बेंगलुरु: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने शुक्रवार को भाजपा पर मूर्तियां रखने और विचारों को दबाने की प्रथा का सहारा लेने का आरोप लगाते हुए कहा कि संविधान का विरोध करने वाली भाजपा वास्तुकार बी.आर. अंबेडकर की मूर्ति रख कर नाटक कर रही है. उन्होंने राज्य के दलित संगठनों द्वारा यहां टाउन हॉल में आयोजित 'भीम संकल्प' सम्मेलन को संबोधित करते हुए दलित संगठनों से 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी-आरएसएस को हराने का आह्वान किया.
अंबेडकर ने संविधान लागू होने से एक दिन पहले एक ऐतिहासिक भाषण दिया था और चेतावनी दी थी कि अगर सामाजिक और आर्थिक असमानता को दूर नहीं किया गया तो देश की स्वतंत्रता उसके लोगों द्वारा ही नष्ट कर दी जाएगी. उन्होंने कहा, 'जाति के आधार पर समाज प्रगति नहीं कर सकता. संवैधानिक मूल्यों को सामाजिक और आर्थिक अवसर प्रदान करने चाहिए और मेरी राजनीतिक प्रतिबद्धता लोगों को ऐसे अवसर प्रदान करेगी.'
सिद्धारमैया ने कहा कि न तो तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और न ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े के खिलाफ कोई कार्रवाई की, जिन्होंने कहा था कि वे संविधान को बदलने के लिए सत्ता में आए थे. उन्होंने कहा, 'लेकिन, हमने और आपने संविधान को बदलने आए लोगों को बदल दिया है.' उन्होंने आह्वान किया कि 2024 में भी इसे दोहराया जाना चाहिए.
मुख्यमंत्री ने एक्य होरता चालन समिति (Aikya Horata Chaalana Samiti) द्वारा प्रस्तुत 13 मांगों का उल्लेख करते हुए कहा कि कई मांगों को पहले ही पूरा कर दिया गया है और वादा किया गया है कि बाकी भी किया जाएगा.उन्होंने कहा, 'देश की जनता से किए गए वादों को पूरा करने में विफल रहने वाली भाजपा हमारे वादों को लागू करने के लिए हमारी आलोचना कर रही है.
भाजपा गरीबों और मध्यम वर्ग के कल्याण के लिए हमारी ओर से दी गई गारंटियों को विफल करने की कोशिश कर रही है. इसलिए यह लोगों में भ्रम पैदा करने की कोशिश कर रही है. हमारी गृह लक्ष्मी योजना राज्य के 85 प्रतिशत से अधिक लोगों तक पहुंचेंगी. उन्होंने कहा कि अन्य गारंटी योजनाएं भी बड़ी संख्या में लोगों तक पहुंचेंगी.