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कर्नाटक हाई कोर्ट ने कंगना रनौत के खिलाफ दर्ज एफआईआर खारिज की - FIR lodged against Kangana in tweet case against farmers

किसान विरोध पर ट्वीट मामले में कर्नाटक हाई कोर्ट ने कंगना रनौत के खिलाफ दर्ज एफआईआर को खारिज कर दिया है. यह एफआईआर अक्टूबर 2020 में एक वकील की तहरीर पर दर्ज की गई थी.

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Published : Mar 25, 2021, 9:36 PM IST

बेंगलुरु : कर्नाटक उच्च न्यायालय ने गुरुवार को बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत के खिलाफ तुमकुर में दर्ज एफआईआर को खारिज कर दिया. दरअसल, हाल ही में लागू किए गए कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध करने वाले किसानों पर विवादास्पद ट्वीट करने और उन्हें आतंकवादी कहने के लिए दर्ज किया गया था.

एफआईआर के बाद अभिनेत्री कंगना रनौत ने एक आपराधिक याचिका दायर की थी, जिसमें तुमकुर के कयाससंद्रा पुलिस स्टेशन में दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने की मांग की गई थी. हाई कोर्ट में आज याचिका पर सुनवाई हुई. अदालत ने 9 अक्टूबर 2020 को मजिस्ट्रेट द्वारा कंगना के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश को तकनीकी रूप से गलत माना.

9 अक्टूबर 2020 को बेंगलुरु में एक न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम श्रेणी) कोर्ट ने पुलिस को वकील नाइक की शिकायत के आधार पर रनौत के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया था. जेएमएफसी कोर्ट द्वारा पारित आदेश के बाद रनौत ने उच्च न्यायालय में एफआईआर को रद्द करने की मांग की थी.

यह भी पढ़ें-जम्मू-कश्मीर : सीआरपीएफ की नाका पार्टी पर ग्रेनेड हमला, दो जवान शहीद

उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में उल्लेख किया कि मजिस्ट्रेट ने यह उल्लेख नहीं किया है कि शिकायत संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता या नहीं. अदालत ने यह निष्कर्ष निकाला कि आदेश में तकनीकी कमी थी, इसलिए मामले को वापस नए सिरे से न्यायिक मजिस्ट्रेट के पास भेज दिया गया.

बेंगलुरु : कर्नाटक उच्च न्यायालय ने गुरुवार को बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत के खिलाफ तुमकुर में दर्ज एफआईआर को खारिज कर दिया. दरअसल, हाल ही में लागू किए गए कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध करने वाले किसानों पर विवादास्पद ट्वीट करने और उन्हें आतंकवादी कहने के लिए दर्ज किया गया था.

एफआईआर के बाद अभिनेत्री कंगना रनौत ने एक आपराधिक याचिका दायर की थी, जिसमें तुमकुर के कयाससंद्रा पुलिस स्टेशन में दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने की मांग की गई थी. हाई कोर्ट में आज याचिका पर सुनवाई हुई. अदालत ने 9 अक्टूबर 2020 को मजिस्ट्रेट द्वारा कंगना के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश को तकनीकी रूप से गलत माना.

9 अक्टूबर 2020 को बेंगलुरु में एक न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम श्रेणी) कोर्ट ने पुलिस को वकील नाइक की शिकायत के आधार पर रनौत के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया था. जेएमएफसी कोर्ट द्वारा पारित आदेश के बाद रनौत ने उच्च न्यायालय में एफआईआर को रद्द करने की मांग की थी.

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उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में उल्लेख किया कि मजिस्ट्रेट ने यह उल्लेख नहीं किया है कि शिकायत संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता या नहीं. अदालत ने यह निष्कर्ष निकाला कि आदेश में तकनीकी कमी थी, इसलिए मामले को वापस नए सिरे से न्यायिक मजिस्ट्रेट के पास भेज दिया गया.

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