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जम्मू कश्मीर परिसीमन पर केंद्र ने कहा, अधिसूचना के बाद इसे चुनौती नहीं दी जा सकती

गृह मंत्रालय ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर की ओर से भारत के चुनाव आयोग के साथ परिसीमन आयोग के गठन को चुनौती देने वाली याचिकाओं का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट के समक्ष जवाब दाखिल किया है.

JK Delimitation Orders Finalised Cant Be Challenged After Gazette Notification Says SC
राजपत्र अधिसूचना के बाद जेके परिसीमन आदेश को अंतिम रूप दिया जा सकता है: सुप्रीम कोर्ट
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Published : Oct 4, 2022, 1:48 PM IST

श्रीनगर: गृह मंत्रालय ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर की ओर से भारत के चुनाव आयोग के साथ परिसीमन आयोग के गठन को चुनौती देने वाली याचिकाओं का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट के समक्ष जवाब दाखिल किया है. जम्मू-कश्मीर के निवासियों हाजी अब्दुल गनी खान और डॉ मोहम्मद अयूब मट्टू द्वारा 2022 में परिसीमन प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर जवाब दाखिल किया गया है.

याचिकाकर्ताओं के अनुसार परिसीमन अधिसूचना, 2011 की जनसंख्या जनगणना के आधार पर जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश में परिसीमन की प्रक्रिया को करने का निर्देश दिया था. यह असंवैधानिक है क्योंकि 2011 में केद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के लिए कोई जनगणना अभियान नहीं चलाया गया था. याचिका में जम्मू कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश में सीटों की संख्या 107 से बढ़ाकर 114 करने को भी चुनौती दी गई है, जो संविधान के अनुच्छेद 81, 82, 170, 330, 332 और जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 की धारा 63 है. इस बात पर जोर दिया जाता है कि संबंधित जनसंख्या के अनुपात में परिवर्तन न होना भी संघ राज्य क्षेत्र अधिनियम की धारा 39 का उल्लंघन है.

श्रीनगर: गृह मंत्रालय ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर की ओर से भारत के चुनाव आयोग के साथ परिसीमन आयोग के गठन को चुनौती देने वाली याचिकाओं का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट के समक्ष जवाब दाखिल किया है. जम्मू-कश्मीर के निवासियों हाजी अब्दुल गनी खान और डॉ मोहम्मद अयूब मट्टू द्वारा 2022 में परिसीमन प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर जवाब दाखिल किया गया है.

याचिकाकर्ताओं के अनुसार परिसीमन अधिसूचना, 2011 की जनसंख्या जनगणना के आधार पर जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश में परिसीमन की प्रक्रिया को करने का निर्देश दिया था. यह असंवैधानिक है क्योंकि 2011 में केद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के लिए कोई जनगणना अभियान नहीं चलाया गया था. याचिका में जम्मू कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश में सीटों की संख्या 107 से बढ़ाकर 114 करने को भी चुनौती दी गई है, जो संविधान के अनुच्छेद 81, 82, 170, 330, 332 और जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 की धारा 63 है. इस बात पर जोर दिया जाता है कि संबंधित जनसंख्या के अनुपात में परिवर्तन न होना भी संघ राज्य क्षेत्र अधिनियम की धारा 39 का उल्लंघन है.

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