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मेकेदातु बांध को लेकर कर्नाटक और तमिलनाडु आमने-सामने

कर्नाटक और तमिलनाडु के बीच मेकेदातु बांध विवाद (Mekedatu Dam dispute) मंगलवार को भी जारी रहा. एक ओर कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने कहा कि जलाशय पर काम शुरू किया जाएगा तो दूसरी ओर इसके खिलाफ तमिलनाडु और पुडुचेरी के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन किया गया.

कर्नाटक और तमिलनाडु आमने-सामने
कर्नाटक और तमिलनाडु आमने-सामने
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Published : Jul 13, 2021, 10:53 PM IST

बेंगलुरु/चेन्नई : कर्नाटक और तमिलनाडु (Karnataka and Tamilnadu) के बीच मेकेदातु बांध विवाद (Mekedatu Dam dispute) मंगलवार को भी जारी रहा. एक ओर कर्नाटक के मुख्यमंत्री (Chief Minister of Karnataka) बी एस येदियुरप्पा (B S Yediyurappa) ने कहा कि जलाशय पर काम शुरू किया जाएगा तो दूसरी ओर इसके खिलाफ तमिलनाडु और पुडुचेरी (Tamil Nadu and Puducherry) के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन किया गया.

केंद्रीय जलशक्ति मंत्री (Union Minister of Water Power) गजेंद्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat) ने जहां लंबित परियोजनाओं को लेकर कर्नाटक को न्याय का आश्वासन दिया, तो वहीं भाकपा के वरिष्ठ नेता डी राजा ने केंद्र से दोनों पड़ोसियों के बीच विवाद को टकराव में बदलने से रोकने का आग्रह किया.

मुख्यमंत्री ने बेंगलुरु में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के साथ चर्चा की. साथ ही राज्य में मेकेदातु व अन्य सिंचाई परियोजनाओं (irrigation projects) को लागू करने के लिए केंद्र से मंजूरी मांगी. मेकेदातु परियोजना को लेकर तमिलनाडु की आपत्ति से जुड़े एक सवाल के जवाब में येदियुरप्पा ने कहा कि मैं तमिलनाडु या किसी और राज्य के बारे में चर्चा नहीं करना चाहता. हमें पूरा हक है और हम काम शुरू करने जा रहे हैं.

'परियोजनाओं को पूरा करने में केंद्र से मिलेगी हरसंभव मदद'

केंद्रीय मंत्री से मुलाकात के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मेकेदातु समेत राज्य में सिंचाई परियोजनाओं को लेकर विस्तृत चर्चा हुई. उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर आने वाले दिनों में हम सभी परियोजनाओं को पूरा करने जा रहे हैं और वह (केंद्रीय मंत्री) केंद्र से हर तरह से मदद देंगे. उन्होंने हमें परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए केंद्र से मंजूरी प्रदान करने के संदर्भ में सभी मुद्दों के समाधान का आश्वासन दिया है.

शेखावत ने कहा कि मुख्यमंत्री और मंत्रियों के साथ बैठक में कर्नाटक से जुड़ी सभी सिंचाई परियोजनाओं पर चर्चा हुई और जल जीवन मिशन में हुई प्रगति की भी समीक्षा की गई. उन्होंने कहा कि मैंने कर्नाटक राज्य और मुख्यमंत्री को मेकेदातु समेत सभी लंबित परियोजनाओं को देखने का आश्वासन दिया है. मैंने आश्वासन दिया है कि मैं कर्नाटक से संबंधित मुद्दों को गहनता से देखूंगा. इस सभी चीजों के अध्ययन के बाद हम दिल्ली में एक बैठक आयोजित करेंगे. मैंने आश्वासन दिया कि कर्नाटक के साथ न्याय किया जाएगा.

पढ़ें : हम 'मेकेदातु परियोजना' का निर्माण करेंगे : कर्नाटक सीएम

राज्य के गृह मंत्री बसवराज बोम्मई (State Home Minister Basavaraj Bommai) ने कहा कि मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री को मेकेदातु परियोजना (Mekedatu Project) को लेकर स्थिति की जानकारी दी और उनसे मंजूरी का अनुरोध किया जो केंद्र सरकार के पास लंबित है.

