सिद्दारमहुंडी: कर्नाटक विधानसभा चुनावों का बिगुल बजते ही, कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से एक्शन में आ गई है. जहां पार्टी के आलाकमान ने अपने स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी कर दी है, वहीं दूसरी ओर पार्टी के उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल करना भी शुरू कर दिया है.
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस पार्टी उम्मीदवार सिद्धारमैया ने बुधवार को राज्य की वरुणा विधानसभा सीट से अपना पर्चा भरा. लेकिन नामांकन दाखिल करने से पहले सिद्धारमैया सुबह अपने गृहनगर सिद्दारमहुंडी पहुंचे और गृह देवता सिद्धारमेश्वर से इस चुनावी रण में जीत की कामना की. इसके बाद उन्होंने गांव में श्री राम मंदिर में भी दर्शन किए और यहां पर भी जीत की मम्नत मांगी. इस बार कर्नाटक का चुनावी रण इसलिए भी रोचक है, क्योंकि सिद्धारमैया ने अपने पोते धवन राकेश का राजनीतिक डेब्यू कराया है.
नामांकन दाखिल करने से पहले चामुंडी हिल पहुंचे, सिद्धारमैया ने चामुंडेश्वरी देवी की पूजा की. मंदिर के बाहर उनके प्रशंसकों ने एक विशेष माला के साथ उनका स्वागत किया. चामुंडी देवी का दर्शन करने के बाद सिद्धारमैया उत्तराहल्ली मंदिर पहुंचे और त्रिपुरा सुंदरी देवी की पूजा की. सिद्धारमैया के साथ उनके बेटे यतींद्र सिद्धारमैया और पोते धवन राकेश भी नजर आए.
सिद्धारमैया ने नामांकन दाखिल करने से पहले दिवंगत राकेश सिद्धारमैया के बेटे धवन राकेश का जनता से तार्रुफ कराया. नंजनगुड बाहरी क्षेत्र में गोलूर के पास पार्टी द्वारा एक भव्य समारोह का आयोजन किया गया, जहां उन्होंने लोगों के सामने अपनी बात रखी. सिद्धारमैया ने राकेश सिद्धारमैया के बेटे और उनके पोते धवन राकेश को मंच की आगे वाली पंक्ति में ही बैठाया. उन्होंने मंच से अपना भाषण देते हुए धवन को बुलाया और लोगों से कहा, धवन, वरुण निर्वाचन क्षेत्र के एक भावी नेता हैं, ये मेरे उत्तराधिकारी हैं. यह मेरा आखिरी चुनाव है. उन्होंने यह भी बताया कि उनके बेटे यतींद्र भी आने वाले दिनों में राजनीति में कदम रखेंगे.
सिद्धारमैया ने जनता को संबोधित करते हुए कहा, मेरा पोता धवन राकेश, अभी 17 साल का है. अपनी पढ़ाई पूरी करके वह जल्द ही आपकी सेवा में आएगा. मेरे बेटे की समय से पहले मौत हो गई. वरुणा और चामुंडेश्वरी विधानसभा क्षेत्र के लोग राकेश को बहुत पसंद करते थे. मेरे पोते पर भी उनका उतना ही प्यार है. उन्हें धवन को आशीर्वाद देना चाहिए.
स्वर्गीय राकेश सिद्धारमैया के 17 वर्षीय बेटे धवन अपने दादा सिद्धारमैया के साथ ही हेलीकॉप्टर से यहां पहुंचे. सिद्धारमैया ने धवन का नाम लिए बिना पत्रकारों के सवाल का जवाब दिया और कहा कि वह अब 17 साल के हो गए हैं. अपने पोते के बारे में उन्होंने कहा कि धवन राकेश को पता चल गया है कि मैंने कैसे नामांकन दाखिल किया है.