बेंगलुरु: कर्नाटक सरकार नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के बजाय एक अलग राज्य शिक्षा (Karnataka State Education Policy Committee) नीति लागू करने की योजना बना रही. राज्य सरकार ने कर्नाटक राज्य शिक्षा नीति का मसौदा तैयार करने के लिए प्रोफेसर सुखदेव थोराट की अध्यक्षता में एक राज्य शिक्षा नीति समिति का गठन किया है. कांग्रेस ने घोषणापत्र में राज्य में नई शिक्षा नीति लाने की घोषणा की थी.
इसी क्रम में सरकार ने सत्ता में आने के तुरंत बाद पाठ्यक्रम में संशोधन करना शुरू कर दिया और राज्य शिक्षा नीति के कार्यान्वयन के लिए राज्य शिक्षा नीति आयोग का गठन किया. सरकार ने आयोग को 28 फरवरी 2024 तक रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है. राज्य शिक्षा नीति आयोग में कुल 15 सदस्यों की नियुक्ति की गई है. समिति में 8 विषय विशेषज्ञों में प्रो. निरंजनराध्या, रहमत तारिकेरे और प्रमुख साहित्यकारों को भी जगह दी गई है.
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मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने सोशल मीडिया पर इस बारे में जानकारी साझा करते हुए कहा कि कर्नाटक राज्य शिक्षा नीति का मसौदा तैयार करने के लिए प्रोफेसर सुखदेव थोराट की अध्यक्षता में एक समिति की स्थापना की गई है. आगे कहा गया,'मुझे विश्वास है कि यह समिति छात्रों के समग्र विकास के लिए वैज्ञानिक स्वभाव, बौद्धिक विकास और आवश्यक शिक्षा के पोषण के लिए उपयुक्त सिफारिशें प्रदान करेगी. मुझे उम्मीद है कि कर्नाटक की राज्य शिक्षा नीति देश के लिए एक आदर्श शिक्षा नीति के रूप में काम करेगी.' कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से कई योजनाओं और नीतियों में बदलाव को लेकर कदम उठाए गए.