बांध बनाने के प्रयासों की निन्दा

तमिलनाडु और पुडुचेरी में कावेरी डेल्टा क्षेत्र के कई हिस्सों में, कावेरी अधिकार पुनर्प्राप्ति समिति ने विरोध प्रदर्शन करते हुए कर्नाटक द्वारा बांध बनाने के प्रयासों की निंदा की. प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हाथापाई के दौरान कई स्थानों पर येदियुरप्पा के पुतले जलाए गए. तमिलनाडु में, कावेरी समिति के स्वयंसेवकों ने 'चलो मेकेदातु बांध रोकें' लिखे बैनर लेकर विरोध प्रदर्शन किया और येदियुरप्पा का पुतला जलाया. शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों सहित 28 स्थानों पर विरोध प्रदर्शन किया गया.

तंजावुर, कुंभकोणम, तिरुचिरापल्ली, मन्नारगुडी और चिदंबरम कावेरी डेल्टा क्षेत्र के उन स्थानों में शामिल रहे, जहां विरोध प्रदर्शन हुए. इस मामले पर कराईकल क्षेत्र के अधिकार की रक्षा के लिए पुडुचेरी में भी इसी तरह का विरोध प्रदर्शन किया गया. पुडुचेरी शहर के अलावा, तमिलनाडु में समिति के स्वयंसेवकों द्वारा कर्नाटक के मुख्यमंत्री के पुतले जलाए गए. इस दौरान कई स्थानों पर प्रदर्शनकारियों और पुलिस कर्मियों के बीच झड़प हुई.

पुलिस ने कई स्थानों पर प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर किया और कुछ देर के लिए हिरासत में भी लिया गया. भाकपा महासचिव डी राजा ने चेन्नई में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार (Narendra Modi Government) को मेकेदातु बांध परियोजना को लेकर तमिलनाडु और कर्नाटक के बीच विवाद को टकराव में बदलने देकर सत्ता में बने रहने की कोशिश नहीं करनी चाहिए.

उन्होंने कहा कि दोनों राज्यों को कावेरी नदी के पानी को साझा करने का समान अधिकार है और मेकेदातु बांध परियोजना पर तमिलनाडु की चिंता और कावेरी जल के लिए याचिका न्यायसंगत है. उन्होंने कहा कि केंद्र को दोनों राज्यों के बीच सद्भाव पैदा करना चाहिए और इस मुद्दे को सौहार्दपूर्ण ढंग से हल करना चाहिए. राजा ने कहा कि मोदी सहयोग और संघवाद की बात करते हैं. सहकारी संघवाद अब कहां गया ?

(पीटीआई-भाषा)

बेंगलुरु/चेन्नई : कर्नाटक और तमिलनाडु (Karnataka and Tamilnadu) के बीच मेकेदातु बांध विवाद (Mekedatu Dam dispute) मंगलवार को भी जारी रहा. एक ओर कर्नाटक के मुख्यमंत्री (Chief Minister of Karnataka) बी एस येदियुरप्पा (B S Yediyurappa) ने कहा कि जलाशय पर काम शुरू किया जाएगा तो दूसरी ओर इसके खिलाफ तमिलनाडु और पुडुचेरी (Tamil Nadu and Puducherry) के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन किया गया.

केंद्रीय जलशक्ति मंत्री (Union Minister of Water Power) गजेंद्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat) ने जहां लंबित परियोजनाओं को लेकर कर्नाटक को न्याय का आश्वासन दिया, तो वहीं भाकपा के वरिष्ठ नेता डी राजा ने केंद्र से दोनों पड़ोसियों के बीच विवाद को टकराव में बदलने से रोकने का आग्रह किया.

मुख्यमंत्री ने बेंगलुरु में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के साथ चर्चा की. साथ ही राज्य में मेकेदातु व अन्य सिंचाई परियोजनाओं (irrigation projects) को लागू करने के लिए केंद्र से मंजूरी मांगी. मेकेदातु परियोजना को लेकर तमिलनाडु की आपत्ति से जुड़े एक सवाल के जवाब में येदियुरप्पा ने कहा कि मैं तमिलनाडु या किसी और राज्य के बारे में चर्चा नहीं करना चाहता. हमें पूरा हक है और हम काम शुरू करने जा रहे हैं.

