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सुशील मोदी की जगह कामेश्वर चौपाल को मिल सकती है नई जिम्मेदारी

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Published : Nov 13, 2020, 2:39 PM IST

Updated : Nov 13, 2020, 3:00 PM IST

बिहार में इस बार सुशील मोदी का पत्ता कट सकता है. उनकी जगह कामेश्वर चौपाल को नई जिम्मेदारी दी जा सकती है. इसे लेकर अकटलें तेज हो गईं हैं. चौपाल राम मंदिर निर्माण समिति के सदस्य हैं. उन्होंने कई बार चुनाव भी लड़ा है, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली. चौपाल आरएसएस के पुराने सदस्य रहे हैं.

kameshwar-chaupal
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पटना: बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए को मिली जीत के बाद अब नई सरकार का गठन होना है. इस संबंध में आज एनडीए की बैठक होने वाली है. सूत्रों के अनुसार इस बार सरकार में भाजपा के कई नए चेहरे शामिल हो सकते हैं. इन सबमें प्रमुख रूप से राम मंदिर निर्माण समिति के सदस्य कामेश्वर चौपाल का नाम सामने आ रहा है. इन्हें उपमुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी मिल सकती है. अब तक सुशील मोदी ही इस पद पर आसीन रहे हैं. नीतीश कुमार से उनकी अच्छी बनती है.

कामेश्वर को उपमुख्यमंत्री बनाने की मांग
शुक्रवार को कामेश्वर चौपाल पटना पहुंचे. पटना एयरपोर्ट पर कार्यकर्ताओं ने उनका भव्य स्वागत किया. इस दौरान समर्थकों ने एयरपोर्ट पर बिहार का उपमुख्यमंत्री कैसा हो, कामेश्वर चौपाल जैसा हो, का नारा लगाया. सरकार गठन के समय बिहार पहुंचे कामेश्वर ने पटना एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीत में कहा कि पार्टी का सिपाही हूं, जो काम मिलेगा करूंगा. पार्टी जो भी भूमिका देगी, उसे निभाऊंगा. जहां तक मुख्यमंत्री पद की बात है तो एनडीए में सब कुछ पहले से तय है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही होंगे. उनके नेतृत्व में बिहार के विकास को आगे बढ़ाना है.

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कामेश्वर चौपाल बन सकते हैं बिहार के डिप्टी सीएम

पढ़ें-बिहार में अब सरकार गठन की कवायद, नीतीश के घर NDA की मीटिंग

कामेश्वर को मिल सकती है अहम जिम्मेदारी
सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार कामेश्वर चौपाल को इस बार भारतीय जनता पार्टी अहम भूमिका देने जा रही है. कामेश्वर इस बार बिहार सरकार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. कयास लगाया जा रहा है कि कामेश्वर चौपाल उपमुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी कामेश्वर की मुलाकात हुई है. यही कारण है कि सरकार गठन से पहले उन्हें बिहार भेजा गया है. अब देखना है कि नई सरकार में कामेश्वर चौपाल की क्या भूमिका होगी. गौरतलब है कि कामेश्वर चौपाल बिहार विधान परिषद के पूर्व सदस्य हैं और फिलहाल राम मंदिर निर्माण समिति के बिहार के एकमात्र सदस्य हैं.

कामेश्वर चौपाल बन सकते हैं बिहार के डिप्टी सीएम

कौन हैं कामेश्वर चौपाल

30 साल पहले राम मंदिर की नींव दलित समाज से आने वाले कामेश्वर चौपाल ने रखी थी. कामेश्वर चौपाल मूल रूप से बिहार के सुपौल जिले के कमरैल गांव के निवासी हैं. यह कोसी का इलाका है. 24 अप्रैल 1956 में जन्मे कामेश्वर चौपाल ने जेएन कॉलेज मधुबनी से स्नातक की परीक्षा पास करने के बाद मिथिला विवि दरभंगा से 1985 में एमए की डिग्री ली है. बिहार में चौपाल जाति अनुसूचित जाति की श्रेणी में आती है. पान और खतवा इसकी दो उप जातियां भी हैं.

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कामेश्वर चौपाल बन सकते हैं बिहार के डिप्टी सीएम

कामेश्वर चौपाल ने रखी थी पहली ईंट
1989 में राम मंदिर के शिलान्यास के लिए अयोध्या में विहिप के कामेश्वर चौपाल ने पहली ईंट रखी थी. उस वक्त वे विहिप के संयुक्त सचिव हुआ करते थे. बाद में बिहार से बीजेपी के एमएलसी भी रहे. चौपाल श्रीराम लोक संघर्ष समिति के बिहार के संजोयक और बीजेपी के प्रदेश महामंत्री भी रह चुके हैं.

