कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर के रायपुरवा निवासी साड़ी कारोबारी मनीष कानोडिया के बेटे कुशाग्र की हत्या ओमपुरवा फजलगंज निवासी प्रभात शुक्ला, उसकी मंगेतर रचिता और उसके दोस्त ओमपुरवा निवासी शिवा गुप्ता ने मिलकर की थी. इसमें मुख्य आरोपी प्रभात शुक्ला है, जिसने वारदात को अंजाम दिया. तीनों आरोपी पिछले तीन दिन से हत्या का प्लान बना रहे थे. इसके बाद सही मौका देखकर सोमवार को हत्या कर दी.
तीन दिन से कारोबारी के बेटे का पीछा कर रहे थे आरोपी: डीसीपी सेन्ट्रल प्रमोद कुमार ने बताया कुशाग्र शाम 4 बजे अपने घर से ट्यूशन पढ़ने के लिए निकलता था. पिछले 3 दिनों से कुशाग्र के पीछे प्रभात और शिवा घूम रह थे. उसकी हर गतिविधि पर नजर ऱख रहे थे. सोमवार को जब कुशाग्र निकला तो उसके आचार्य नगर स्थित घर से थोड़ी दूर पर जरीब चौकी के पास प्रभात पहुंचा और उसने कुशाग्र से कहा आओ बैठो. तुम्हें कोचिंग ड्राप कर देते हैं.
कॉफी पिलाने के बहाने कुशाग्र को प्रभात अपने ले गया था अपने घरः दरअसल कुशाग्र रचिता की वजह से प्रभात को पहचानता था, क्योंकि साल भर पहले रचिता कुशाग्र को पढ़ाने उसके जब घर जाती थी तो उसे प्रभात ही ड्राप करता था. विश्वास में आकर जब कुशाग्र प्रभात के साथ बैठ गया तो वह उसे लेकर अपने ओमपुरवा वाले घर पहुंचा. प्रभात ने रास्ते में कुशाग्र से कहा था, चलो तुम्हे कॉफी पिलाते हैं. फिर प्रभात उसे अपने घर के अंदर ले गया और हाता नुमा घर के कमरे में पहुंचते ही उसने कुशाग्र को बेहोश कर दिया. फिर उसका गला घोंटा और मार दिया. इस्के बाद प्रभात ने ये बात रचिता और शिवा को बता दी थी.
शिवा ने फेंका था पत्थर, फिर लिखा पत्र: शाम सात बजे से पहले कुशाग्र की हत्या हो चुकी थी. इसके बाद रात में 8 बजे के आसपास शिवा स्कूटर लेकर कुशाग्र के घर पहुंचा. वहां पुलिस को गुमराह करने के लिए उसने नीचे से कुशाग्र के अपार्टमेंट वाले घर में पत्थर फेंका. सभी आरोपियों ने ये सोचा था कि परिजन अपहरण मानकर उन्हें मोटी रकम दे देंगे. क्योंकि रचिता ने प्रभात और शिवा को बताया था कि कुशाग्र के घर पर अच्छा-खासा पैसा है. जब शिवा वापस आया, उसके बाद पुलिस हरकत में आ गई. इसी बीच आरोपियों ने बॉडी कहीं दूर फेंकने का भी प्लान बनाया था.
छोटे भाई आदित्य को भी पढ़ाती थी रचिता: कुशाग्र की ट्यूशन टीचर व आरोपी रचिता पिछले एक साल से उसके भाई आदित्य को पढ़ाती थी. इसी वजह से रचिता का कुशाग्र के घर पर आना-जाना भी था. पुलिस को मुख्य आरोपी प्रभात ने बताया कि वो ये बात जान चुका था कि कुशाग्र और रचिता के बीच अफेयर जैसी बातें हैं. जबकि कुशाग्र की उम्र 17 साल थी और रचिता की 21 साल. मुख्य आरोपी प्रभात ने कुशाग्र की हत्या के बाद उसका मोबाइल फोन जरीब चौकी स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर फेंक दिया था. जिससे पुलिस को उस पर शक न हो.
प्रभात के साथ लिव इन रिलेशन में रहती थी रचिता: पुलिस की पड़ताल में सामने आया कि रचिता प्रभात के साथ बिना शादी किए कई सालों से ओमपुरवा स्थित मकान में साथ रह रहीं थीं. रचिता दो साल प्रेग्नेंट भी हुई थीं. हालांकि उसका गर्भपात करा दिया गया था. वहीं प्रभात ने बीएससी की पढ़ाई कर रखी है. वह लौंग- इलायची बेचने का काम करता था. प्रभात के पिता सुनील शुक्ला होमगार्ड हैं. प्रभात का दोस्त शिवा एक सरकारी अस्पताल में कैंटीन में काम करता है.