नई दिल्ली: झारखंड में सियासी अस्थिरता के बीच मानवता को शर्मसार करती एक घटना ने सूबे को झकझोर कर रख दिया है. दुमका की एक लड़की अंकिता को एक शख्स ने आग के हवाले कर दिया. बाद में अस्पताल में वक्त पर इलाज न मिल पाने से उस लड़की की मौत हो गई. ये घटना तब हुई जब झारखंड के मुख्यमंत्री अपने विधायकों के साथ पिकनिक प्रवास कर रहे थे.
बीजेपी ने इस घटना को हाथों हाथ लपक लिया है. बीजेपी सांसद और झारखंड के नेता निशिकांत दुबे ने कहा की इस मुद्दे पर बीजेपी कोई राजनीति नहीं कर रही, सिर्फ अंकिता के लिए न्याय मांग रही है और राज्य के मुख्यमंत्री को इसपर जवाब देना चाहिए. उन्होंने कहा की अभी भी अपराधियों को बचाने की कोशिश हो रही है. बेटी सुरक्षा मांगती रही, मगर उसे सुरक्षा दी नही गई, इलाज मांगती रही बेटी प्रशासन ने इलाज नहीं कराया.
मुख्यमंत्री अपने विधायकों को कोलकाता से लाकर बस में बैठाकर पिकनिक मनाते रहे, मटन भात खिलाते रहे और एक बेटी की जान चली गई. भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया की मुख्यमंत्री की मां जब बीमार पड़ती हैं, तब आप एयर एंबुलेंस से हैदराबाद ले जाते हैं, और खुद मुख्यमंत्री चार्टर्ड प्लेन से कई बार हैदराबाद जाते हैं. लेकिन इस बेटी के लिए आखिर चार्टर्ड की व्यवस्था क्यों नही की गई. उसके बचाने की कोशिश क्यों नही हुई.
इलाज के अभाव में उसने दम तोड़ दिया और अब उसके परिवार को 10 लाख रुपये देकर मुंह बंद करने की कोशिश की जा रही है. एक भी अफसर पर अब तक एक्शन नही हुआ. ताज्जुब की बात ये है कि ये घटना दुमका में हुई जहां से मुख्यमंत्री खुद विधायक हैं. बीजेपी सांसद ने पूछा कि लड़की हूं लड़ सकती हूं का दावा करने वाली प्रियंका अब कहां हैं ? क्यों चुप हैं?
कांग्रेस के मंत्री उनके राज्य प्रभारी सभी रांची में बैठे हैं मगर कोई अंकिता को देखने भी अस्पताल नही गया. दुमका की जनता ने जिसे मुख्यमंत्री बनाया, उसी के राज में अगर दुमका की बेटी को न्याय नहीं मिला, तो पूरे झारखंड की बेटियां कैसे सुरक्षित होंगी. इस सवाल पर की क्या स्वास्थ्य मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए? बीजेपी सांसद ने कहा कि इस मामले में मुख्यमंत्री को इस्तीफा देना चाहिए. वहां के पूरे थाने के पुलिसकर्मियों को बदला जाए और महिला एसपी नियुक्ति की जानी चाहिए. दुबे ने कहा कि लोगों के आक्रोश को दबाने के लिए दुमका में 144 धारा लगाई जा रही है, जो ठीक नहीं है.