बेंगलुरु: कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया (Chief Minister Siddaramaiah) ने बुधवार को सर्वदलीय नेताओं के साथ बैठक के बाद कावेरी जल बंटवारे के मुद्दे पर चर्चा की. इस दौरान सीएम ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे और कावेरी जल विनियमन समिति के समक्ष भी याचिका दायर करेंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि हम संसद के विशेष सत्र से पहले इस मुद्दे पर चर्चा के लिए अपने सांसदों को बुलाने के बारे में भी सोच रहे हैं.
बता दें कि विधानसभा के कॉन्फ्रेंस हॉल में कावेरी जल विवाद को लेकर सीएम सिद्धारमैया की अध्यक्षता में आयोजित की सर्वदलीय बैठक विशेष आपात बैठक में सभी दलों के नेता और सांसद ने भाग लिया. बैठक के बाद सीएम सिद्धारमैया ने मीडिया से बातचीत में कहा कि चूंकि राज्य भारी बारिश की कमी का सामना कर रहा है इस वजह से हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार तमिलनाडु को पानी छोड़ने की स्थिति में नहीं हैं.
उन्होंने कहा कि कर्नाटक में इस साल सूखा पड़ा है. इस बार भारी मात्रा में बारिश की कमी हुई है. बांधों में पानी नहीं है. आने वाले दिनों में पीने के पानी की समस्या होने की आशंका है. ऐसे में यह तमिलनाडु को पानी की आपूर्ति करना संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि राज्य को कुल 162 टीएमसी पानी की आवश्यकता है और वर्तमान में कावेरी बेसिन में उपलब्ध पानी केवल 53 टीएमसी है. ऐसे में यदि 37 टीएमसी पानी छोड़ा जाता है तो केवल 20 टीएमसी से कम पानी बचेगा. इसलिए, हम पानी छोड़ने की स्थिति में नहीं हैं.
सिद्धारमैया ने कहा कि कावेरी जल नियंत्रण समिति ने 5 हजार क्यूसेक पानी छोड़ने का सुझाव दिया है. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के पिछले आदेश का पालन नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि पानी की कमी को लेकर हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे. कावेरी जल नियंत्रण समिति के समक्ष आवेदन प्रस्तुत कर बहस की जाएगी. सीएम ने कहा कि संसद के विशेष सत्र से पहले इस मुद्दे पर चर्चा की गई है. सिद्धारमैया ने कहा कि कावेरी विवाद पर चर्चा करने और राज्य की स्थिति समझाने के लिए प्रधानमंत्री के पास एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ले जाने का निर्णय लिया गया है. साथ ही उन्होंने कहा कि हम दिल्ली में सभी सांसदों से मिलेंगे और उन्हें इस बारे में मनाएंगे.
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