जलपाईगुड़ी: विशेषज्ञों का मानना है कि पूर्वोत्तर भारत में कंगारुओं को कृत्रिम रूप (Kangaroos being reared artificially) से पाला जा रहा है. वहां से उनकी तस्करी भी की जा रही है. इस बीच असम के बरोबिशा में नियमित जांच के दौरान एक वयस्क कंगारू पाया गया. अलीपुरद्वार जिले में बांग्ला सीमा क्षेत्र पर दो तस्करों को भी गिरफ्तार किया गया है.
राज्य के वन विभाग ने पहले ही इस मामले की उच्च स्तरीय जांच शुरू कर दी है. जलपाईगुड़ी साइंस एंड नेचर क्लब के सचिव राजा राउत ने कहा कि हमें लगता है कि कंगारुओं को तस्करी के लिए लाया गया है. ऐसा माना जाता है कि इसे भारत के उत्तर-पूर्व से लाया जा रहा है. हमारा मानना है कि इन ऑस्ट्रेलियाई जानवरों को मिजोरम में अवैध रूप से पाला जा रहा है. यह देखा जाना बाकी है कि क्या जानवरों को म्यांमार के माध्यम से पूर्वोत्तर भारत के विभिन्न हिस्सों में लाया जा रहा है? सरकार को इस अंतरराष्ट्रीय तस्करी रैकेट की जांच करानी चाहिए.
यह भी पढ़ें- पश्चिम बंगाल : जलपाईगुड़ी से एक दिन में छुड़ाए गए तीन कंगारू, एक की लाश मिली
जलपाईगुड़ी के पर्यावरणविद् श्यामाप्रसाद पांडेय ने कहा कि तस्करी आंतरिक रूप से मांग को पूरा करने के लिए की जा सकती है. पांडे ने कहा कि घरेलू पशुओं की मांग बढ़ गई है. यह तस्करी उस मांग को पूरा करने के लिए की जा सकती है. हालांकि हमारे पास कृत्रिम गर्भाधान केंद्रों के सटीक सबूत नहीं हैं, जो हमने सुना है. दूसरी ओर एक और पर्यावरणविद् विश्वजीत दत्त चौधरी ने कहा कि जांच समिति गठित की जानी चाहिए क्योंकि रिपोर्ट आ रही है कि कृत्रिम गर्भाधान हो रहा है और कंगारु पाले जा रहे हैं.