बेंगलुरु : कर्नाटक सरकार (Karnataka government ) द्वारा राज्य भर में लागू कोविड-19 प्रतिबंधों के भविष्य के संबंध में निर्णय (Karnataka government decide on Covid restrictions) लेने से एक दिन पहले राजस्व मंत्री आर. अशोक ने बृहस्पतिवार को कहा कि किसी भी निर्णय पर पहुंचने से पहले लोगों के जीवन और आजीविका दोनों पर विचार किया जाएगा. मंत्री ने यह स्पष्ट किया कि पाबंदियों को लेकर सरकार के भीतर कोई भ्रम नहीं है. उन्होंने कहा कि निर्णय लेने से पहले सभी दलों और कई संगठनों के नेताओं के विचारों को भी ध्यान में रखा जाएगा.
अशोक ने कहा, 'कोविड दिशानिर्देशों के संबंध में मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ मंत्रियों के साथ शुक्रवार दिन में एक बजे महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है. पाबंदियों को लेकर विभिन्न दलों और संगठनों के नेताओं द्वारा व्यक्त की गई राय और केंद्र के दिशानिर्देशों को भी ध्यान में रखा जाएगा.' उन्होंने यहां पत्रकारों से कहा कि राज्य में लगभग 15-20 जिले ऐसे हैं जहां मामले कम हैं, जबकि बेंगलुरु और मैसूर जैसे शहरों में मामले बढ़ रहे हैं.
उन्होंने कहा, 'लोगों, विशेष रूप से गरीब और दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों के जीवन की रक्षा करते हुए राज्य सरकार को उनकी रोजी रोटी के लिए भी सुविधा प्रदान करनी होगी. इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए हम एक निर्णय पर पहुंचेंगे. मुझे विश्वास है कि मुख्यमंत्री ऐसे निर्णय की घोषणा करेंगे जो लोगों के लिए बेहतर होगा.'
मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने बुधवार को कहा कि उनकी सरकार कोविड-19 प्रतिबंधों की फिर से समीक्षा करेगी और शुक्रवार को सप्ताहांत कर्फ्यू सहित छूट के संबंध में निर्णय लेगी.
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मामलों में वृद्धि के मद्देनजर राज्य सरकार ने पिछले सप्ताह मौजूदा कोविड प्रतिबंधों जैसे कि रात्रि कर्फ्यू और सप्ताहांत के कर्फ्यू को जनवरी के अंत तक बढ़ाने का फैसला किया था. सरकार के भीतर किसी भी तरह के भ्रम के बारे में पूछे जाने पर अशोक ने कहा, 'सरकार के भीतर कोई भ्रम नहीं है, अगर कोई भी बयान दे रहा है तो यह उनका निजी मामला है, जिसे कल फैसला लेने से पहले भी ध्यान में रखा जाएगा.' उन्होंने कहा, 'सरकार ने पहले ही विशेषज्ञों की रिपोर्ट के आधार पर सप्ताहांत और रात्रि कर्फ्यू जैसे प्रतिबंध लगाए थे.'
(पीटीआई-भाषा)