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देश के 50वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में आज शपथ लेंगे जस्टिस चंद्रचूड़ - दिल्ली और हार्वर्ड में पढ़ाई

वरिष्ठतम न्यायाधीश न्यायमूर्ति धनंजय वाई. चंद्रचूड़ (Justice DY Chandrachud) आज प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) पद की शपथ लेंगे. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उन्हें शपथ दिलाएंगी. न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ 10 नवंबर 2024 तक इस पद पर रहेंगे.

Justice DY Chandrachud
जस्टिस चंद्रचूड़
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Published : Nov 8, 2022, 10:45 PM IST

Updated : Nov 9, 2022, 7:08 AM IST

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठतम न्यायाधीश न्यायमूर्ति धनंजय वाई. चंद्रचूड़ (Justice DY Chandrachud) आज प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) पद की शपथ लेंगे. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू यहां राष्ट्रपति भवन में देश के 50वें सीजेआई न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ को पद की शपथ दिलाएंगी.

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ उच्चतम न्यायालय के पवित्र गलियारों से बेहद अच्छी तरह वाकिफ हैं, जहां उनके पिता लगभग सात साल और चार महीने तक प्रधान न्यायाधीश रहे थे, जो शीर्ष अदालत के इतिहास में किसी सीजेआई का सबसे लंबा कार्यकाल रहा है. वह 22 फरवरी 1978 से 11 जुलाई 1985 तक प्रधान न्यायाधीश रहे.

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ 10 नवंबर 2024 तक दो साल के लिए इस पद पर रहेंगे. उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश 65 साल की उम्र में अवकाशग्रहण करते हैं. वह न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित का स्थान लेंगे जिन्होंने 11 अक्टूबर को उन्हें अपना उत्तराधिकारी बनाए जाने की सिफारिश की थी. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें 17 अक्टूबर को अगला सीजेआई नियुक्त किया था.

कई एतिहासिक फैसलों में शामिल रहे हैं : न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ 11 नवंबर 1959 को पैदा हुए और 13 मई 2016 को शीर्ष न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किए गए थे. न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ कई संविधान पीठ और ऐतिहासिक फैसले देने वाली उच्चतम न्यायालय की पीठों का हिस्सा रहे हैं. इनमें अयोध्या भूमि विवाद, आईपीसी की धारा 377 के तहत समलैंगिक संबंधों को अपराध की श्रेणी से बाहर करने, आधार योजना की वैधता से जुड़े मामले, सबरीमला मुद्दा, सेना में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने, भारतीय नौसेना में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने जैसे फैसले शामिल हैं.

जानिए न्यायिक सफर के बारे में : न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ 29 मार्च 2000 से 31 अक्टूबर 2013 तक बंबई उच्च न्यायालय के न्यायाधीश थे. उसके बाद उन्हें इलाहाबाद उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया था. न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ को जून 1998 में बंबई उच्च न्यायालय द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ता नामित किया गया था और वह उसी वर्ष अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल नियुक्त किए गए.

दिल्ली और हार्वर्ड में पढ़ाई : राष्ट्रीय राजधानी के सेंट स्टीफंस कॉलेज से अर्थशास्त्र में बीए ऑनर्स करने के बाद उन्होंने कैंपस लॉ सेंटर, दिल्ली विश्वविद्यालय से एलएलबी किया और अमेरिका के हार्वर्ड लॉ स्कूल से एलएलएम और न्यायिक विज्ञान में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की.

पढ़ें- सीजेआई ललित के उत्तराधिकारी के तौर पर मेरे कंधों पर बड़ी जिम्मेदारियां: न्यायमूर्ति चंद्रचूड़

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठतम न्यायाधीश न्यायमूर्ति धनंजय वाई. चंद्रचूड़ (Justice DY Chandrachud) आज प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) पद की शपथ लेंगे. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू यहां राष्ट्रपति भवन में देश के 50वें सीजेआई न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ को पद की शपथ दिलाएंगी.

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ उच्चतम न्यायालय के पवित्र गलियारों से बेहद अच्छी तरह वाकिफ हैं, जहां उनके पिता लगभग सात साल और चार महीने तक प्रधान न्यायाधीश रहे थे, जो शीर्ष अदालत के इतिहास में किसी सीजेआई का सबसे लंबा कार्यकाल रहा है. वह 22 फरवरी 1978 से 11 जुलाई 1985 तक प्रधान न्यायाधीश रहे.

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ 10 नवंबर 2024 तक दो साल के लिए इस पद पर रहेंगे. उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश 65 साल की उम्र में अवकाशग्रहण करते हैं. वह न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित का स्थान लेंगे जिन्होंने 11 अक्टूबर को उन्हें अपना उत्तराधिकारी बनाए जाने की सिफारिश की थी. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें 17 अक्टूबर को अगला सीजेआई नियुक्त किया था.

कई एतिहासिक फैसलों में शामिल रहे हैं : न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ 11 नवंबर 1959 को पैदा हुए और 13 मई 2016 को शीर्ष न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किए गए थे. न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ कई संविधान पीठ और ऐतिहासिक फैसले देने वाली उच्चतम न्यायालय की पीठों का हिस्सा रहे हैं. इनमें अयोध्या भूमि विवाद, आईपीसी की धारा 377 के तहत समलैंगिक संबंधों को अपराध की श्रेणी से बाहर करने, आधार योजना की वैधता से जुड़े मामले, सबरीमला मुद्दा, सेना में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने, भारतीय नौसेना में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने जैसे फैसले शामिल हैं.

जानिए न्यायिक सफर के बारे में : न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ 29 मार्च 2000 से 31 अक्टूबर 2013 तक बंबई उच्च न्यायालय के न्यायाधीश थे. उसके बाद उन्हें इलाहाबाद उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया था. न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ को जून 1998 में बंबई उच्च न्यायालय द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ता नामित किया गया था और वह उसी वर्ष अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल नियुक्त किए गए.

दिल्ली और हार्वर्ड में पढ़ाई : राष्ट्रीय राजधानी के सेंट स्टीफंस कॉलेज से अर्थशास्त्र में बीए ऑनर्स करने के बाद उन्होंने कैंपस लॉ सेंटर, दिल्ली विश्वविद्यालय से एलएलबी किया और अमेरिका के हार्वर्ड लॉ स्कूल से एलएलएम और न्यायिक विज्ञान में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की.

पढ़ें- सीजेआई ललित के उत्तराधिकारी के तौर पर मेरे कंधों पर बड़ी जिम्मेदारियां: न्यायमूर्ति चंद्रचूड़

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Nov 9, 2022, 7:08 AM IST
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