नई दिल्ली/बेंगलुरु: कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार (karnataka dy cm dk shivakumar) ने कहा है कि एआईसीसी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बारे में अपमानजनक बयान देने वाले भाजपा नेता अरागा ज्ञानेंद्र को बेंगलुरु के निमहंस अस्पताल भेज दिया जाना चाहिए. खड़गे के रंग और बालों के बारे में अरागा ज्ञानेंद्र के अपमानजनक बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए डीके शिवकुमार ने कहा, 'बेंगलुरु में निमहंस अस्पताल सबसे अच्छा है. वह प्रथम श्रेणी का अस्पताल है. वहीं अरागा ज्ञानेंद्र को भेजें.
बता दें कि वरिष्ठ नेताओं ने मंत्रियों समेत कर्नाटक के करीब 50 नेताओं की बैठक बुलाई है. वहीं लोकसभा चुनाव के मद्देनजर वे सभी राज्यों के नेताओं की बैठक कर रहे हैं. हालांकि कर्नाटक की बैठक कोई खास नहीं है. यह बैठक पहले बेंगलुरु में होनी थी. राहुल गांधी के साथ सभी मंत्रियों का फोटो सेशन भी हुआ. लेकिन केरल के पूर्व सीएम ओमन चांडी के निधन की वजह से बैठक रद्द कर दी गई थी जो अब दिल्ली में हो रही है. वहीं मंत्रियों की अलग से बैठक भी होगी. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव और पांच गारंटी योजनाओं के क्रियान्वयन पर चर्चा होगी.
उन्होंने कहा कि बेंगलुरु में ट्रैफिक जाम से राहत दिलाने के लिए टनल रोड और फ्लाईओवर रोड के निर्माण को लेकर वह केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से चर्चा करेंगे. कांग्रेस ने एआईसीसी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के रंग के बारे में अपमानजनक बात करने के लिए पूर्व गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र को तत्काल निष्कासित करने की मांग की है. कांग्रेस ने ट्वीट किया है कि 'अरागा ज्ञानेंद्र की राय दलितों के प्रति बीजेपी की अधीरता और उदासीनता को दर्शाती है. शरीर के रंग को लेकर इस अपमानजनक मामले से न सिर्फ खड़गे का अपमान हुआ, बल्कि खड़गे के नाम पर पूरे मूलनिवासी दलितों का भी अपमान हुआ.' रंग के शोषण और अपमान को समाप्त करने के लिए वैश्विक स्तर पर आंदोलन हुए हैं. पश्चिमी देशों में त्वचा के रंग और शारीरिक बनावट को लेकर अपमान करना एक बड़े अपराध के तौर पर देखा जाता है. हालांकि, कांग्रेस ने यहां दलितों की त्वचा के रंग और रूप के कारण उनका अपमान करने में गर्व महसूस करने के लिए भाजपा की आलोचना की है.
उन्होंने कहा कि बेंगलुरु में ट्रैफिक जाम से राहत दिलाने के लिए टनल रोड और फ्लाईओवर रोड के निर्माण को लेकर वह केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से चर्चा करेंगे. कांग्रेस ने एआईसीसी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के रंग के बारे में अपमानजनक बात करने के लिए पूर्व गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र को तत्काल निष्कासित करने की मांग की है. कांग्रेस ने ट्वीट किया है कि 'अरागा ज्ञानेंद्र की राय दलितों के प्रति बीजेपी की अधीरता और उदासीनता को दर्शाती है. शरीर के रंग को लेकर इस अपमानजनक मामले से न सिर्फ खड़गे का अपमान हुआ, बल्कि खड़गे के नाम पर पूरे मूलनिवासी दलितों का भी अपमान हुआ.' रंग के शोषण और अपमान को समाप्त करने के लिए वैश्विक स्तर पर आंदोलन हुए हैं.
