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कर्नाटक के एक और BJP नेता ने राजनीति से संन्यास की घोषणा की, कहा- 'मेरी ईमानदारी मुझपर भारी पड़ी'

कर्नाटक के पूर्व उप मुख्यमंत्री लक्ष्मण सावदी के बाद अब भाजपा के एक और नेता ने भी राजनीति से संन्यास लेने का फैसला कर लिया है. आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए टिकट से वंचित किये जाने के बाद इस नेता ने राजनीति से रिटायरमेंट लेने का आज ऐलान किया.

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Published : Apr 12, 2023, 4:18 PM IST

दक्षिण कन्नड़ : कर्नाटक में सत्तारूढ़ भाजपा को एक और झटका देते हुए, सुलिया निर्वाचन क्षेत्र से छह बार के विधायक, मत्स्य, बंदरगाह और अंतदेर्शीय जल परिवहन मंत्री एस. अंगारा ने आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए टिकट से इनकार किए जाने के बाद सक्रिय राजनीति से अपनी सेवानिवृत्ति की घोषणा की है. अंगारा को विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए टिकट से वंचित किया गया था. उन्होंने चुनाव प्रचार में भी हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया है. उन्हें सुलिया निर्वाचन क्षेत्र में अपराजेय राजा के रूप में जाना जाता है. उन्हें शुरुआत में एक बार हार का सामना करना पड़ा था और आज तक अजेय रहे हैं. उनकी जगह भागीरथी मुरुल्या ने ली है.

उन्होंने कहा कि मौजूदा विकास ने पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच संदेह पैदा कर दिया है कि किस पर भरोसा किया जाए. विकास उन लोगों के लिए टिकट दिखाता है जो लॉबिंग करते हैं और लॉबिंग नहीं करने वालों के लिए कोई टिकट नहीं है. अंगारा ने कहा कि मैं पार्टी और नेताओं के बारे में शिकायत नहीं करूंगा. मेरा ही कदम मेरे खिलाफ गया. बहुत हो चुकी राजनीति, यही अंत है. उन्होंने समझाया कि बिना किसी काले निशान के पार्टी और समाज के लिए इन सभी वर्षों से ईमानदार राजनीति के अभ्यास का सम्मान और सम्मान करने का यह तरीका नहीं है.

पढ़ें : karnataka Election : पूर्व उप मुख्यमंत्री लक्ष्मण सावदी ने भाजपा छोड़ने की घोषणा की

उन्होंने दोहराया, "मेरी खुद की ईमानदारी मेरे लिए एक बाधा साबित हुई है. लॉबिंग मेरा चरित्र नहीं है और यह एक असफलता साबित हुई है." पूर्व मंत्री के.एस. ईश्वरप्पा, वरिष्ठ नेता हलदी श्रीनिवास शेट्टी, एस.ए. रवींद्रनाथ ने चुनावी राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा की थी. पूर्व डीसीएम लक्ष्मण संगप्पा सावदी ने ऐलान किया था कि वह पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देंगे. घटनाक्रम ने साबित कर दिया है कि विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा के लिए एक कठिन कार्य है.

(आईएएनएस)

दक्षिण कन्नड़ : कर्नाटक में सत्तारूढ़ भाजपा को एक और झटका देते हुए, सुलिया निर्वाचन क्षेत्र से छह बार के विधायक, मत्स्य, बंदरगाह और अंतदेर्शीय जल परिवहन मंत्री एस. अंगारा ने आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए टिकट से इनकार किए जाने के बाद सक्रिय राजनीति से अपनी सेवानिवृत्ति की घोषणा की है. अंगारा को विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए टिकट से वंचित किया गया था. उन्होंने चुनाव प्रचार में भी हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया है. उन्हें सुलिया निर्वाचन क्षेत्र में अपराजेय राजा के रूप में जाना जाता है. उन्हें शुरुआत में एक बार हार का सामना करना पड़ा था और आज तक अजेय रहे हैं. उनकी जगह भागीरथी मुरुल्या ने ली है.

उन्होंने कहा कि मौजूदा विकास ने पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच संदेह पैदा कर दिया है कि किस पर भरोसा किया जाए. विकास उन लोगों के लिए टिकट दिखाता है जो लॉबिंग करते हैं और लॉबिंग नहीं करने वालों के लिए कोई टिकट नहीं है. अंगारा ने कहा कि मैं पार्टी और नेताओं के बारे में शिकायत नहीं करूंगा. मेरा ही कदम मेरे खिलाफ गया. बहुत हो चुकी राजनीति, यही अंत है. उन्होंने समझाया कि बिना किसी काले निशान के पार्टी और समाज के लिए इन सभी वर्षों से ईमानदार राजनीति के अभ्यास का सम्मान और सम्मान करने का यह तरीका नहीं है.

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उन्होंने दोहराया, "मेरी खुद की ईमानदारी मेरे लिए एक बाधा साबित हुई है. लॉबिंग मेरा चरित्र नहीं है और यह एक असफलता साबित हुई है." पूर्व मंत्री के.एस. ईश्वरप्पा, वरिष्ठ नेता हलदी श्रीनिवास शेट्टी, एस.ए. रवींद्रनाथ ने चुनावी राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा की थी. पूर्व डीसीएम लक्ष्मण संगप्पा सावदी ने ऐलान किया था कि वह पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देंगे. घटनाक्रम ने साबित कर दिया है कि विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा के लिए एक कठिन कार्य है.

(आईएएनएस)

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