हुबली : कर्नाटक में हुबली जिले के विवादास्पद ईदगाह मैदान में गणेश चतुर्थी समारोह मनाने की हुबली धारवाड़ नगरपालिका निगम ने अनुमति मिल गई है. गणेशत्सव के लिए धारवाड़-हुबली शहर निगम आयुक्त ईश्वर उल्लागड्डी ने रानी चन्नम्मा मैदान गजानन उत्सव महामंडली के अध्यक्ष संजीव बडस्कर को अनुमति पत्र सौंपा. ईदगाह में गणेशत्सव मनाने की अनुमित तो मिली, लेकिन निगम ने शर्तें भी रखी हैं. गौरतलब है कि उच्च न्यायालय के फैसले के बावजूद निगम की ओर से अनुमति पत्र देने में देरी की जा रही थी, जिसके खिलाफ विपक्षी भाजपा और हिंदुत्व संगठनों ने विधायक अरविंद बेलाड और महेश तेंगिनाकायी के नेतृत्व में सड़क जाम किया गया. पुलिस आयुक्त उमा सुकुमारन और अतिरिक्त पुलिस बल मौके पर पहुंचे और प्रदर्शनकारियों को समझा-बुझाकर जाम खुलवाया.
ये हैं शर्तें :-
- पुलिस आयुक्त से अनुमति लेनी होगी.
- 19 सितंबर को सुबह 6 बजे से 21 सितंबर को दोपहर 12 बजे तक गणेश स्थापना कर सकते हैं.
- पंडाल का आकार 30x30 का ही होना चाहिए.
- गणेशोत्सव को छोड़कर किसी प्रकार के झंडे, मतपत्र, विवादास्पद फोटो की प्रदर्शनी नहीं होनी चाहिए.
- इन दो दिनों तक मनोरंजन कार्यक्रमों के आयोजन पर बैन रहेगा.
- समारोह के दौरान अनावश्यक हंगामे के लिए आयोजक जिम्मेदार होंगे.
- किसी भी तरह से धर्म को न मानने वालों की भावनाओं को ठेस न पहुंचें.
- समारोह के दौरान भड़काऊ बयान और भाषण पर बैन लगाने समेत 18 शर्तें लगाई गई हैं.
निगम के फैसले का स्वागत : ईदगाह मैदान में गणेश स्थापना की अनुमति देने के बाद विधायक अरविंद बेलाडा और विधायक महेश तेंगिनाकाई ने निगम के कदम का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अंजुमन-ए-इस्लाम संगठन के साथ मिलकर विवादास्पद स्थल पर गणेशोत्सव मनाने की अनुमति देने के हुबली-धारवाड़ सिटी कॉर्पोरेशन के फैसले का विरोध करते हुए याचिका दायर की थी. लेकिन ऐन वक्त पर सरकार जागी और गणेशोत्सव की अनुमति दी. आखिरकार हमें कोर्ट से इजाजत मिल गई. यह गणपति भक्तों की जीत है.
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