लखनऊः विवादित बयानों के चलते अक्सर सुर्खियों में रहने वाले जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी (पूर्व नाम वसीम रिजवी) दिवाली की तैयारियों में लगे हुए हैं. वह हाल ही में जेल से बाहर आए हैं. उन्होंने मीडिया में बयान जारी कर कहा कि यह धर्म परिवर्तन के बाद उनकी पहली दिवाली होगी. हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि हो सकता है ये उनके जीवन की आखिरी दिवाली हो क्योंकि जीवन के अगले पल के बारे में कोई नहीं जानता.
जितेंद्र त्यागी ने पीएम नरेंद्र मोदी, RSS चीफ मोहन भागवत और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को दिवाली की बधाई दी. उन्होंने कहा कि भारत ने इस वर्ष कोरोना जैसी महामारी से लड़ते हुए टीकाकरण का लक्ष्य पूरा किया है. दुनिया में विश्वयुद्ध जैसे बने हालातों के बावजूद भारत तरक्की के रास्ते पर बढ़ रहा है. यह दिवाली सभी के जीवन में खुशहाली और उजाला लाएं.
हेट स्पीच के चलते काटी जेलः जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी को हेट स्पीच के चलते जेल हुई थी. पिछले वर्ष उत्तराखंड के हरिद्वार में धर्म संसद कार्यक्रम में उन्होंने भड़काऊ बयान दिया था. इसके चलते उनको कई महीनों की जेल काटनी पड़ी. वह हेट स्पीच मामले में हरिद्वार जेल में बंद चल रहे थे और हाल ही में बाहर आए है. धर्मांतरण कर इस्लाम धर्म से हिंदू धर्म अपनाने के बाद जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी की यह पहली दिवाली है. हालांकि अभी यह तय नहीं है कि वह दिवाली लखनऊ में अपने परिवार के साथ मनाएंगे या फिर हरिद्वार में संतो के साथ.
सपा और बसपा सरकारों में पूर्व में यूपी शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन रहे वसीम रिजवी को बीजेपी सरकार में आने के बाद से कई झटके लगे हैं. चेयरमैन रहते हुए वसीम रिजवी पर वक्फ संपत्तियों को बेचने, बोर्ड में हेराफेरी और खुर्द-बुर्द की दर्जनों शिकायतें दर्ज है. यहां एक तरफ उन पर मोदी सरकार ने CBI जांच की संतुति की. वहीं, योगी सरकार में उनको अपनी चेयरमैन की कुर्सी भी गंवानी पड़ी. उन पर शिया वक्फ बोर्ड के दस्तावेजों में धांधली कर वक्फ की जमीनों को दूसरो को देने के भी आरोप है.
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