बेंगलुरु: कर्नाटक चुनाव में बुजुर्गों और दिव्यांगों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि चुनाव आयोग की ओर से विशेष रूप से कराए गए चुनाव में बुजुर्गों और दिव्यांगों ने 97 फीसदी वोटिंग की. चुनाव आयोग ने पहली बार 80 साल से ज्यादा उम्र और 40 फीसदी से अधिक दिव्यांगों को घर से वोट करने की इजाजत दी थी. घर से मतदान करने के लिए पंजीकृत 99,529 मतदाताओं में से 94,931 मतदाताओं ने मतदान किया.
80 वर्ष से अधिक आयु के 80,250 पंजीकृत व्यक्तियों में से 76,120 ने अपने अधिकार का प्रयोग किया है. वहीं,19,279 दिव्यांग मतदाताओं ने पंजीकरण कराया जिसमें 18,811 मतदाताओं ने मतदान किया. चुनाव आयोग के मुताबिक, 97.57 फीसदी मतदान हुआ. इसके अलावा, 15,328 सेवा मतदाताओं ने पंजीकरण कराया है और 10,066 मतदाताओं ने मतदान किया है. इस तरह कुल मतदान प्रतिशत 65.67 प्रतिशत रहा.
बेलगाम जिले के 8636 मतदाताओं ने घर से किया मतदान : बेलगाम जिले में इस बार कुल 8636 मतदाताओं ने अपने घरों से मतदान कर रिकॉर्ड बनाया है. इसमें 80 वर्ष से ऊपर के 6975 वरिष्ठ नागरिक और 1661 विशेष दिव्यांग शामिल हैं. जिले में घर से मतदान करने के लिए 80 वर्ष से अधिक आयु के 7362 मतदाताओं और 1708 विशिष्ट व्यक्तियों सहित कुल 9070 लोगों ने अपना नाम दर्ज कराया था.
मतदाताओं में 103 वर्षीय शामिल: मतदान 29 से शुरू होकर 2 मई तक चला. संबंधित मतदान केंद्र में चुनाव के लिए नियुक्त अधिकारियों ने मतपेटी और मतपत्र लेकर पंजीकृत मतदाताओं के घर जाकर मतदान कराया. चिक्कोडी तालुक के इंगाली गांव के 103 साल और 4 महीने के महादेव महालिंगा माली ने मतदान कर राज्य के मतदाताओं को प्रेरित किया है. भारत निर्वाचन आयोग के मुख्य आयुक्त राजीव कुमार ने फोन कर महादेव माली को उनके मतदान करने पर बधाई दी. बड़ी संख्या में वरिष्ठ नागरिकों और मानसिक रूप से कमजोर लोगों के द्वारा मतदान करने पर चुनाव आयोग उत्साहित है. इस तरह घर से मतदान कर अपने कर्तव्य की भावना का परिचय दिया है.