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कामेश्वर चौपाल बन सकते हैं बिहार के डिप्टी सीएम

1989 में रखी गई थी मंदिर की नींव
नवंबर 1989 में राम मंदिर के शिलान्यास के लिए अयोध्या में विहिप के कामेश्वर चौपाल ने पहली ईंट रखी थी. अयोध्या में शिलान्यास का कार्यक्रम रखा गया था. कामेश्वर चौपाल तब अयोध्या में ही थे. उन्हें सूचना मिली कि, शिलान्यास के लिए उन्हें चुना गया है. शिलान्यास के वक्त विहिप के बड़े-बड़े नेता वहां मौजूद थे. राम मंदिर की नींव रखने के बाद कामेश्वर चौपाल ने तब कहा था, 'जैसे श्रीराम को शबरी ने बेर खिलाया था, वैसा ही मान-सम्मान उनको भी मिला है.'

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कामेश्वर चौपाल बन सकते हैं बिहार के डिप्टी सीएम

कामेश्वर चौपाल का सियासी सफर
कामेश्वर चौपाल राम विलास पासवान के खिलाफ भी चुनाव लड़ चुके हैं, हालांकि तब उनको हार मिली थी. 2002 में वे बिहार विधान परिषद के सदस्य बने. 2014 में पप्पू यादव की पत्नी रंजीता रंजन के खिलाफ चुनाव लड़े, लेकिन कामयाबी नहीं मिली. हालांकि, शिलान्यास कार्यक्रम के बाद जब कामेश्वर चौपाल देश भर में चर्चा में आ गए थे तब बीजेपी ने उन्हें विधिवत पार्टी में शामिल किया था.

  • साल 1991 में रोसड़ा सुरक्षित लोकसभा सीट से बीजेपी ने अपना उम्मीदवार बनाया. लेकिन चौपाल चुनाव हार गए.
  • साल 1995 में वे बेगूसराय की बखरी विधानसभा सीट से भी चुनाव लड़े. लेकिन यहां भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा.
  • 2002 में कामेश्वर चौपाल बिहार विधान परिषद के सदस्य बने और 2014 तक वो विधान परिषद के सदस्य रहे.
  • 2014 में पार्टी ने कामेश्वर चौहान को सुपौल लोकसभा का उम्मीदवार बनाया. लेकिन वे सुपौल में भी चुनाव हार गए.

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए को मिली जीत के बाद अब नई सरकार का गठन होना है. इस संबंध में आज एनडीए की बैठक होने वाली है. सूत्रों के अनुसार इस बार सरकार में भाजपा के कई नए चेहरे शामिल हो सकते हैं. इन सबमें प्रमुख रूप से राम मंदिर निर्माण समिति के सदस्य कामेश्वर चौपाल का नाम सामने आ रहा है. इन्हें उपमुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी मिल सकती है. अब तक सुशील मोदी ही इस पद पर आसीन रहे हैं. नीतीश कुमार से उनकी अच्छी बनती है.

कामेश्वर को उपमुख्यमंत्री बनाने की मांग
शुक्रवार को कामेश्वर चौपाल पटना पहुंचे. पटना एयरपोर्ट पर कार्यकर्ताओं ने उनका भव्य स्वागत किया. इस दौरान समर्थकों ने एयरपोर्ट पर बिहार का उपमुख्यमंत्री कैसा हो, कामेश्वर चौपाल जैसा हो, का नारा लगाया. सरकार गठन के समय बिहार पहुंचे कामेश्वर ने पटना एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीत में कहा कि पार्टी का सिपाही हूं, जो काम मिलेगा करूंगा. पार्टी जो भी भूमिका देगी, उसे निभाऊंगा. जहां तक मुख्यमंत्री पद की बात है तो एनडीए में सब कुछ पहले से तय है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही होंगे. उनके नेतृत्व में बिहार के विकास को आगे बढ़ाना है.

