श्रीनगर (जम्मू-कश्मीर) : एक जुलाई से होने वाली अमरनाथ यात्रा की तैयारियां जोरों पर हैं. इस बार तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के साथ-साथ उनके स्वास्थ्य का भी ध्यान रखा जा रहा है. यात्रा के दौरान जंक और फास्ट फूड नहीं परोसा जाएगा. यात्रियों को सादा और पौष्टिक भोजन प्रदान किया जाएगा. श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने तीर्थयात्रियों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए एक भोजन मेनू जारी किया है, जिसे सभी लंगर संगठनों, भोजन में शामिल किया जाएगा. स्टालों, दुकानों और अन्य प्रतिष्ठानों पर लागू होगा.
गांदरबल और अनंतनाग के जिलाधिकारी भोजन मेनू का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे. बोर्ड द्वारा जारी भोजन मेनू में उपलब्ध वस्तुओं में अनाज, दालें, हरी सब्जियां, टमाटर, साग, न्यूट्रेला सोया चंक्स, सादी दाल, सलाद, फल आदि शामिल हैं. इसी तरह सादा चावल, जीरा चावल, खिचड़ी और न्यूट्रीला चावल मिलेगा. इसमें रोटी (फुलका), दाल रोटी, मिसी रोटी, मक्की की रोटी, तंदूरी रोटी, कुलचा, डबल रोटी, रस्क, चॉकलेट, बिस्कुट, भुना हुआ चना, गुड़, सांभर, इडली, उत्तपम, पोहा, वेजिटेबल सैंडविच, ब्रेड जैम भी मैन्यू में शामिल है. इसके अलावा कश्मीरी नान और वेजिटेबल मोमोज उपलब्ध होंगे. पेय में हर्बल चाय, कॉफी, लो फैट दही, सिरप, लेमन स्क्वैश/पानी, लो फैट दूध, फलों का रस, सब्जियों का सूप शामिल हैं.
इसके अलावा, खिचड़ी (चावल/साबू दाना), दलिया, अंजीर, खुबानी, अन्य सूखे मेवे (भुने हुए), कम वसा वाले दूध के साथ सेंवई, शहद, उबली हुई मिठाई (कैंडी) उपलब्ध होगी. इसके साथ ही भुने हुए पापड़, तिल के लड्डू, ढोकला, चक्की (गजक), रायौरी, राजमा, मखाने, मुरब्बा, सूखा पीठा, आंवले का मुरब्बा, फलों का मुरब्बा, हरा नारियल उपलब्ध रहेगा.
इन खाद्य सामग्री पर पाबंदी : पनीर इत्यादि का हैवी पुलाव, तले चावल, पूरी, भटूरा, पिज्जा, बर्गर, भरवां परांठा, डोसा, भरवां रोटी, मक्खन के साथ ब्रेड, क्रीम आधारित खाद्य पदार्थ, अचार, तला पापड़, चटनी, नूडल्स, कोल्ड ड्रिंक, हलवा, मिठाइयां, खोये की कुल्फी, चिप्स, मट्ठी, नमकीन, पकौड़े, समोसे, फ्राइड ड्राई फ्रूट व डीप फ्रीज व्यंजन. इसके अलावा मांसाहारी भोजन, तंबाकू, गुटखा व पान मसाला.
बोर्ड के मुताबिक मेन्यू का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी और जुर्माना लगाया जाएगा. बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए जहां देश भर से तीर्थयात्रियों का एडवांस रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है, वहीं इस बार बोर्ड ने पांच लाख रुपये शुल्क लिया है. हरयात्री के लिए दुर्घटना बीमा है. रोजाना 10-10 हजार तीर्थयात्रियों को पारंपरिक बालटाल और पहलगाम रूट से भेजने की व्यवस्था की जाएगी. इस बार यात्रा ट्रैक पर करीब 120 लंगर लगाए जा रहे हैं.
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