बेंगलुरु: कर्नाटक में कोरोना की खतरनाक रफ्तार देखने को मिल रही है. पिछले 24 घंटों में कोरोना के 12 हजार नए मामले आ गए हैं. इस विस्फोटक रफ्तार के बीच कांग्रेस ने रविवार को 10 दिवसीय विरोध मार्च शुरू किया था. इसका प्रतिनिधित्व पूर्व सीएम सिद्धारमैया और राज्य कांग्रेस प्रमुख डीके शिवकुमार कर रहे थे. इस विरोध प्रदर्शन में कई कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया था और सोशल डिस्टेंसिंग का कोई ख्याल नहीं रखा गया.
क्यों भड़क गए डीके शिवकुमार?
अब कर्नाटक सरकार ने ऐसे में डीके शिवकुमार (karnataka congress leader dk shivakumar) के घर पर कोरोना जांच टीम भेज दी थी. उस टीम को कहा गया था कि डीके शिवकुमार का आरटीपीसीआर टेस्ट करवाना है, लेकिन उन लोगों को अपने निवास पर देख कांग्रेस नेता बुरी तरह भड़क गए. उन्होंने सरकार पर तो निशाना साधा ही, टेस्ट लेने आए लोगों को भी चेतावनी दे डाली. उन्होंने कहा कि मुझे कोविड टेस्ट करवाने के लिए कोई भी फोर्स नहीं कर सकता है, मुझे कोई हाथ नहीं लगाएगा.
उन्होंने कहा कि मैंने सीएम से ऐसी उम्मीद नहीं की थी. अगर इनके स्वास्थ्य मंत्री चाहे तो अपना सैंपल दे सकते हैं. क्या मै कोई एयरपोर्ट से बाहर आया था क्या. मुझे भी कानून पता है. मेरे खिलाफ शिकायत करनी है तो कर लें, लेकिन मैं कोई सैंपल नहीं देने वाला हूं. अब डीके शिवकुमार ने टेस्ट करवाने से तो मना किया ही, इससे पहले कोरोना को लेकर भी एक बयान दिया.
शिवकुमार ने कर्नाटक सरकार पर झूठी कोविड पॉजिटिव रिपोर्ट देने का आरोप लगाया
वहीं, कांग्रेस की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष डी के शिवकुमार (karnataka congress leader dk shivakumar) ने सोमवार को राज्य की भाजपा सरकार पर कांग्रेस की पदयात्रा में बाधा खड़ी करने की मंशा से झूठी कोविड-19 पॉजिटिव रिपोर्ट देने का आरोप लगाया एवं इसकी न्यायिक जांच की मांग की. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मार्च को बाधित करने के लिए किसी तरह उन्हें कोविड संक्रमित घोषित करने की साजिश है. शिवकुमार ने कहा, कर्नाटक सरकार किसी भी तरह इस पदयात्रा को रोकने के लिए मेरे और मेरी पार्टी के विरूद्ध साजिश रच रही है, यही उसका मुख्य कार्यक्रम है. कल रात सहायक उपायुक्त को मेरी जांच करवाने एवं मेरी पॉजिटिव रिपोर्ट हासिल करने के लिए मेरे पास भेजा गया था.
पदयात्रा के दूसरे दिन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने पत्रकारों से कहा, वह (सरकार) झूठी पॉजिटिव रिपोर्ट दे रही है, इसलिए जांच होनी चाहिए..... वह (सरकार) राजनीति की खातिर पाबंदियां लगाकर लोगों की जिंदगी खत्म करने का प्रयास कर रही है। मैं बताये जा रहे मामलों की न्यायिक जांच की मांग करता हूं. उन्होंने कहा, बढ़ती संक्रमण दर भाजपा की है. यह भाजपा का पॉजिटिव है, भाजपा का कोविड है, भाजपा का ओमीक्रोन है, भाजपा का लॉकडाउन और कर्फ्यू है. लोगों को रोग नहीं होने के बाद भी वह ऐसा दिखा रही है.
इस बीच, कल शाम उनकी कोविड-19 जांच के लिए गये अधिकारियों को शिवकुमार द्वारा कथित रूप से डांटने का एक वीडियो सोशल वीडियो पर वायरल हो गया है. वीडियो में वह ऊंची आवाज में बोलते नजर आ रहे हैं, ....मैं फिट और ठीक हूं. आप मुझे मजबूर नहीं कर सकते. मैं कानून जानता हूं. इस पर, मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा, हम (सरकार) न केवल उनकी बल्कि अन्य लोगों की सेहत की भी चिंता करते हैं, जो कल उनके साथ इतनी दूर तक चले. उनके स्वास्थ्य की जांच करना स्वास्थ्य विभाग का कर्तव्य और उदारता है, इस बात को समझे बगैर ही उन्होंने ऐसा आचरण किया, इस संबंध में हम कुछ नहीं कर सकते, यह उनकी संस्कृति है.
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इस बीच, पुलिस ने कोविड-19 पाबंदियों के बावजूद पदयात्रा निकालने को लेकर शिवकुमार (karnataka congress leader dk shivakumar), विधानसभा में विपक्ष के नेता सिद्धरमैया और बेंगलुरु ग्रामीण के सांसद डी के सुरेश समेत करीब 30 कांग्रेस नेताओं एवं अन्य के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज की.
इनपुट-भाषा