'परियोजनाओं को पूरा करने में केंद्र से मिलेगी हरसंभव मदद'

केंद्रीय मंत्री से मुलाकात के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मेकेदातु समेत राज्य में सिंचाई परियोजनाओं को लेकर विस्तृत चर्चा हुई. उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर आने वाले दिनों में हम सभी परियोजनाओं को पूरा करने जा रहे हैं और वह (केंद्रीय मंत्री) केंद्र से हर तरह से मदद देंगे. उन्होंने हमें परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए केंद्र से मंजूरी प्रदान करने के संदर्भ में सभी मुद्दों के समाधान का आश्वासन दिया है.

शेखावत ने कहा कि मुख्यमंत्री और मंत्रियों के साथ बैठक में कर्नाटक से जुड़ी सभी सिंचाई परियोजनाओं पर चर्चा हुई और जल जीवन मिशन में हुई प्रगति की भी समीक्षा की गई. उन्होंने कहा कि मैंने कर्नाटक राज्य और मुख्यमंत्री को मेकेदातु समेत सभी लंबित परियोजनाओं को देखने का आश्वासन दिया है. मैंने आश्वासन दिया है कि मैं कर्नाटक से संबंधित मुद्दों को गहनता से देखूंगा. इस सभी चीजों के अध्ययन के बाद हम दिल्ली में एक बैठक आयोजित करेंगे. मैंने आश्वासन दिया कि कर्नाटक के साथ न्याय किया जाएगा.

पढ़ें : हम 'मेकेदातु परियोजना' का निर्माण करेंगे : कर्नाटक सीएम

राज्य के गृह मंत्री बसवराज बोम्मई (State Home Minister Basavaraj Bommai) ने कहा कि मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री को मेकेदातु परियोजना (Mekedatu Project) को लेकर स्थिति की जानकारी दी और उनसे मंजूरी का अनुरोध किया जो केंद्र सरकार के पास लंबित है.

बांध बनाने के प्रयासों की निन्दा

तमिलनाडु और पुडुचेरी में कावेरी डेल्टा क्षेत्र के कई हिस्सों में, कावेरी अधिकार पुनर्प्राप्ति समिति ने विरोध प्रदर्शन करते हुए कर्नाटक द्वारा बांध बनाने के प्रयासों की निंदा की. प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हाथापाई के दौरान कई स्थानों पर येदियुरप्पा के पुतले जलाए गए. तमिलनाडु में, कावेरी समिति के स्वयंसेवकों ने 'चलो मेकेदातु बांध रोकें' लिखे बैनर लेकर विरोध प्रदर्शन किया और येदियुरप्पा का पुतला जलाया. शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों सहित 28 स्थानों पर विरोध प्रदर्शन किया गया.

तंजावुर, कुंभकोणम, तिरुचिरापल्ली, मन्नारगुडी और चिदंबरम कावेरी डेल्टा क्षेत्र के उन स्थानों में शामिल रहे, जहां विरोध प्रदर्शन हुए. इस मामले पर कराईकल क्षेत्र के अधिकार की रक्षा के लिए पुडुचेरी में भी इसी तरह का विरोध प्रदर्शन किया गया. पुडुचेरी शहर के अलावा, तमिलनाडु में समिति के स्वयंसेवकों द्वारा कर्नाटक के मुख्यमंत्री के पुतले जलाए गए. इस दौरान कई स्थानों पर प्रदर्शनकारियों और पुलिस कर्मियों के बीच झड़प हुई.

पुलिस ने कई स्थानों पर प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर किया और कुछ देर के लिए हिरासत में भी लिया गया. भाकपा महासचिव डी राजा ने चेन्नई में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार (Narendra Modi Government) को मेकेदातु बांध परियोजना को लेकर तमिलनाडु और कर्नाटक के बीच विवाद को टकराव में बदलने देकर सत्ता में बने रहने की कोशिश नहीं करनी चाहिए.

उन्होंने कहा कि दोनों राज्यों को कावेरी नदी के पानी को साझा करने का समान अधिकार है और मेकेदातु बांध परियोजना पर तमिलनाडु की चिंता और कावेरी जल के लिए याचिका न्यायसंगत है. उन्होंने कहा कि केंद्र को दोनों राज्यों के बीच सद्भाव पैदा करना चाहिए और इस मुद्दे को सौहार्दपूर्ण ढंग से हल करना चाहिए. राजा ने कहा कि मोदी सहयोग और संघवाद की बात करते हैं. सहकारी संघवाद अब कहां गया ?

(पीटीआई-भाषा)

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