काबुल : अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद वहां से निकलने की कोशिश में काबुल हवाईअड्डे के बाहर जमा हुए लोगों के बीच बृहस्पतिवार को बम धमाके में कई लोगों की मौत हो गई जबकि कई अन्य के घायल होने की खबर है. हमलों को लेकर रूस के अधिकारियों ने बताया कि बृहस्पतिवार को काबुल हवाई अड्डे के बाहर दो आत्मघाती हमले किए गए जिसमें कम से कम 13 लोगों की मौत हो गई जबकि 15 लोग घायल हुए हैं.
लोगों को हवाई मार्ग से देश से बाहर निकालने की 31 अगस्त की समयसीमा के नजदीक आने के बीच पश्चिमी राष्ट्रों ने आज दिन में हवाईअड्डे पर संभावित हमले की आशंका जताई थी. भीड़ को निशाना बनाकर किए जाने वाले हमले का संदेह इस्लामिक स्टेट समूह पर जाता है, तालिबान पर नहीं जो हवाई अड्डे के दरवाजों पर भारी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए तैनात हैं.
हवाईअड्डे के बाहर इंतजार कर रहे अफगान नागरिक आदम खान ने धमाका हवाईअड्डे में प्रवेश के लिए इंतजार कर रहे लोगों के बीच हुआ. खान ने कहा कि वह धमाके वाली जगह से करीब 30 मीटर दूर था. उसके मुताबिक धमाके में कुछ लोग मृत और घायल नजर आ रहे थे तथा कुछ लोगों के अंगभंग हो गए थे.
अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने धमाके की पुष्टि की है लेकिन हताहतों की संख्या के बारे में तत्काल कोई जानकारी नहीं दी है.
अमेरिका के एक अधिकारी का कहना है कि “निश्चित तौर पर माना जा रहा है कि” काबुल हवाई अड्डे के पास हुए बम विस्फोट के पीछे इस्लामिक स्टेट आतंकी समूह का हाथ है.
अधिकारी ने कहा कि दो आत्मघाती हमलावरों और बंदूकधरियों द्वारा बृहस्पतिवार को किये गए हमले में अमेरिका के सैनिक घायल हुए हैं.
नाम उजागर न करने की शर्त पर अधिकारी ने यह जानकारी दी. इस्लामिक स्टेट समूह तालिबान से अधिक चरमपंथी है और इसने असैन्य नागरिकों पर कई बार हमले किये हैं.
वहीं,रूस के विदेश मंत्रालय ने कहा कि काबुल हवाई अड्डे के बाहर हुए आत्मघाती हमले में कम से कम 13 लोगों की मौत हो गई जबकि 15 लोग घायल हो गए. बृहस्पतिवार को हुए विस्फोट में मारे गए लोगों के संख्या बताने वाली यह पहली आधिकारिक रिपोर्ट है.
कई देशों ने आज दिन में अपने लोगों से हवाईअड्डे से दूर रहने को कहा था और उनमें से एक ने कहा था कि आत्मघाती बम धमाके की आशंका है. ऐसा लगता है कि विभिन्न देशों के पास अब महज कुछ दिन या कुछ राष्ट्रों के लिये निकासी प्रयासों को अंजाम देने के कुछ ही घंटे बचे हैं तो ज्यादातर लोगों ने इस चेतावनी को नजरंदाज किया.
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कुछ देश पहले ही अफगानिस्तान से लोगों को निकालने का अभियान समाप्त कर चुके हैं और अपने सैनिकों और राजनयिकों को निकालना शुरू कर चुके हैं. तालिबान ने तय समयसीमा में निकासी अभियान के दौरान पश्चिमी बलों पर हमला नहीं करने का संकल्प जताया था. हालांकि, यह भी दोहराया है कि अमेरिका द्वारा 31 अगस्त की तय समयसीमा में सभी विदेशी सैनिकों को देश छोड़ना होगा.
ब्रिटिश सरकार ने बृहस्पतिवार को चेतावनी दी कि इस्लामिक स्टेट (आईएस या आईएसआईएस) के आतंकवादियों द्वारा अफगानिस्तान में काबुल हवाई अड्डे पर जमा लोगों को निशाना बनाकर 'आशंकित' हमले की 'बहुत विश्वसनीय' खुफिया रिपोर्ट है.
ब्रिटिश सशस्त्र बल मंत्री जेम्स हेप्पी ने दिन की शुरुआत में बीबीसी से कहा कि 'बहुत विश्वसनीय' खुफिया सूचना है कि अफगानिस्तान छोड़ने की कोशिश में काबुल हवाई अड्डे पर जमा हुए लोगों पर इस्लामिक स्ट्टेट जल्द ही हमला करने की योजना बना रहा है.