रायपुर/रांची: झारखंड में कायम राजनीतिक अनिश्चितता के बीच सत्ताधारी गठबंधन के विधायकों का कुनबा कड़ी सुरक्षा के बीच रायपुर के मेफेयर रिसॉर्ट पहुंच (UPA MLA reaches Raipur Mayfair resort) गया है. अब सवाल है कि इस कुनबे में कितने विधायक और मंत्री हैं.
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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नाम पत्थर खदान आवंटन मामले में चुनाव आयोग की सिफारिश राजभवन पहुंचने के बाद से झारखंड में शह और मात का खेल चल रहा है. पिछले 5 दिनों से चल रहे उठापटक के बीच 30 अगस्त को अचानक सत्ताधारी दल के विधायक और मंत्रियों की रायपुर जाने से कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. इन सबके बीच सबसे बड़ा सवाल यह है कि सत्ताधारी दल के कितने विधायक और मंत्री रायपुर गए हैं.
ईटीवी भारत को मिली जानकारी के मुताबिक कुल 31 विधायक और मंत्री रायपुर गए हैं. इनमें कांग्रेस के चार मंत्री मसलन, रामेश्वर उरांव, आलमगीर आलम बन्ना गुप्ता और बादल पत्रलेख समेत कुल 12 विधायक रायपुर गये हैं. कांग्रस के शेष 6 विधायकों में तीन विधायक निलंबित अवस्था में कोलकाता में हैं. जबकि तबीयत नासाज रहने के कारण प्रदीप यादव और बच्ची को जन्म देने की वजह से ममता देवी रायपुर नहीं गई है. साथ ही मनिका के रामचंद्र सिंह भी नहीं गये हैं.
अब बात झामुमो की. जानकारी के मुताबिक झामुमो के कुल 19 विधायक रायपुर गए हैं. इस तरह रायपुर जाने वाले सत्ताधारी दल के विधायकों की कुल संख्या 31 है. इनमें झामुमो के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के अलावा मंत्री मिथिलेश ठाकुर, जगरनाथ महतो, जोबा मांझी, चंपई सोरेन और हफिज उल हसन रायपुर नहीं गए हैं. इसके अलावा झामुमो विधायक सवीता महतो, लोबिन हेंब्रम, दीपक बिरुआ और बसंत सोरेन भी नहीं गये हैं. झामुमो विधायक रविंद्र नाथ महतो स्पीकर हैं इसलिए उनका जाना संभव ही नहीं है. इस तरह झामुमो के 30 विधायकों में 19 विधायक रायपुर गए हैं. जबकि मुख्यमंत्री और पांच मंत्री के अलावा एक स्पीकर और चार विधायकों को जोड़ने पर कुल संख्या हो 30 हो जाती है.
खास बात है कि सरकार में शामिल राजद के इकलौते विधायक और मंत्री सत्यानंद भोक्ता भी रायपुर नहीं गये है. इसके अलावा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर, प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे के पीए संतोष पांडेय और राहुल प्रताप सिंह के अलावा मंत्रियों और विधायकों के कुल छह पीए गये हैं. पूरे संख्या बल को देखें तो विधायक और मंत्रियों की कुल संख्या 31 है जबकि अलग-अलग पार्टियों के पीए और पदाधिकारियों की संख्या 10 है. इस तरह कुल 40 लोग रायपुर गये हैं. जानकारी के मुताबिक 1 सितंबर को होने वाले कैबिनेट की बैठक की वजह से कोरम पूरा करने के लिए शेष मंत्रियों को रोका गया है.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर इन्हें इंडिगो की स्पेशल फ्लाइट पर बिठाकर खुद अपने आवास लौट आये. मुख्यमंत्री सहित उनके कैबिनेट में शामिल ज्यादातर मंत्री रांची में ही रुके हैं. सीएम ने आगामी एक सितंबर को रांची में कैबिनेट की बैठक बुलाई है, जिसमें ताजा राजनीतिक हालात के मद्देनजर अहम फैसले लिये जा सकते हैं.
माना जा रहा है कि यूपीए ने यह कदम भाजपा की ओर से हॉर्सट्रेडिंग की आशंकाओं को देखते हुए किया गया है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एक दिन पहले रांची में मीडिया से बातचीत में केंद्र की भाजपा सरकार पर सभी गैर भाजपाई सरकारों को परेशान करने और विधायकों की खरीद-फरोख्त के साजिश का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था कि इन व्यापारियों का खरीद-फरोख्त के सिवा कोई दूसरा काम ही नहीं है. पर हम इन व्यापारियों को जवाब देंगे.
जिस रिसॉर्ट में इन विधायकों के रुकने का इंतजाम किया गया है, वह नवा रायपुर में स्थित है. फिलहाल कांग्रेस की तरफ से वहां फिलहाल 24 कमरे बुक कराए जाने की सूचना है. बताया जा रहा है कि विधायकों की सहूलियत के अनुसार कुछ और कमरे बुक कराये जा सकते हैं. यह रिसॉर्ट अपने चार स्वीमिंग पूल के लिए जाना जाता है. इसके कमरों का किराया 35 सौ से 35 हजार तक बताया जाता है. रिसॉर्ट की सुरक्षा में आईपीएस और डीएसपी स्तर के दर्जन भर अधिकारियों की तैनाती की सूचना है. अफसरों की तैनाती को लेकर एसपी ने बकायदा पत्र भी जारी किया है. रिसॉर्ट के कमरों को दो दिन पहले ही खाली करा लिया गया था. यहां रह रहे मेहमानों को सोमवार को ही दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया गया था.