बसवराज बोम्मई, भाजपा, शिगांव : 28 जनवरी 1960 को हुबली में जन्मे बसवराज बोम्मई इस समय राज्य के सीएम भी हैं. 2008 में, बसवराज बोम्मई, जो हावेरी जिले में शिगामवी विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए थे.
सिटी रवि, भाजपा, चिकमंगलूर : चिकमगरवल्ली थिम्मे गौड़ा रवि, जिन्हें सीटी रवि के नाम से जाना जाता है. भारतीय जनता पार्टी से जुड़े रवि कर्नाटक के चिकमगलूर जिले के रहने वाले हैं. वह चिकमंगलूर से चार बार विधायक रह चुके हैं.
बीवाई विजयेंद्र, भाजपा, शिकारीपुरा : चिकमगरवल्ली थिम्मे गौड़ा रवि, जिन्हें सीटी रवि के नाम से जाना जाता है. भारतीय जनता पार्टी से जुड़े रवि कर्नाटक के चिकमगलूर जिले के रहने वाले हैं. वह चिकमंगलूर से चार बार विधायक रह चुके हैं.
लक्ष्मण सावदी, कांग्रेस, अथानी : इस बार अथानी की विधानसभा सीट इस बार लक्ष्मण सावदी के कारण चर्चा में है. अथानी कर्नाटक राज्य के बेलगाम जिले के अंतर्गत आता है. बदले राजनीतिक परिदृश्य के चलते पूर्व डिप्टी सीएम लक्ष्मण सावदी अब प्रदेश की राजनीति के केंद्र में हैं.
बसनगौड़ा आर. पाटिल (यतनाल), भाजपा, बीजापुर सिटी : चुनाव प्रचार के दौरान अपने विवादित बयानों के कारण चर्चा में रहने वाले बसनागौड़ा पाटिल यतनाल इस समय भी इस सीट से विधायक है. यतनाल अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री रहने के दौरान रेल और कपड़ा राज्य मंत्री के रूप में भी काम कर चुके हैं.
जगदीश शेट्टार, कांग्रेस, हुबली-धारवाड़ सेंट्रल : भारतीय जनता पार्टी की टिकट पर हुबली धारवाड़ सेंट्रल विधानसभा सीट से लगातार छह बार विधायक रहे और पूर्व सीएम जगदीश शेट्टार इस बार कांग्रेस की टिकट पर मैदान में हैं. वह एक मजबूत लिंगायत नेता माने जाते हैं. लगभग 40 साल से भाजपा के साथ जुड़े हुए थे. अब कांग्रेस में शामिल होकर नई राजनीतिक यात्रा शुरू कर रहे हैं.
एचडी कुमार स्वामी, जेडीएस, चन्नापटना : हरदनहल्ली देवेगौड़ा कुमारस्वामी का जन्म 16 दिसंबर 1959 को हुआ. वह देश के पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के पुत्र हैं. प्रदेश में उनके प्रसंशक उन्हें कुमारन्ना (बड़े भाई) के रूप में जानते हैं. वह राजनीति के अलावा व्यवसाय भी करते हैं. जिन्होंने 23 मई 2018 से 23 जुलाई 2019 तक कर्नाटक के 12वें मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया.
अरागा ज्ञानेंद्र, भाजपा, तीर्थहल्ली : अरागा ज्ञानेंद्र तीर्थहल्ली विधानसभा सीट से भाजपा के उम्मीदवार हैं. उनके नाम अपने आप में एक अनूठा रिकॉर्ड है. वह एक ही पार्टी और एक ही विधानसभा सीट से लगातार दसवीं वार चुनाव मैदान में हैं. साल 2018 के विधानसभा चुनाव में भी उन्हें तीर्थहल्ली विधानसभा सीट से जीत मिली थी.
सीपी योगेश्वर, भाजपा, चन्नापटना : चक्केरे पुत्तमदगौड़ा योगेश्वर उर्फ सीपी योगेश्वर कन्नड़ फिल्म उद्योग के एक प्रमुख अभिनेता और राजनेता हैं. वह चन्नापटना से विधायक थे और अब वे विधान परिषद के सदस्य हैं. 2023 के चुनावों में, उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के खिलाफ चन्नपटना निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा.
डीके शिवकुमार, कांग्रेस, कनकपुरा : डोड्डा अलाहल्ली केम्पेगौड़ा शिवकुमार (डीके शिवकुमार) राज्य की राजनीति में एक लोकप्रिय नेता हैं. वह कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) के अध्यक्ष हैं. ओक्कालिगा समुदाय के एक प्रभावशाली नेता हैं. कांग्रेस आलाकमान के साथ उनके अच्छे संबंध हैं और मुख्यमंत्री बनने की सूची में भी वे पहले नंबर पर हैं. शिवकुमार का जन्म 15 मई 1962 को कनकपुर तालुक के डोड्डा अलाहल्ली गांव के केम्पेगौड़ा और गौरम्मा के यहां हुआ था.
केजी जॉर्ज, कांग्रेस, सर्वजन नगर : कांग्रेस पार्टी के प्रभावशाली नेता रहे केजे जॉर्ज इससे पहले राज्य के गृह मंत्री के तौर पर काम कर चुके हैं. जॉर्ज सिद्धारमैया के मंत्रिमंडल में गृह और बैंगलोर विकास और शहरी नियोजन मंत्री थे. उन्होंने एचडी कुमारस्वामी कैबिनेट में बड़े और मध्यम उद्योग मंत्री के रूप में भी काम किया है. वह एस बंगरप्पा सरकार में आवास और शहरी विकास मंत्री के रूप में काम कर चुके हैं. वे अब तक 5 बार विधायक चुने जा चुके हैं.