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कामेश्वर चौपाल बन सकते हैं बिहार के डिप्टी सीएम

पढ़ें-बिहार में अब सरकार गठन की कवायद, नीतीश के घर NDA की मीटिंग

कामेश्वर को मिल सकती है अहम जिम्मेदारी
सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार कामेश्वर चौपाल को इस बार भारतीय जनता पार्टी अहम भूमिका देने जा रही है. कामेश्वर इस बार बिहार सरकार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. कयास लगाया जा रहा है कि कामेश्वर चौपाल उपमुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी कामेश्वर की मुलाकात हुई है. यही कारण है कि सरकार गठन से पहले उन्हें बिहार भेजा गया है. अब देखना है कि नई सरकार में कामेश्वर चौपाल की क्या भूमिका होगी. गौरतलब है कि कामेश्वर चौपाल बिहार विधान परिषद के पूर्व सदस्य हैं और फिलहाल राम मंदिर निर्माण समिति के बिहार के एकमात्र सदस्य हैं.

कामेश्वर चौपाल बन सकते हैं बिहार के डिप्टी सीएम

कौन हैं कामेश्वर चौपाल

30 साल पहले राम मंदिर की नींव दलित समाज से आने वाले कामेश्वर चौपाल ने रखी थी. कामेश्वर चौपाल मूल रूप से बिहार के सुपौल जिले के कमरैल गांव के निवासी हैं. यह कोसी का इलाका है. 24 अप्रैल 1956 में जन्मे कामेश्वर चौपाल ने जेएन कॉलेज मधुबनी से स्नातक की परीक्षा पास करने के बाद मिथिला विवि दरभंगा से 1985 में एमए की डिग्री ली है. बिहार में चौपाल जाति अनुसूचित जाति की श्रेणी में आती है. पान और खतवा इसकी दो उप जातियां भी हैं.

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कामेश्वर चौपाल बन सकते हैं बिहार के डिप्टी सीएम

कामेश्वर चौपाल ने रखी थी पहली ईंट
1989 में राम मंदिर के शिलान्यास के लिए अयोध्या में विहिप के कामेश्वर चौपाल ने पहली ईंट रखी थी. उस वक्त वे विहिप के संयुक्त सचिव हुआ करते थे. बाद में बिहार से बीजेपी के एमएलसी भी रहे. चौपाल श्रीराम लोक संघर्ष समिति के बिहार के संजोयक और बीजेपी के प्रदेश महामंत्री भी रह चुके हैं.

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कामेश्वर चौपाल बन सकते हैं बिहार के डिप्टी सीएम

1989 में रखी गई थी मंदिर की नींव
नवंबर 1989 में राम मंदिर के शिलान्यास के लिए अयोध्या में विहिप के कामेश्वर चौपाल ने पहली ईंट रखी थी. अयोध्या में शिलान्यास का कार्यक्रम रखा गया था. कामेश्वर चौपाल तब अयोध्या में ही थे. उन्हें सूचना मिली कि, शिलान्यास के लिए उन्हें चुना गया है. शिलान्यास के वक्त विहिप के बड़े-बड़े नेता वहां मौजूद थे. राम मंदिर की नींव रखने के बाद कामेश्वर चौपाल ने तब कहा था, 'जैसे श्रीराम को शबरी ने बेर खिलाया था, वैसा ही मान-सम्मान उनको भी मिला है.'

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कामेश्वर चौपाल बन सकते हैं बिहार के डिप्टी सीएम

कामेश्वर चौपाल का सियासी सफर
कामेश्वर चौपाल राम विलास पासवान के खिलाफ भी चुनाव लड़ चुके हैं, हालांकि तब उनको हार मिली थी. 2002 में वे बिहार विधान परिषद के सदस्य बने. 2014 में पप्पू यादव की पत्नी रंजीता रंजन के खिलाफ चुनाव लड़े, लेकिन कामयाबी नहीं मिली. हालांकि, शिलान्यास कार्यक्रम के बाद जब कामेश्वर चौपाल देश भर में चर्चा में आ गए थे तब बीजेपी ने उन्हें विधिवत पार्टी में शामिल किया था.

  • साल 1991 में रोसड़ा सुरक्षित लोकसभा सीट से बीजेपी ने अपना उम्मीदवार बनाया. लेकिन चौपाल चुनाव हार गए.
  • साल 1995 में वे बेगूसराय की बखरी विधानसभा सीट से भी चुनाव लड़े. लेकिन यहां भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा.
  • 2002 में कामेश्वर चौपाल बिहार विधान परिषद के सदस्य बने और 2014 तक वो विधान परिषद के सदस्य रहे.
  • 2014 में पार्टी ने कामेश्वर चौहान को सुपौल लोकसभा का उम्मीदवार बनाया. लेकिन वे सुपौल में भी चुनाव हार गए.
Last Updated : Nov 13, 2020, 3:00 PM IST
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