बेंगलुरु: कर्नाटक विधानसभा (Karnataka assembly) में हंगामे के बीच सदन ने दो विधेयकों कर्नाटक मंत्री वेतन एवं भत्ता (संशोधन) विधेयक, 2022 और कर्नाटक विधानमंडल वेतन, पेंशन और भत्ते (संशोधन) विधेयक 2022 को पारित किया. इसके अलावा राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव को बिना किसी चर्चा के स्वीकार कर लिया गया.
सरकार ने विधेयकों को पेश करते हुए कहा था कि ये काफी लंबे समय से लंबित हैं और महंगाई बढ़ गई है. वेतन वृद्धि के परिणामस्वरूप प्रति वर्ष लगभग 92.4 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. मंत्रियों के वेतन और भत्तों संबंधी विधेयक में मुख्यमंत्री का वेतन 50,000 रुपये से बढ़ाकर 75000 रुपये प्रति माह, मंत्रियों के वेतन को 40000 रुपये से बढ़ाकर 60000 रुपये और दोनों के लिए सहायक भत्ता तीन लाख रुपये से बढ़ाकर 4.50 लाख रुपये प्रतिवर्ष करने का प्रावधान है.
इसमें मंत्रियों के आवास किराया भत्ते को 80000 रुपये प्रति माह से बढ़ाकर 1.20 लाख रुपये करने का भी प्रस्ताव है जबकि आवास के रखरखाव और उद्यानों के रखरखाव संबंधी भत्ते को 20000 रुपये प्रति माह से बढ़ाकर 30000 रुपये कर दिया गया है. साथ ही उनके पेट्रोल खर्च को एक हजार से बढ़ाकर दो हजार लीटर कर दिया गया है. मंत्रियों के यात्रा भत्ते को बढ़ाकर प्रतिदिन 2500 रुपये कर दिया गया है.
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इस बीच विधानमंडल के वेतन, पेंशन और भत्तों संबंधी विधेयक में विधानसभा अध्यक्ष और विधान परिषद अध्यक्ष के मासिक वेतन को 50000 रुपये से बढ़ाकर 75000 रुपये करने का प्रस्ताव है, जबकि नेता प्रतिपक्ष के मासिक वेतन को 40000 रुपये से बढ़ाकर 60000 रुपये करने का प्रावधान है. इसमें विधायकों और एमएलसी के वेतन को 25000 रुपये से बढ़ाकर 40000 रुपये प्रति माह करने का भी प्रस्ताव है. विधानसभा अध्यक्ष और विधान परिषद अध्यक्ष के लिए सहायक भत्ता तीन लाख रुपये से बढ़ाकर चार लाख रुपये प्रति वर्ष किया जाएगा.
(पीटीआई)