रांची : झारखंड पुलिस में बड़े पद पर तैनात आईपीएस अधिकारियों के लगातार केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने से राज्य में अफसरों का टोटा हो गया है. अनीश गुप्ता, प्रशांत आनंद और प्रियंका मीणा जैसे तेजतर्रार आईपीएस अफसर भी अब केंद्रीय प्रतिनियुक्ति में जाने की तैयारी कर चुके हैं. झारखंड कैडर के आईपीएस अफसर केंद्र में बेहतरीन काम कर रहे हैं. यही वजह है कि झारखंड से आईपीएस अफसर हर हाल में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति में जाना चाहते हैं.
केंद्रीय प्रतिनियुक्ति में कई आईपीएस अफसरों को अहम जिम्मेदारी: झारखंड कैडर के कई आईपीएस अधिकारी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति में अहम पदों पर जिम्मेदारी निभा रहे हैं. डीजी रैंक के अधिकारी सत्यनारायण प्रधान डीजी एनसीबी हैं, वहीं अजय भटनागर सीबीआई में डिप्टी डायरेक्टर रैंक में काम कर रहे हैं. सीबीआई में ही संपत मीणा ज्वाइंट डायरेक्टर हैं, जबकि अनूप टी मैथ्यू, पी मुरुगन सीबीआई में महतवपूर्ण पदों पर हैं. आशीष बत्रा एनआईए में आईजी हैं, वहीं जया राय भी वहीं पोस्टेड हैं. साकेत कुमार सिंह छतीसगढ़ में नक्सल ऑपरेशन की कमान संभाल रहे, वह छतीसगढ़ सेक्टर के सीआरपीएफ आईजी हैं.
वहीं, एमएस भाटिया भी सीआरपीएफ में श्रीनगर सेक्टर के आईजी हैं, जबकि नवीन कुमार सिंह (वरीय विश्लेषक, एनटीआरओ) की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. इसके अलावा बलजीत सिंह (ईडी सुरक्षा, ओएनजीसी), मनोज कौशिक (अतिरिक्त निदेशक, वित्त निगरानी), कुलदीप द्विवेदी (डीआइजी आइटीबीपी), अभिषेक और क्रांति कुमार गडिदेशी (डीआइजी बीपीआरएंडडी हैदराबाद), माइकल राज एस (एसपी सीबीआई चेन्नई), राकेश बंसल (निदेशक, कैबिनेट सचिव, नई दिल्ली), पी. मुरुगन (एसपी, सीबीआई, मुंबई), जया राय (एसपी, एनआईए), अखिलेश वी. वारियर और हरिलाल चौहान (सहायक निदेशक, एलबीएसएनएए मैसूर) में पदस्थापित हैं. वहीं झारखंड के 3 आईपीएस अफसर वर्तमान में हैदराबाद में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं, उन आईपीएस अफसरों में निधि बंसल, हरीश बिन जमन और हरविंदर सिंह शामिल हैं.
इस वर्ष कौन कौन जाने की तैयारी में हैं: इस वर्ष भी झारखंड कैडर के आईपीएस अधिकारी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने की तैयारी में हैं. रांची डीआईजी अनीश गुप्ता सीबीआई में जाएंगे. सीबीआई में उनकी प्रतिनियुक्ति के लिए नॉमिनेशन हो चुका है. राज्य सरकार के द्वारा कागजी कार्रवाई के बाद वह सीबीआई में जाएंगे. वहीं एटीएस के एसपी प्रशांत आनंद के केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने के लिए राज्य सरकार ने आदेश जारी कर दिए हैं. जबकि लोहरदगा एसपी रह चुकी आईपीएस प्रियंका मीणा भी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जा रही हैं. उनकी तैनाती नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) में बतौर असीस्टेंट डायरेक्टर होगी. केंद्रीय गृह मंत्रालय उन्हें विरमित करने के लिए सरकार के मुख्य सचिव को लिख चुका है.
वहीं, झारखंड कैडर के 2003 बैच के आईपीएस अधिकारी अखिलेश कुमार झा भी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाएंगे. केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय ने इस संबंध में आदेश जारी किर दिया है. आदेश जारी होने के बाद डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग (डीओपीटी) ने उन्हें ब्रिज एंड रूफ कंपनी इंडिया (बीआरसीआईएल) का चीफ विजिलेंस अफसर नियुक्त किया है. इस पद पर उनकी नियुक्ति शुरूआती तीन सालों के लिए की गई है.
