओं में शामिल नहीं हो सके. इसलिए उन्हें पढ़ाई के लिए और अधिक समय की आवश्यकता है.
छह याचिकाकर्ताओं में से एक एएच अल्मा ने गुरुवार को उडुपी में संवाददाताओं से कहा कि सभी छह छात्राओं ने उडुपी जिले के पूर्व-विश्वविद्यालय शिक्षा (डीडीपीयू) के उप निदेशक से अपनी व्यावहारिक परीक्षा स्थगित करने पर विचार करने का अनुरोध किया है. उसने कहा कि उन्होंने बताया है कि वह उनके अनुरोध के बारे में पीयू में संबंधित अधिकारियों के बारे से बता करेंगे.
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वहीं हिजाब मामले में एक अन्य याजिकाकर्ता आलिया असदी ने कहा कि हिजाब पहनने की उनकी मांग का राजनीतिकरण किए जाने के बाद उन्हें अज्ञात नंबरों से धमकी भरे और अपमानजनक कॉल आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि हिजाब मामले में सभी याचिकाकर्ता उच्च न्यायालय के अंतिम फैसले का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जब तक अदालत फैसला नहीं सुनाती, तब तक बिना हिजाब पहने प्रैक्टिकल परीक्षा में बैठने का सवाल ही नहीं उठता.
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