सुपौल: एक मिस्ड कॉल से शुरू हुई बातचीत धीरे-धीरे प्यार में बदल गई. सुपौल के दिव्यांग मुकेश की यह कहानी बिल्कुल फिल्मी प्रेम कहानी की तरह है. इस कहानी में झारखंड की युवती सुपौल के एक दिव्यांग युवक से प्यार कर बैठी. लेकिन जब बात शादी तक पहुंची तो दिव्यांग युवक ने अपनी लाचारी प्रेमिका को बता दी. प्रेमी की वफादारी ने प्रेमिका का दिल जीत लिया और शादी करने की जिद करते हुए उसके घर पहुंच गई.
सोशल मीडिया के दौर में बिहार के मुकेश और रांची की गौरी की प्रेम कहानी आपके दिल को छू लेगी. इस खबर को पढ़ने के बाद आप को यही लगेगा कि प्यार में सब कुछ जायज है. झारखंड (Jharkhand) के रांची की रहने वाली गौरी और बिहार (Bihar) के सुपौल जिला अंतर्गत बसबिट्टी गांव का दोनों पैरों से दिव्यांग मुकेश का मिलन इस बात का गवाह है.
बातचीत धीरे-धीरे प्यार में तब्दील
दरअसल, इन दोनों जोड़ियों की प्रेम कहानी एक गलत मोबाइल कॉल से शुरू हुई. रांची की रहने वाली गौरी ने एक दिन गलती से एक नंबर पर मिस कॉल कर दिया. वो नंबर बिहार के सुपौल के बसबिट्टी गांव के रहने वाले मुकेश का था. इसके बाद दोनों में बातचीत शुरू हुई और यह बातचीत धीरे-धीरे प्यार में तब्दील हो गई.
वहीं, गौरी ने जब मुकेश से शादी की इच्छा जताई तब मुकेश ने खुद को दिव्यांग बताते हुए गौरी से शादी करने से इनकार कर दिया, लेकिन मुकेश को दिल दे बैठी गौरी किसी भी कीमत पर अपने प्यार को छोड़ने के लिए तैयार नहीं थी. मुकेश से शादी करने के लिए वह सुपौल पहुंच गई. इस दौरान गौरी का भाई भी उसके साथ था. मुकेश को दिव्यांग देखकर वह गौरी को अपने साथ ले जाने लगा, लेकिन वह नहीं गई. इसके बाद कोर्ट में दोनों विवाह बंधन में बंधकर एक-दूजे के हो गए.
सुपौल के बसबिट्टी गांव का रहने वाला मुकेश दोनों पैरों से दिव्यांग है. उसकी मां बचपन में ही चल बसी थी. उसके पिता बाहर रहकर मजदूरी करते हैं. सोमवार को मुकेश अपनी मौसी के साथ सुपौल कोर्ट पहुंचा और कोर्ट मैरिज की. मुकेश ने कहा कि वह इस शादी से इनकार कर रहा था लेकिन जब गौरी सुपौल तक पहुंच गई तो फिर वो कुछ नहीं कर पाया.
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