बेंगलुरु : कर्नाटक उच्च न्यायालय ने एक्स कॉर्प (पूर्ववर्ती ट्विटर) को इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा जारी प्रतिबंधात्मक आदेश का अनुपालन दर्शाने वाली सामग्री जमा करने का 'एक और आखिरी मौका' दिया है. एक्स कॉर्प के वकील ने मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति बी वराले और न्यायमूर्ति एमजीएस कमल की पीठ को सूचित किया कि वह अपने मुवक्किल के निर्देशों का इंतजार कर रहे हैं. उन्होंने समय मांगा. अदालत ने कार्यवाही 15 सितंबर तक स्थगित कर दी और स्पष्ट किया कि कंपनी को यह अंतिम अवसर दिया जा रहा है.
अदालत ने कहा, "आज अपीलकर्ता के वकील ने इस आधार पर स्थगन की प्रार्थना की कि वह निर्देश की प्रतीक्षा कर रहे हैं, इसलिए एक और आखिरी अवसर दिया गया है. अपील पर सुनवाई 15 सितंबर तक के लिए स्थगित कर दी गई है." ट्विटर (जो अब एक्स कॉर्प है) ने मंत्रालय के अनेक प्रतिबंधात्मक आदेशों के खिलाफ उच्च न्यायालय का रुख किया था. एकल न्यायाधीश की पीठ ने याचिका को खारिज कर दिया था और मंत्रालय के आदेश का पालन किये बिना अदालत में आने पर 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था. कंपनी ने खंडपीठ के समक्ष अपील की जिसने पहले की एक सुनवाई में उसे 25 लाख रुपये जमा करने का निर्देश दिया था. खंडपीठ ने ट्विटर को यह दिखाने के लिए सामग्री जमा करने का निर्देश भी दिया था कि उसने आदेशों का पालन किया है.
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बता दें कि एक्स कॉर्प (ट्विटर) ने कुछ व्यक्तिगत खातों को ब्लॉक करने के केंद्र सरकार के कदम पर सवाल उठाते हुए उच्च न्यायालय में एक आवेदन दायर किया था. याचिका पर सुनवाई करने वाली एकल सदस्यीय पीठ ने याचिका खारिज कर दी और 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाने का आदेश दिया. एक्स कॉर्प ने इस आदेश के खिलाफ दो न्यायाधीशों वाली पीठ में अपील की. पहली याचिका पर सुनवाई करने वाली दो जजों की बेंच ने एक्स कॉर्प पर 50 लाख रुपये के जुर्माने के आदेश पर रोक लगा दी थी.
(अतिरिक्त इनपुट-एजेंसी)