चेन्नई : श्रीलंका के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के प्रस्ताव पर मतदान से भारत के दूर रहने को लेकर कमल हासन ने केंद्र की कड़ी अलोचना की. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को तमिल लोगों की कोई परवाह नहीं है. भाजपा सरकार का फैसला किसी के लिए भी अच्छा नहीं है.
बता दें कि अभिनेता से राजनेता बनें कमल हासन से पहले द्रमुक और एमडीएमके समेत उसके सहयोगियों ने केंद्र सरकार के इस फैसले की निंदा की थी. साथ ही इसे ईलम तमिल लोगों के साथ किया गया 'अक्षम्य धोखा' करार दिया था.वहीं अब इसी क्रम में कमल हासन भी जुड़ चुके हैं.
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बता दें कि कमल हासन तमिलनाडु में होने जा रहे आगामी विधानसभा चुनावों के लिए जनता को रिझाने में कोई कमी नहीं छोड़ना चाहते. इस दौरान हासन बढ़चढ़ प्रचार कर रहे हैं, साथ ही ज्यादा से ज्यादा लोगों से संपर्क कर उनकी समस्याओं से अवगत हो रहे हैं.
ईलम का अर्थ है मातृभूमि और तमिलनाडु में राजनीतिक दल एवं अन्य लोग पड़ोसी देश श्रीलंका में रहने वाले तमिलों को ईलम तमिल कहते हैं.