हुबली: पूर्व सीएम जगदीश शेट्टार के भाजपा का साथ छोड़ने और कांग्रेस में शामिल होने के साथ ही भाजपा खेमा भी सतर्क हो गया है. शेट्टार के कांग्रेस में शामिल किए जाने से चिंतित भारतीय जनता पार्टी के नेता रणनीति बना रहे हैं कि लिंगायत समुदाय बीजेपी से नाराज न हो. बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ताओं और जगदीश शेट्टार के समर्थकों को बांधने का प्रयास किया जा रहा है. इसके लिए बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा हुबली धारवाड़ में आने वाले हैं.
पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार कांग्रेस में शामिल हो गए और इससे बीजेपी को तगड़ा झटका लगा है. लिंगायत नेता जगदीश शेट्टार के प्रशंसक उत्तर कर्नाटक के हर निर्वाचन क्षेत्र में पार्टी छोड़ने से डरते हैं. इसलिए बीजेपी नेताओं ने राष्ट्रीय अध्यक्ष को यहां बुलाने का फैसला किया है. जानकारी सामने आ रही है कि जेपी नड्डा मंगलवार शाम हुबली पहुंचेंगे. वह दो दिनों तक हुबली में रहेंगे और हुबली-धारवाड़ मध्य क्षेत्र में दो कार्यक्रमों में भाग लेंगे.
जेपी नड्डा केंद्रीय निर्वाचन क्षेत्र में प्रचार करेंगे, जहां शेट्टार चुनाव लड़ रहे हैं. पार्टी के पदाधिकारी बैठक बुलाएंगे और कार्यकर्ताओं से बातचीत कर चेतावनी देंगे कि कोई भी शेट्टार से हाथ न मिलाए. बुधवार को वह थुकसाविरा मठ और सिद्धारूढ़ मठ जाएंगे और केंद्रीय निर्वाचन क्षेत्र में पार्टी के लिए प्रचार करेंगे. बाद में वह मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई द्वारा नामांकन पत्र जमा करने के कार्यक्रम में भाग लेंगे. जगदीश शेट्टर ने बी फार्म लिया है और नामांकन जमा करने की तैयारी कर रहे हैं.
बीजेपी ने अब तक अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है. अब लिंगायत समुदाय के दो नेता शेट्टार के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं. पिछली बार कांग्रेस से चुनाव लड़ने वाले और शेट्टार से हारने वाले भाजपा महासचिव महेश तेंगिनाकाई और डॉ. महेश नलवाड़ा के नाम चर्चा में हैं. दोनों में से किसी एक का टिकट पक्का बताया जा रहा है. जगदीश शेट्टार, जिन्होंने भाजपा छोड़ दी है, जिसके बाद कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने उनके इस कदम का स्वागत किया है.
कांग्रेस के टिकट के दावेदार रहे रजत उल्लागद्दीमठ और अनिल कुमार पाटिल ने इसका स्वागत किया है और कह रहे हैं कि कांग्रेस 30 साल बाद केंद्रीय निर्वाचन क्षेत्र में जीतती है तो काफी है. बहरहाल, बीजेपी के लिए यह एक हॉट टॉपिक है और चुनाव का अखाड़ा इस बात पर टिका होगा कि बीजेपी का उम्मीदवार कौन बनेगा. खासतौर से पिछले 40 साल से साथ राजनीति में रहे जोशी और शेट्टार अब ऐसी स्थिति में आ गए हैं, जहां हठपूर्वक चुनाव होंगे. मतदाताओं को इंतजार करना होगा और देखना होगा कि वे किसका हाथ पकड़ते हैं.