ETV Bharat / bharat

Kalakshetra ने यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए समिति गठित - Professor Arrested

तमिलनाडु स्थित कलाक्षेत्र फाउंडेशन के रुक्मिणी देवी कॉलेज ऑफ फाइन आर्ट्स में नृत्य के सहायक प्रोफेसर को यौन उत्पीड़न के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. इस मामले की गहन जांच के लिए आज फाउंडेशन की ओर से एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश के नेतृत्व में जांच कमेटी का गठन किया गया.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : Apr 4, 2023, 6:07 PM IST

चेन्नई : कलाक्षेत्र फाउंडेशन ने मंगलवार को कहा कि उसने नृत्य के एक सहायक प्रोफेसर और तीन कलाकारों के खिलाफ छात्राओं द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए मंगलवार को एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश के नेतृत्व में एक जांच समिति गठित की. शिक्षक को निलंबित कर दिया गया है और कलाकारों को जांच लंबित रहने तक सेवा से ‘‘मुक्त’’ कर दिया गया है. फाउंडेशन ने कहा कि जांच समिति का नेतृत्व पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश के. कन्नन कर रहे हैं और इसमें तमिलनाडु की पूर्व डीजीपी लतिका सरन और डॉ. शोभा वर्धमान (एक चिकित्सक, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय एनजीओ के साथ काम किया है) भी शामिल हैं. प्रतिष्ठित संस्थान के बोर्ड ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ‘‘सहायक प्रोफेसर हरि पद्मन को तत्काल प्रभाव से जांच लंबित रहने तक निलंबित कर दिया गया है. कलाकारों संजीत लाल, साई कृष्णन और श्रीनाथ को जांच लंबित रहने तक तत्काल प्रभाव से सेवा से मुक्त कर दिया गया है.’’

बता दें कि पुलिस ने कलाक्षेत्र फाउंडेशन के रुक्मिणी देवी कॉलेज ऑफ फाइन आर्ट्स में नृत्य के सहायक प्रोफेसर के रूप में काम करने वाले हरि पद्मन को 3 अप्रैल को गिरफ्तार किया था. ये कदम कॉलेज की कुछ छात्राओं द्वारा हरि पद्मन और तीन कलाकारों संजीत लाल, साई कृष्णन और श्रीनाथ पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने और पिछले कुछ दिनों में प्रबंधन की निष्क्रियता के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के बाद उठाया गया है. विज्ञप्ति में यह भी कहा गया है कि कलाक्षेत्र फाउंडेशन के प्रशासन को मजबूत करने के लिए एक नए छात्र काउंसलर और एक स्वतंत्र सलाहकार समिति की तुरंत नियुक्ति की जाएगी. फाउंडेशन की बोर्ड बैठक में यह निर्णय लिया गया. बोर्ड ने छात्रों से पुनर्निर्धारित परीक्षाओं में भाग लेने की अपील की और कहा, ‘‘कलाक्षेत्र फाउंडेशन अपने छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और सभी के लिए एक सुरक्षित और समावेशी वातावरण प्रदान करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है.’’

मद्रास हाईकोर्ट की वकील ने कलाक्षेत्र फाउंडेशन शिकायत समिति से दिया इस्तीफा

कलाक्षेत्र फाउंडेशन की आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) के सदस्य और मद्रास उच्च न्यायालय की अधिवक्ता बी.एस. अजीता ने कुछ फैकल्टी सदस्यों के खिलाफ यौन आरोपों के बाद पद से इस्तीफा दे दिया है. छात्राओं का आरोप है कि कुछ पुरुष शिक्षक उनके साथ दुर्व्यवहार कर रहे थे. अधिवक्ता बी.एस. अजिता ने कलाक्षेत्र फाउंडेशन के निदेशक को लिखे अपने पत्र में कहा, "मैं आपके संस्थान में हाल के घटनाक्रमों और मुद्दों पर प्रशासन की प्रतिक्रिया से परेशान हूं." संस्थान में वर्तमान माहौल और महिला छात्रों और कर्मचारियों के बड़े पैमाने पर असंतोष ने मुझे फिर से सोचने पर मजबूर कर दिया कि क्या मुझे संस्था की आंतरिक शिकायत समिति का बाहरी सदस्य बने रहना चाहिए. पत्र में एडवोकेट अजीता ने कहा कि विवाद में प्रशासन द्वारा की गई प्रतिक्रियाओं के बारे में उनकी अपनी आपत्तियां थीं. उन्होंने कहा कि इन मुद्दों के आधार पर वह कलाक्षेत्र फाउंडेशन के साथ आगे नहीं जुड़ना चाहती हैं.

अपने त्याग पत्र में उन्होंने कहा, "मैं अब आपकी संस्था के साथ नहीं जुड़ना चाहती और विशेष रूप से आंतरिक शिकायत समिति के सदस्य के रूप में जारी रहना चाहती हूं और मैं आईसीसी की सदस्यता से अपना इस्तीफा देती हूं और यह तत्काल प्रभाव से लागू हो जाएगा." एडवोकेट अजीता ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि प्रशासन चीजों को विवेकपूर्ण तरीके से सुलझाएगा, जिसका असर सभी प्रभावित छात्रों पर पड़ेगा. अभ्यास करने वाली अधिवक्ता पिछले चार वर्षों से कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न अधिनियम, 2013 के तहत गठित संस्था की आंतरिक शिकायत समिति के सदस्य के रूप में काम कर रही हैं. संस्थान की कई छात्राओं ने संस्थान के सहायक प्रोफेसर हरि पद्मन और तीन अन्य स्टाफ सदस्यों के खिलाफ यौन शोषण के आरोप लगाए थे. हरि पद्मन को चेन्नई पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है और न्यायिक हिरासत में है.

