पुणे : महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव और स्थानीय चुनावों के साथ, राज्य की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) गुरुवार को पुणे में एक कार्यकारी समिति की बैठक आयोजित करने के लिए तैयार है. पार्टी के जिला स्तर के पदाधिकारियों सहित लगभग 1,200 प्रतिनिधि उच्च स्तरीय बैठक में भाग लेंगे. पुणे के बालगंधर्व रंग मंदिर सभागार में यह बैठक होगी, जिसमें मुंबई, पुणे, नासिक, नागपुर और नवी मुंबई सहित विभिन्न शहरों के आगामी लोकसभा, विधानसभा और स्थानीय निकाय चुनावों के मद्देनजर महत्व रखती है.
खास बात यह है कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा कार्यकारी समिति की बैठक के समापन को संबोधित करेंगे. वह राज्य के सांसदों और मंत्रियों के साथ भी बैठक करेंगे और आगामी चुनावों की तैयारियों पर चर्चा करने की संभावना है. बता दें कि बुधवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार ने अगले साल होने वाले लोकसभा, विधानसभा चुनाव और महाराष्ट्र सरकार के शासन सहित कई मुद्दों पर मुंबई के वाई.बी. चव्हाण केंद्र में एक बैठक की अध्यक्षता की थी.
इधर, जे पी नड्डा के दो दिवसीय महाराष्ट्र दौर के बीच शिवसेना (उद्धव) पार्टी के नेता संजय राउत ने हाल ही में संपन्न कर्नाटक विधानसभा चुनाव परिणामों की पृष्ठभूमि में बुधवार को कटाक्ष किया कि नड्डा जहां भी जाते हैं, वहां भाजपा हार जाती है. उनके इस बयान पर भाजपा विधायक नीतेश राणे ने पलटवार करते हुए राउत पर संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों पर निशाना साधने तथा प्रशासन को सरकार के खिलाफ उकसाने का आरोप लगाया. राणे ने दावा किया, "ये सब शहरी नक्सलियों के लक्षण हैं."
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गौरतलब है कि भाजपा को हाल में कर्नाटक विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है जहां कांग्रेस ने जबरदस्त जीत हासिल की है. राउत ने नासिक में संवाददाताओं से कहा, "नड्डा कर्नाटक में अपनी पार्टी के प्रचार के लिए डटे रहे, लेकिन वह हार गयी. अब वह महाराष्ट्र आ रहे हैं, हम उनका स्वागत करते हैं. जहां भी वह जाते हैं, भाजपा हार जाती है."
बता दें कि नड्डा बुधवार से दो दिन की महाराष्ट्र की यात्रा पर हैं और इस दौरान वह प्रदेश भाजपा नेताओं से मुलाकात करेंगे. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव अगले साल होने हैं. राज्य विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर पर निशाना साधते हुए राउत ने दावा किया, "दल बदलना उनका शौक है और पेशा भी. राज्य में ऐसी कोई पार्टी नहीं है जिसके वह सदस्य नहीं रहे." पिछले साल महाराष्ट्र में महा विकास आघाडी सरकार के पतन के कारण उपजे शिवसेना विवाद पर अपने फैसले में उच्चतम न्यायालय ने 11 मई को कहा कि वह तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को बहाल नहीं कर सकता क्योंकि उन्होंने विश्वास मत का सामना किए बिना इस्तीफा देने का फैसला किया था.
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सहित शिवसेना के 16 बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने से इनकार करते हुए, शीर्ष अदालत ने कहा था कि वह दलबदल विरोधी कानून के तहत अयोग्यता याचिकाओं पर फैसला नहीं कर सकती है और विधानसभा अध्यक्ष नार्वेकर को लंबित मामले पर 'उचित अवधि' के भीतर निर्णय लेने का निर्देश दिया. शिवसेना विधायकों को नोटिस जारी किए जाने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर राउत ने दावा किया कि नोटिस नार्वेकर द्वारा भेजे जा रहे हैं न कि विधानसभा अध्यक्ष द्वारा. पिछले कुछ दिनों में नार्वेकर जिस तरह से मीडिया से बात कर रहे हैं, वह दशार्ता है कि कानून के शासन को तोड़ने के लिए संविधान का दुरुपयोग किया जा रहा है.
(इनपुट-एजेंसी)