नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश को बताना चाहिए कि समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के लिए क्या प्रस्ताव है. कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि उत्तराखंड का सिविल कोड पूरे देश में लागू नहीं किया जा सकता.
सिब्बल ने कहा, 'सबसे पहले प्रधानमंत्री को देश को बताना चाहिए कि यूसीसी का प्रस्ताव क्या है और वे किन मुद्दों पर एकरूपता चाहते हैं. सिब्बल ने कहा, जब तक कोई प्रस्ताव सामने नहीं रखा जाता, तब तक (यूसीसी पर) बहस की कोई जरूरत नहीं है.
उन्होंने कहा कि 'उत्तराखंड की नागरिक संहिता को पूरे देश में लागू नहीं किया जा सकता. लोगों को कानून की पूरी जानकारी नहीं है, लेकिन चर्चा हो रही है.'
समान नागरिक संहिता (यूसीसी) की अवधारणा पिछले चार वर्षों से चर्चा का विषय रही है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मध्य प्रदेश में अपने हालिया सार्वजनिक संबोधन में समान कानून की वकालत करने के बाद यह एक बार फिर से फोकस में आ गया है.
पीएम मोदी ने कहा कि देश दो कानूनों से नहीं चल सकता और समान नागरिक संहिता संविधान का हिस्सा है.
पीएम मोदी ने कहा कि 'आज यूसीसी के नाम पर लोगों को भड़काया जा रहा है. देश दो (कानूनों) पर कैसे चल सकता है? संविधान भी समान अधिकार की बात करता है...सुप्रीम कोर्ट ने भी यूसीसी लागू करने को कहा है. ये (विपक्ष) लोग वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं.'
कार्मिक, लोक शिकायत, कानून और न्याय पर संसदीय स्थायी समिति ने गुरुवार को यूसीसी पर एक बैठक बुलाई, जिसके दौरान उसने कहा कि वह हितधारकों के विचारों को सुनेगी.
भाजपा के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी के नेतृत्व वाली समिति ने सभी 31 सांसदों और समिति के सदस्यों को सूचित किया कि 3 जुलाई की बैठक में यूसीसी पर उनके विचार मांगे जाएंगे और उन पर विचार किया जाएगा.
समिति के एजेंडे पर एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि 'सदस्यों को याद दिलाया जाता है कि कार्मिक, लोक शिकायत, कानून और न्याय पर विभाग-संबंधित संसदीय स्थायी समिति की अगली बैठक सोमवार, 3 जुलाई, 2023 को दोपहर 3 बजे होगी.'
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(ANI)