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सरकारी भवनों पर राष्ट्र ध्वज लगाने का फैसला असुरक्षा को दर्शाता है : महबूबा - national flag

पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में सभी सरकारी भवनों पर राष्ट्र ध्वज लगाने का प्रशासन का फैसला असुरक्षा की भावना को प्रदर्शित करता है.

महबूबा मुफ्ती
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Published : Apr 8, 2021, 6:27 AM IST

श्रीनगर : पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में सभी सरकारी भवनों पर राष्ट्र ध्वज लगाने का जम्मू-कश्मीर प्रशासन का फैसला असुरक्षा की भावना को प्रदर्शित करता है, क्योंकि देश में कहीं भी ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया गया है.

बता दें कि उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने अधिकारियों से जम्मू-कश्मीर में सभी सरकारी भवनों पर पिछले महीने के अंत में तिरंगा झंडा लगाने को कहा था. प्रशासन ने भी सभी उपायुक्तों और विभागों के संभागीय प्रमुखों को उपराज्यपाल के आदेश को पखवाड़े भर में लागू करने का निर्देश दिया था.

महबूबा ने कहा कि यह उनकी असुरक्षा की भावना को प्रदर्शित करता है. अनश्चितता की भावना है. इस तरह के आदेश सिर्फ जम्मू-कश्मीर में ही क्यों जारी किए जा रहे हैं? देश के अन्य हिस्सों में, राज्यपाल या प्रशासक ने ऐसा आदेश जारी नहीं किया है.

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती ने कहा कि देश में असहमति के स्वर को अपराध की श्रेणी में डाल दिया गया है.

पढ़ें : महबूबा मुफ्ती के बाद उनकी मां का भी पासपोर्ट आवेदन इस वजह से हुआ अस्वीकार

उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार से असहमति जताने वाले किसी को भी, चाहे वह पत्रकार, नेता आदि हों, उन पर मामला दर्ज कर दिया जाता है.

श्रीनगर : पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में सभी सरकारी भवनों पर राष्ट्र ध्वज लगाने का जम्मू-कश्मीर प्रशासन का फैसला असुरक्षा की भावना को प्रदर्शित करता है, क्योंकि देश में कहीं भी ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया गया है.

बता दें कि उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने अधिकारियों से जम्मू-कश्मीर में सभी सरकारी भवनों पर पिछले महीने के अंत में तिरंगा झंडा लगाने को कहा था. प्रशासन ने भी सभी उपायुक्तों और विभागों के संभागीय प्रमुखों को उपराज्यपाल के आदेश को पखवाड़े भर में लागू करने का निर्देश दिया था.

महबूबा ने कहा कि यह उनकी असुरक्षा की भावना को प्रदर्शित करता है. अनश्चितता की भावना है. इस तरह के आदेश सिर्फ जम्मू-कश्मीर में ही क्यों जारी किए जा रहे हैं? देश के अन्य हिस्सों में, राज्यपाल या प्रशासक ने ऐसा आदेश जारी नहीं किया है.

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती ने कहा कि देश में असहमति के स्वर को अपराध की श्रेणी में डाल दिया गया है.

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उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार से असहमति जताने वाले किसी को भी, चाहे वह पत्रकार, नेता आदि हों, उन पर मामला दर्ज कर दिया जाता है.

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