पूर्वी गोदावरी : काकीनाडा हार्बर से करीब तीन समुद्री मील दूर एक बंदर लहरों के बीच करीब तीन महीनों तक फंसा रहा. आसपास अथाह जलराशि की मौजूदगी के बावजूद बंदर वहां कैसे पहुंचा, इस बात पर लोग हैरत में रहे. एनजीओ की हेल्पलाइन पर संपर्क के बाद बंदर को सुरक्षित बचाया गया. समुद्री लहरों के बीच समुद्र में लगाए गए कंक्रीट वेव ब्रेकर पर बंदर करीब तीन महीने तक फंसा रहा. समुद्र के उस इलाके में मछली पकड़ने जाने वाले मछुआरे खुद खाने के बाद बचा हुआ भोजन बंदर को परोसते थे. मछुआरों ने प्रकाशम जिले के कोठापट्टनम में संचालित एक गैर-लाभकारी संगठन (एनजीओ) एनिमल वारियर्स कंजर्वेशन सोसाइटी को सूचित किया.
काकीनाडा में बंदर के रेस्क्यू के लिए एनिमल वारियर्स कंजर्वेशन की टीम नावों पर आई और उसे बचाने की कोशिश की गई. पहले दो दिन में बंदर पिंजरे में नहीं फंसा. तीसरे दिन यानी शनिवार, 26 मार्च को बंदर को पिंजरे में कैद कर किनारे लाया गया. समुद्री लहरों के बीच फंसे बंदर (kakinada monkey in middle of sea) को काकीनाडा जिला वन अधिकारी के कार्यालय लाने के बाद वहां घने पेड़ों के बीच छोड़ दिया गया.
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