जूनागढ़ : 30 मार्च की रामनवमी के दिन ऊना में आयोजित एक सभा में हिंदू वक्ता के रूप में मौजूद काजल हिंदुस्तानी ने एक ऐसा भाषण दिया, जिसे एक धर्म विशेष और संप्रदाय के प्रति भड़काऊ और अपमानजनक कहा जा सकता है. जिसके विरोध में ऊना शहर में भारी तनाव का माहौल बन गया. ऊना कोर्ट ने 9 तारीख को काजल हिंदुस्तानी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया , जिसके खिलाफ काजल के वकीलों ने ऊना कोर्ट में जमानत अर्जी दी थी. लघुमती समुदाय और सरकारी वकील ने भी याचिका दायर कर दलील दी थी कि काजल हिंदुस्तानी को फ्रीज नहीं किया जाना चाहिए. 11 को हुई सुनवाई में जमानत अर्जी पर फैसला आज तक के लिए सुरक्षित रख लिया था. आज ऊना सेशन्स न्यायालय ने काजल हिन्दुस्तानी को 50,000 रुपये के मुचलके पर कुछ शर्तों के अधीन जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया.
आज फरियादी पक्ष के वकीलों और आरोपी पक्ष के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने कहा कि काजल हिंदुस्तानी को भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत जमानत दी जा सकती है. ऊना सेशन्स न्यायालय ने अपने तर्क के आधार पर फरियादी पक्ष की दलीलों को खारिज करते हुए काजल हिंदुस्तानी को जमानत दे दी है. कोर्ट ने कुछ और शर्तें भी रखी हैं, जिसमें किसी भी परिस्थिति में देश छोड़कर नहीं जाना है और उन्हें अपना पासपोर्ट जमा करना होगा. न्यायालय द्वारा दी गई तारीखों पर उपस्थित होना है और न्यायालय की तारीख को छोड़कर गिर सोमनाथ जिले की सीमा में प्रवेश नहीं करना है और हर महीने की 1 और 16 तारीख को नजदीक के पुलिस थाने में हाजिर होना है.
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