करनाल : केंद्र सरकार के हर घर तिरंगा अभियान (Har Ghar Tiranga) को लेकर तैयारियां जोर-शोर से चल रही है. सरकारी विभागों से लेकर कुछ निजी संस्थान भी इस अभियान में अपनी भागीदारी निभा रहे हैं. हरियाणा के करनाल जिले का एक वृद्धाश्रम भी हर घर तिरंगा अभियान में बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहा है. आजादी के 75 साल के मौके को आजादी का अमृत महोत्सव (Azadi ka Amrit Mahotsav) के रूप में मनाया जा रहा है.
वृद्धाश्रम के बुजुर्ग बना रहे तिरंगा- करनाल का प्रेरणा वृद्धाश्रम लगभग 50 बुजुर्गों का घर है. यहां रहने वाले बुजुर्ग इन दिनों तिरंगा (karnal old age home making flags) बना रहे हैं. जिन्हें मुफ्त में लोगों को बांटा जा रहा है. हर घर तिरंगा अभियान को सफल बनाने के लिए वृद्धाश्रम के बुजुर्ग अपनी पूरी भागीदारी निभा रहे हैं. यहां मौजूद बुजुर्ग तिरंगा बनाते हैं और वृद्धाश्रम से जुड़े लोग इन्हें आस-पास के बाजार और घरों में निशुल्क बांट रहे हैं.
कोरोना में भी बुजुर्गों ने निभाई थी अपनी भूमिका- गौरतलब है कि इससे पहले इस वृद्धाश्रम के बुजुर्गों ने कोरोना काल में मास्क बनाकर मुफ्त में बांटे थे. वहीं जब सरकार ने प्लास्टिक बैन की मुहिम छेड़ी तो बुजुर्गों ने कपड़े के थैले बनाए थे. ताकि सरकार की सिंगल यूज प्लास्टिक को खत्म करने के अभियान को सफल बनाया जा सके और लोगों को कपड़े के थैले मिलें.
तिरंगे के साथ मिलता है बुजुर्गों का आशीर्वाद- प्रेरणा वृद्धाश्रम के संस्थापक जय भगवान सिंगला कहते हैं कि यहां के बुजुर्ग हर तीज त्योहार या सरकार के अभियान में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं. कोरोना काल में मास्क और प्लास्टिक बैन मुहिम में कपड़े के थैले बनाने के बाद ये बुजुर्ग अब घर घर तिरंगा पहुंचाने की मुहिम में जुट (Karnal old age home making tiranga) गए हैं. अब तक 500 तिरंगे बनाकर निशुल्क बांटे जा चुके हैं और तिरंगा बनाकर मुफ्त बांटने का ये अभियान आगे भी जारी रहेगा. ये झंडे इसलिये भी खास हैं क्योंकि इन झंड़ों के साथ बुजुर्गों का आशीर्वाद भी घर-घर पहुंच रहा है.
तिरंगे बनाने में आने वाला खर्च जय भगवान सिंगला ही वहन कर रहे हैं. उनके मुताबिक जब इन बुजुर्गों ने हर घर तिरंगा अभियान के बारे में सुना तो झंडे बनाकर इस अभियान से जुड़ने की पेशकश की. ये बुजुर्ग सिर्फ झंडे नहीं बना रहे बल्कि शहर के विभिन्न इलाकों में हर घर तिरंगा अभियान को लेकर लोगों को जागरुक भी कर (har ghar tiranga campaign in Haryana) रहे हैं. वृद्धाश्रम में बन रहे तिरंगे शहर के अलग-अलग इलाकों के बाजारों, घरों, फैक्ट्रियों आदि में मुफ्त बांटे जा रहे हैं. वृद्धाश्रम से जुड़े लोगों का कहना है (Tricolors being made in old age home) कि जिसे भी झंडे चाहिए वो हमसे संपर्क करें.
क्या कहते हैं वृद्धाश्रम के बुजुर्ग- वृद्धाश्रम में रहने वाले विजय दत्त शर्मा कहते हैं कि आजादी के मतवालों ने जिस तिरंगे के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए. हर घर तिरंगा अभियान के तहत तिरंगे को नमन करने के साथ-साथ अपने इतिहास को याद करने का मौका है. एक अन्य बुजुर्ग कहती हैं कि उम्र के आखिरी पड़ाव में भी वो हर घर तिरंगा अभियान से जुड़कर खुद को गौरवान्वित महसूस कर रही हैं. वो कहती हैं कि जैसे हम बुजुर्ग इस अभियान से जुड़ रहे हैं तो हमें देखकर आज का युवा भी इससे जुड़ेगा. देशभर के साथ हरियाणा में हर घर तिरंगा अभियान (Har Ghar Tiranga in Haryana) को सफल बनाने में ये बुजुर्ग अहम भूमिका निभा रहे हैं. साथ ही प्रेरणा वृद्धाश्रम के ये बुजुर्ग कई युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत भी हैं.