नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद की रहने वाली कामाक्षी शर्मा ने साइबर की दुनिया में इतिहास रचते हुए भारत का नाम पूरे एशिया में रोशन किया है. महज 24 साल की उम्र में कामाक्षी शर्मा ने साइबर क्राइम की रोकथाम के लिए एशिया का सबसे लंबा ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाया. इसके चलते उनका नाम एशिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है.
भारत और अन्य देशों की पुलिस को किया जागरूक
कामाक्षी बताती हैं कि उन्होंने भारत में कई राज्यों की पुलिस के अलावा, श्रीलंका और दुबई की पुलिस के साथ भी बतौर साइबर एक्सपर्ट काम किया है. गाजियाबाद से 12वीं की पढ़ाई करने के बाद उन्होंने गढ़वाल यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस में बीटेक की पढ़ाई पूरी की थी. इसके बाद वह साइबर क्राइम के क्षेत्र में काम कर रही थी. इससे पहले उनका नाम इंडिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज किया गया था.
'हमें कामाक्षी पर गर्व है'
इतनी कम उम्र में साइबर क्राइम की दुनिया में इतना बड़ा अचीवमेंट पाने वाली कामाक्षी पहली युवती हैं. साइबर क्राइम की रोकथाम में उनका योगदान काफी अहम माना गया है. हाल ही में उन्हें कई प्राइवेट कंपनियों से जॉब के ऑफर भी आए, लेकिन अच्छा सैलरी पैकेज होने के बावजूद उन्होंने ऑफर ठुकरा दिया. उनका कहना है कि वह साइबर क्षेत्र में अपराध को रोकने के लिए पुलिस और सेना के साथ काम करना चाहती हैं. कामाक्षी के परिवार को भी उन पर गर्व है.
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बेटी ने मनवाया टैलेंट का लोहा
दुनिया में बढ़ता साइबर अपराध, बड़ी चिंता का विषय है. इसके लिए कामाक्षी जैसे युवाओं द्वारा लोगों को जागरूक करने से ही उन्हें साइबर अपराध से बचाया जा सकता है. ज़ाहिर है इस बेटी पर आज इसलिये सभी को नाज़ है. जिसने दुनिया के कई देशों की पुलिस के सामने अपने टैलेंट का लोहा मनवा दिया है.