(भाषा-आईएएनएस)

चेन्नई : कलाक्षेत्र फाउंडेशन ने मंगलवार को कहा कि उसने नृत्य के एक सहायक प्रोफेसर और तीन कलाकारों के खिलाफ छात्राओं द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए मंगलवार को एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश के नेतृत्व में एक जांच समिति गठित की. शिक्षक को निलंबित कर दिया गया है और कलाकारों को जांच लंबित रहने तक सेवा से ‘‘मुक्त’’ कर दिया गया है. फाउंडेशन ने कहा कि जांच समिति का नेतृत्व पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश के. कन्नन कर रहे हैं और इसमें तमिलनाडु की पूर्व डीजीपी लतिका सरन और डॉ. शोभा वर्धमान (एक चिकित्सक, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय एनजीओ के साथ काम किया है) भी शामिल हैं. प्रतिष्ठित संस्थान के बोर्ड ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ‘‘सहायक प्रोफेसर हरि पद्मन को तत्काल प्रभाव से जांच लंबित रहने तक निलंबित कर दिया गया है. कलाकारों संजीत लाल, साई कृष्णन और श्रीनाथ को जांच लंबित रहने तक तत्काल प्रभाव से सेवा से मुक्त कर दिया गया है.’’

बता दें कि पुलिस ने कलाक्षेत्र फाउंडेशन के रुक्मिणी देवी कॉलेज ऑफ फाइन आर्ट्स में नृत्य के सहायक प्रोफेसर के रूप में काम करने वाले हरि पद्मन को 3 अप्रैल को गिरफ्तार किया था. ये कदम कॉलेज की कुछ छात्राओं द्वारा हरि पद्मन और तीन कलाकारों संजीत लाल, साई कृष्णन और श्रीनाथ पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने और पिछले कुछ दिनों में प्रबंधन की निष्क्रियता के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के बाद उठाया गया है. विज्ञप्ति में यह भी कहा गया है कि कलाक्षेत्र फाउंडेशन के प्रशासन को मजबूत करने के लिए एक नए छात्र काउंसलर और एक स्वतंत्र सलाहकार समिति की तुरंत नियुक्ति की जाएगी. फाउंडेशन की बोर्ड बैठक में यह निर्णय लिया गया. बोर्ड ने छात्रों से पुनर्निर्धारित परीक्षाओं में भाग लेने की अपील की और कहा, ‘‘कलाक्षेत्र फाउंडेशन अपने छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और सभी के लिए एक सुरक्षित और समावेशी वातावरण प्रदान करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है.’’

मद्रास हाईकोर्ट की वकील ने कलाक्षेत्र फाउंडेशन शिकायत समिति से दिया इस्तीफा

कलाक्षेत्र फाउंडेशन की आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) के सदस्य और मद्रास उच्च न्यायालय की अधिवक्ता बी.एस. अजीता ने कुछ फैकल्टी सदस्यों के खिलाफ यौन आरोपों के बाद पद से इस्तीफा दे दिया है. छात्राओं का आरोप है कि कुछ पुरुष शिक्षक उनके साथ दुर्व्यवहार कर रहे थे. अधिवक्ता बी.एस. अजिता ने कलाक्षेत्र फाउंडेशन के निदेशक को लिखे अपने पत्र में कहा, "मैं आपके संस्थान में हाल के घटनाक्रमों और मुद्दों पर प्रशासन की प्रतिक्रिया से परेशान हूं." संस्थान में वर्तमान माहौल और महिला छात्रों और कर्मचारियों के बड़े पैमाने पर असंतोष ने मुझे फिर से सोचने पर मजबूर कर दिया कि क्या मुझे संस्था की आंतरिक शिकायत समिति का बाहरी सदस्य बने रहना चाहिए. पत्र में एडवोकेट अजीता ने कहा कि विवाद में प्रशासन द्वारा की गई प्रतिक्रियाओं के बारे में उनकी अपनी आपत्तियां थीं. उन्होंने कहा कि इन मुद्दों के आधार पर वह कलाक्षेत्र फाउंडेशन के साथ आगे नहीं जुड़ना चाहती हैं.

अपने त्याग पत्र में उन्होंने कहा, "मैं अब आपकी संस्था के साथ नहीं जुड़ना चाहती और विशेष रूप से आंतरिक शिकायत समिति के सदस्य के रूप में जारी रहना चाहती हूं और मैं आईसीसी की सदस्यता से अपना इस्तीफा देती हूं और यह तत्काल प्रभाव से लागू हो जाएगा." एडवोकेट अजीता ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि प्रशासन चीजों को विवेकपूर्ण तरीके से सुलझाएगा, जिसका असर सभी प्रभावित छात्रों पर पड़ेगा. अभ्यास करने वाली अधिवक्ता पिछले चार वर्षों से कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न अधिनियम, 2013 के तहत गठित संस्था की आंतरिक शिकायत समिति के सदस्य के रूप में काम कर रही हैं. संस्थान की कई छात्राओं ने संस्थान के सहायक प्रोफेसर हरि पद्मन और तीन अन्य स्टाफ सदस्यों के खिलाफ यौन शोषण के आरोप लगाए थे. हरि पद्मन को चेन्नई पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है और न्यायिक हिरासत में है.

(भाषा-आईएएनएस)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.