ETV Bharat / bharat

कर्नाटक हाई कोर्ट ने नवजात बच्चे की हत्या करने वाली मां को किया बरी

आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले की रहने वाली महिला ने 2016 में सांस की समस्या और मिर्गी से पीड़ित बच्चे को नदी में फेंक दिया था. इस मामले में कर्नाटक के तुमकुर जिले की ट्रायल कोर्ट ने महिला को उम्र कैद की सजा सुनाई थी.

कर्नाटक हाई कोर्ट
कर्नाटक हाई कोर्ट
author img

By

Published : Jun 27, 2022, 9:59 PM IST

बेंगलुरु: कर्नाटक हाई कोर्ट ने अपने दो महीने के बीमार बच्चे की हत्या करने की आरोपी महिला को बरी कर दिया है. 33 वर्षीय मां ने 2016 में तुमकुरु जिले के कोराटागेरे शहर में सांस की समस्या और मिर्गी से पीड़ित बच्चे को नदी में फेंक दिया था. इस मामले में मधुगिरी ट्रायल कोर्ट ने उसे उम्र कैद की सजा सुनाई थी और 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया था.

कर्नाटक हाई कोर्ट ने सोमवार को आरोपी महिला को जेल से तत्काल रिहा करने का आदेश सुनाया. कोर्ट का कहना है कि आरोपी महिला पहले ही छह साल जेल में बिता चुकी है. न्यायमूर्ति के. सोमशेखर और न्यायमूर्ति शिवशंकर अमरन्नावर की खंडपीठ ने यह आदेश पारित किया. पीठ ने कहा कि अभियोजन पक्ष आईपीसी की धारा 302 (हत्या) के आरोपों के तहत कोई सबूत पेश करने में विफल रहा है. पीठ ने कहा कि उसे आजीवन कारावास की सजा देना उचित नहीं है, इसलिए ट्रायल कोर्ट का आदेश रद्द किया जाता है.

आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले की रहने वाली महिला अपने बच्चे और पति के साथ कोराटागेरे आई थी. नवजात को सांस की समस्या और मिर्गी की बीमारी थी. वह उसे स्तनपान कराने में असमर्थ थी. इन सबसे परेशान होकर महिला ने अपने बच्चे को स्वर्णमुखी नदी में फेंक दिया. बाद में खुद को बचाने के लिए उसने इसे लूटपाट का मामला दिखाने का प्रयास किया. उसने कहा कि लुटेरों ने उस पर हमला किया. वह उससे गहने और बच्चे को ले गए. इस संबंध में उसके पति ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने पूछताछ की तो उन्हें मां की भूमिका पर शक हुआ. जब कड़ी पूछताछ की गई तो महिला ने अपना जुर्म कबूल कर लिया.

यह भी पढ़ें- सांगली आत्महत्या मामला: जांच में चौंकाने वाला खुलासा, जहर देकर की गई थी हत्या!

बेंगलुरु: कर्नाटक हाई कोर्ट ने अपने दो महीने के बीमार बच्चे की हत्या करने की आरोपी महिला को बरी कर दिया है. 33 वर्षीय मां ने 2016 में तुमकुरु जिले के कोराटागेरे शहर में सांस की समस्या और मिर्गी से पीड़ित बच्चे को नदी में फेंक दिया था. इस मामले में मधुगिरी ट्रायल कोर्ट ने उसे उम्र कैद की सजा सुनाई थी और 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया था.

कर्नाटक हाई कोर्ट ने सोमवार को आरोपी महिला को जेल से तत्काल रिहा करने का आदेश सुनाया. कोर्ट का कहना है कि आरोपी महिला पहले ही छह साल जेल में बिता चुकी है. न्यायमूर्ति के. सोमशेखर और न्यायमूर्ति शिवशंकर अमरन्नावर की खंडपीठ ने यह आदेश पारित किया. पीठ ने कहा कि अभियोजन पक्ष आईपीसी की धारा 302 (हत्या) के आरोपों के तहत कोई सबूत पेश करने में विफल रहा है. पीठ ने कहा कि उसे आजीवन कारावास की सजा देना उचित नहीं है, इसलिए ट्रायल कोर्ट का आदेश रद्द किया जाता है.

आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले की रहने वाली महिला अपने बच्चे और पति के साथ कोराटागेरे आई थी. नवजात को सांस की समस्या और मिर्गी की बीमारी थी. वह उसे स्तनपान कराने में असमर्थ थी. इन सबसे परेशान होकर महिला ने अपने बच्चे को स्वर्णमुखी नदी में फेंक दिया. बाद में खुद को बचाने के लिए उसने इसे लूटपाट का मामला दिखाने का प्रयास किया. उसने कहा कि लुटेरों ने उस पर हमला किया. वह उससे गहने और बच्चे को ले गए. इस संबंध में उसके पति ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने पूछताछ की तो उन्हें मां की भूमिका पर शक हुआ. जब कड़ी पूछताछ की गई तो महिला ने अपना जुर्म कबूल कर लिया.

यह भी पढ़ें- सांगली आत्महत्या मामला: जांच में चौंकाने वाला खुलासा, जहर देकर की गई थी हत्या!

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.