पश्चिमी देशों में त्वचा के रंग और शारीरिक बनावट को लेकर अपमान करना एक बड़े अपराध के तौर पर देखा जाता है. हालांकि, कांग्रेस ने यहां दलितों की त्वचा के रंग और रूप के कारण उनका अपमान करने में गर्व महसूस करने के लिए भाजपा की आलोचना की है. क्या भाजपा सभ्य राजनीति करना नहीं जानती? इन्हीं अरागा ज्ञानेंद्र ने पिछले दिनों तुलुनाडु (तटीय कर्नाटक) के देवताओं और मूल संस्कृति का अपमान किया था. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि अब उन्होंने उत्तर कर्नाटक के लोगों, दलित समुदाय, काले लोगों और देश के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे का अपमान किया है. अगर बीजेपी को दलितों के प्रति जरा भी सम्मान है तो अरागा ज्ञानेंद्र को बाहर कर देना चाहिए.
वहीं कांग्रेस ने ट्वीट कर मांग की कि ज्ञानेंद्र को मल्लिकार्जुन खड़गे और दलितों से माफी मांगनी चाहिए. रंग के आधार पर कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे की आलोचना करने वाले तीर्थहल्ली के विधायक अरागा ज्ञानेंद्र के आरोप पर प्रतिक्रिया देते हुए, चालवाडी नारायणस्वामी ने कहा, 'किसी के रंग के बारे में बात करना गलत है, किसी के बारे में व्यक्तिगत रूप से इस तरह से बात करना सही नहीं है.' कर्नाटक के वन्यजीव और पर्यावरण मंत्री सी ईश्वर खंड्रे ने खेद व्यक्त किया है कि भाजपा उस देश में नस्लवाद को बढ़ावा दे रही है जहां महात्मा गांधी का जन्म हुआ था. अरागा ज्ञानेंद्र ने न केवल राष्ट्रीय कांग्रेस अध्यक्ष और दलित नेता मल्लिकार्जुन खड़गे का बल्कि राज्य और पूरे कल्याण कर्नाटक के लोगों का अपमान किया है, जो पूर्व मंत्री की गरिमा को नहीं दर्शाता है.
मल्लिकार्जुन खड़गे पर आपत्तिजनक बयान पर पूर्व मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने जताया खेद
पूर्व मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने राष्ट्रीय कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बारे में आपत्तिजनक बयान देने पर खेद जताया है. उन्होंने इसे लेकर कई ट्वीट किए हैं और कहा है कि समस्याओं का समाधान करने के बजाय कांग्रेस को इस तरह के राजनीति से प्रेरित बयान देना बंद करना चाहिए. दलितों का सम्मान करना हमें कांग्रेस से सीखने की जरूरत नहीं है. इतिहास गवाह है कि कांग्रेस ने डॉ. अंबेडकर के साथ कैसा व्यवहार किया. उन्होंने कहा कि राज्य की जनता मूर्ख नहीं है.
मैंने इस अर्थ में बयान दिया है कि चूंकि अधिकांश वन मंत्री उस क्षेत्र के लोगों के प्रतिनिधि हैं, इसलिए उन्हें मालेनाडु के लोगों और यहां के पेड़ों की समस्या के बारे में जानकारी नहीं है. कांग्रेसी बयानों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने और उन्हें अपनी राजनीतिक शरारतों के लिए इस्तेमाल करने में पीछे नहीं रहते. मैंने अभी उत्तरी कर्नाटक के गर्म मौसम का उल्लेख किया और इसके लिए खड़गे का उदाहरण दिया. उन्होंने कहा कि कर्नाटक के वन मंत्री ईश्वर खंड्रे की आलोचना करते हुए मैंने किसी और के नाम का गलत उच्चारण किया है, जिसके लिए मुझे खेद है. राष्ट्रीय राजनीति में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल करने वाले खड़गे के प्रति मेरे मन में बहुत सम्मान है. उन्होंने कहा, 'मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि आप मेरे बारे में कुछ और न सोचें.'
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