महेश तेंगिनाकाई, भाजपा, हुबली-धारवाड़ केंद्रीय : हुबली-धारवाड़ केंद्रीय विधानसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने वाले महेश तेंगिनाकाई इस चुनाव में सबसे लोकप्रिय जननेताओं में से एक हैं. इसकी वजह हैं पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार. करीब चार दशक तक जनसंघ और बीजेपी के साथ रहे जगदीश शेट्टार टिकट गंवाने के बाद न सिर्फ कांग्रेस में शामिल हुए बल्कि शिष्य महेश तेंगिनाकाई के खिलाफ उम्मीदवार के तौर पर चुनाव भी उतर गये हैं.
एमबी पाटिल, कांग्रेस, बाबलेश्वर : एमबी पाटिल का जन्म 7 अक्टूबर 1964 को विजयपुरा में हुआ था, जो स्वर्गीय बीएम पाटिल के सबसे बड़े पुत्र थे, जो लगातार 25 वर्षों तक कर्नाटक विधानसभा के सदस्य रहे. उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा बैंगलोर, विजयपुर में प्राप्त की और 1991 में बीई सिविल की पढ़ाई पूरी की. अपने पिता के असामयिक निधन के बाद, उन्होंने बीजापुर लिंगायत शैक्षणिक संस्थान का नेतृत्व संभाला.
प्रियांक खड़गे, कांग्रेस, चित्तपुर : चुनाव प्रचार के दौरान अपने विवादित बयानों के कारण चर्चा में रहने वाले बसनागौड़ा पाटिल यतनाल इस समय भी इस सीट से विधायक है. यतनाल अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री रहने के दौरान रेल और कपड़ा राज्य मंत्री के रूप में भी काम कर चुके हैं. वह पंचमसाली समुदाय के एक प्रभावशाली नेता माने जाते हैं. बसनागौड़ा येदियुरप्पा और अनंत कुमार की पीढ़ी के नेता माने जाते हैं.
आर अशोक, भाजपा, पद्मनाभनगर और कनकपुरा : आर. अशोक प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं. बैंगलोर में पद्मनाभनगर निर्वाचन क्षेत्र से लगातार चुनाव जीतते रहे हैं. वह वर्तमान मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के मंत्रिमंडल में राजस्व मंत्री थे. इस बार वह दो सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं.
रामालिंगा रेड्डी, कांग्रेस, बीटीएम लेआउट : सात बार विधायक चुने जा चुके रामालिंगारेड्डी कांग्रेस के वरिष्ठ और प्रभावशाली नेता हैं. इस बार उन्होंने बैंगलोर में बीटीएम विधानसभा क्षेत्र से अपनी दावेदारी पेश की है. चार बार जयनगर निर्वाचन क्षेत्र से जीतने के बाद परिसीमन के कारण, वह निर्वाचन क्षेत्र के पुनर्वितरण के बाद 2008 में नवगठित बीटीएम लेआउट निर्वाचन क्षेत्र में आए.
रमेश जराकीहोली, भाजपा, गोगक : साहूकार रमेश जराकीहोली बेलागवी जिले के एक प्रभावशाली राजनेता हैं. जो सरकार को गिराने की क्षमता रखते हैं. उन्हें किसी भी विरोधी से जीतने की क्षमता रखने वाला नेता माना जाता है. जरकीहोली के बड़े भाई पूर्व मंत्री रमेश जरकीहोली की पहचान एक अलग राजनेता के रूप में है.
आरवी देशपांडे, कांग्रेस, हलियाला : आरवी देशपांडे ने 10वीं बार हलियाला निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं. यह एक रिकॉर्ड है. वह 8 बार के विधायक है. और 9 वीं बार अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं. अगर वह यह चुनाव जीत जाते हैं तो वह मल्लिकार्जुन खड़गे के रिकॉर्ड की बराबरी कर लेंगे. आरवी देशपांडे को पहले सुनील हेगड़े ने हराया था. फिर उन्होंने जेडीएस से चुनाव लड़ा. देशपांडे राज्य के सबसे वरिष्ठ विधायकों में से एक हैं.
सतीश जरकीहोली, कांग्रेस, यमकानामाराडी : केपीसीसी के कार्यकारी अध्यक्ष सतीश जरकीहोली एक प्रभावशाली राजनेता हैं. अंधविश्वास के खिलाफ सामाजिक जागरूकता पैदा करने के मुहीम से उनकी खास पहचान बनी. वह राज्य में अपनी तरह के अद्वितीय राजनेता के रूप में पहचाने जाते हैं. हाल के दिनों में कांग्रेस पार्टी में उनकी साख और बढ़ी है. बुद्ध, बसव और अंबेडकर के सिद्धांतों में विश्वास रखने वाले सतीश जरकीहोली मानव रिश्तेदारी मंच के माध्यम से राज्य भर में सामाजिक बदलाव के लिए काम कर रहे हैं.
शमनूर, कांग्रेस, शिवशंकरप्पा : कांग्रेस नेता शमनूर शिवशंकरप्पा विधानसभा सीट और राज्य की राजनीति के अनुभवी और वरिष्ठ राजनेताओं में से एक हैं. वह लिंगायत समुदाय के एक महत्वपूर्ण नेता भी हैं. वे वीरशैव लिंगायत महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं और उनका राजनीतिक जीवन काफी दिलचस्प है. खास बात यह है कि शमनूर शिवशंकरप्पा ने 60 साल की उम्र में राजनीति में कदम रखा था. अब वह 92 साल के हैं. यानी उन्हें राजनीति में आए 32 साल हो गए हैं.