रांची : झारखंड विधानसभा भवन में नमाज पढ़ने के लिए कमरा आवंटित करने के फैसले को लेकर सदन में हंगामा जारी है. विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान विपक्षी भाजपा विधायकों के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही बाधित हो रही है.
मंगलवार को भी विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा विधायकों ने 'जय श्री राम' के नारे लगाने शुरू कर दिए और हनुमान चालीसा पढ़ते हुए विधानसभा के वेल में आ गए, जिससे सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी.
भाजपा विधायकों के हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष रबींद्र नाथ महतो ने बार-बार उन्हें शांत करने की कोशिश की, लेकिन हंगामा शांत न होता देख उन्होंने दोपहर 12.30 बजे तक कार्यवाही स्थगित कर दी.
इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने हंगामा कर रहे विधायकों को चेताया कि आसन का अनादर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा, 'अगर आप नाराज हैं तो मुझे पीटें, लेकिन कार्यवाही बाधित न करें.'
उन्होंने कहा, कृपया अपनी सीटों पर वापस जाएं... मैं दुखी हूं. आसन से मजाक नहीं कर सकते हैं. कल, आपने बुरा व्यवहार किया... यह 3.5 करोड़ लोगों की आस्था का सवाल है और आपका आचरण पीड़ा देता है.
इससे पहले, सिर पर चंदन लगाए पुजारी के भेष में विधानसभा पहुंचे भाजपा विधायकों का यह सियासी ड्रामा लोगों को आकर्षित करता रहा. पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में बीजेपी विधायकों ने सरकार की रोजगार नीति, मंदिरों का पट बंद होने और विधानसभा में नमाज रूम आवंटन का विरोध किया.
यह भी पढ़ें- झारखंड विधानसभा में गूंजे 'जय श्री राम' के नारे, भाजपा विधायकों ने किया कीर्तन
हनुमान चालीसा पढ़ रहे बाबूलाल मरांडी ने निशाना साधते हुए कहा कि सरकार को सोचना चाहिए कि ये क्यों हो रहा है. वहीं विरोधी दल के मुख्य सचेतक बिरंची नारायण ने स्पीकर के फैसले पर नाराजगी जताते हुए कहा कि लोकतंत्र के इस मंदिर में नमाज रूम का आवंटन तुष्टिकरण नहीं तो और क्या है.
वहीं, विधायक अमर बाउरी और नीरा यादव ने सरकार के कामकाज पर नाराजगी जताते हुए कहा कि हेमंत सरकार को सदबुद्धि मिले. इसलिए हनुमान चालीसा का पाठ किया जा रहा है.
भाजपा विधायक नारायण दास का प्रदर्शन
देवघर के भाजपा विधायक नारायण दास ने बाबा बैद्यनाथ मंदिर को खोलने की मांग को लेकर हंगामा किया. हाथ में डमरू और गले में बेलपत्र की माला पहने विधायक नारायण दास ने विधानसभा में विरोध प्रदर्शन किया. दास ने कहा कि उन्हें बाबा भोलेनाथ ने भेजा है यह संदेश लेकर कि यदि मंदिर नहीं खुलेगा तो हेमंत सरकार का पट बंद हो जायेगा.
उन्होंने कहा कि मानसून सत्र के बाद देवघर में इसी तरह का तांडव होगा, जिसमें आम जनता भी शामिल होगी. उन्होंने सरकार की गलत नीति के कारण आम लोगों को हो रही परेशानी पर नाराजगी जताई.