गृह कैडर का मोह भी आकर्षित करता है: दरअसल, झारखंड कैडर में कई ऐसे आईपीएस अफसर हैं जो दूसरे राज्यों के रहने वाले हैं. चुकी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने के बाद उन्हें अपने राज्य के आसपास रहने का भी मौका मिल जाता है. यह भी एक बड़ी वजह है कि आईपीएस अफसर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाना चाहते हैं. वहीं, राज्य में तैनाती के दौरान वर्तमान परिस्थिति में अफसरों में काबिलियत रहने के बावजूद भी सही जगह पोस्टिंग नहीं मिल पाती है, जिसकी वजह से उनकी कार्य क्षमता भी प्रभावित होती है. वहीं, केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर उन्हें कई विभागों में रह कर काम करने का मौका मिलता है.
पद 157, आईपीएस 82: पुलिस मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार झारखंड में आईपीएस अधिकारियों के लिए कुल 149 पद स्वीकृत है, इसमें बढ़ोतरी करते हुए 8 और पद बढ़ाए गए हैं, यानी झारखंड में कुल 157 आईपीएस के पद हैं. लेकिन झारखंड में कुल 104 ही आईपीएस पदस्थापित हैं, इनमें से 19 आईपीएस केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं. जैसे ही अनीश गुप्ता, प्रशांत आनंद, प्रियंका मीना और अखिलेश झा चले जाएंगे यह संख्या और कम हो जाएगी. जानकारी यह भी है कि लगभग आधा दर्जन आईपीएस अधिकारियों ने भी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति में जाने के लिए आवेदन दे रखा है, जिसे फिलहाल सरकार ने अपने स्तर पर रोके रखा है.
क्या पुलिसिंग पर पड़ रहा प्रभाव: झारखंड में आईपीएस अधिकारियों की कमी के कारण एसपी से लेकर आईजी रैंक तक में अधिकारियों की तैनाती नहीं हो पायी है. कई प्रमुख पद प्रभार में चल रहे हैं, तो कई पदों पर प्रोन्नति के लिए अफसरों की संख्या कैडर पोस्ट के लिहाज से भी कम है. झारखंड में आइपीएस अधिकारियों के 26 ऐसे महत्वपूर्ण पद हैं, जो अतिरिक्त प्रभार में चल रहे हैं. इसी तरह 22 ऐसे पद हैं, जो पूरी तरह खाली पड़े हुए हैं. राज्य में सीआईडी में एसपी रैंक के चार पद हैं, लेकिन यहां एकमात्र एसपी कार्तिक एस तैनात हैं. सीआईडी में आईजी आर्गेनाइज क्राइम और आईजी सीआईडी का पद लंबे अरसे से खाली है. सबसे हैरानी की बात यह है कि रांची के ट्रैफिक एसपी का पद पिछले 6 महीने से खाली पड़ा हुआ है.
तय समय पर नहीं मिली प्रोन्नति, खाली पड़े हैं 22 पद: एक तरफ जहां राज्य में आईपीएस अफसरों की भारी कमी है वहीं दूसरी तरफ समय से डीएसपी स्तर के अधिकारियों की प्रोन्नति नहीं दिए जाने के कारण भी प्रोन्नति से भरे जाने वाले आईपीएस अधिकारियों के 22 पद खाली हैं. रिक्तियों के बावजूद डीएसपी स्तर के अधिकारियों को प्रोन्नति दिए जाने का मामला ठंडे बस्ते में है. खास बात यह है कि राज्य गठन के बाद जेपीएससी के जरिए बहाल हुए एक भी डीएसपी स्तर के अधिकारी सीनियर डीएसपी, एएसपी या एसपी रैंक में प्रोन्नत नहीं हो सके हैं. राज्य में पोन्नति के लिए भरे जाने वाले आईपीएस अधिकारियों के कुल 45 पद हैं. लेकिन साल 2017 के बाद हुए रिक्तियों के आलोक में अधिकारियों की आईपीएस में प्रोन्नति नहीं हुई है.
महत्वपूर्ण पद जो है रिक्त: डीजी गृह रक्षा वाहिनी, एडीजी रेल, एडीजी विशेष शाखा, आइजी रेल, डीआइजी, एसआइबी, आइजी संगठित अपराध, आइजी सीआईडी निदेशक झारखंड पुलिस एकेडमी, डीआइजी जंगल वारफेयर स्कूल, डीआइजी वायरलेस, डीआइजी गृह रक्षा वाहिनी, एसपी यातायात रांची, एसपी गृह रक्षा वाहिनी, एसपी एसआइबी, प्राचार्य टीटीएस, सिटी एसपी धनबाद.
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