पटना: बिहार में सियासी इफ्तार का दौर है. रविरार को बिहार ने देखा कि कैसे इफ्तार के आयोजन में वो दल भी एक मंच पर आ गए जिन्हें धुर विरोधी कहा जाता है. इस दौरान 9 साल बात पप्पू यादव भी दिखे और हमेशा नीतीश कुमार पर बयानों की बौछार करने वाले चिराग भी नीतीश को झुककर शिष्टाचार करते दिखे. इसके बाद कयासों का दौर शुरू हो गया. इस बात को बल तब मिला जब जेडीयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने चिराग को महागठबंधन में शामिल होने का ऑफर दिया. केसी त्यागी ने कहा कि जेडीयू का शीर्ष नेतृत्व चिराग के महागठबंधन में शामिल होने का स्वागत करेगी.
कहां से उठी बात? : दरअसल, केसी त्यागी जब एक सवाल का जवाब दे रहे थे तो उन्होंने लालू, नीतीश, रामविलास पासवान को समाजवादी परिवार का सदस्य बताते हुए चिराग को रामविलास पासवान की विरासत को आगे ले जाने का दायित्व बताया. केसी त्यागी ने आगे कहा कि अगर वो इसी क्रम में अगर महागठबंधन में साथ आना चाहते हैं तो जनता दल यूनाइटेड उनका स्वागत करेगी.
केसी त्यागी के ऑफर पर जेडीयू की सफाई: इस मसले पर जब ईटीवी भारत ने जेडीयू के प्रवक्ता से केसी त्यागी के ऑफर के बारे में पूछा तो उन्होंने उसे केसी त्यागी का पर्सनल सुझाव बताया. जेडीयू ने कहा कि सच में अगर चिराग को बिरार और देश की चिंता होगी तो उन्हें सही रास्ते पर यानी महागठबंधन में आना चाहिए. क्योंकि इस दल की मूल जड़ समाजवाद रही है. अगर चिराग में सदबुद्धि आती है और वो अच्छा कदम उठा लें तो उसका स्वागत होना चाहिए.
''केसी त्यागी का बयान पार्टी का अधिकारिक बयान नहीं है. लेकिन, चिराग पासवान यदि बिहार की चिंता होगी, देश जिस प्रकार से भाजपा के कारनामों से त्रस्त है, यदि उनमें समाजवाद का थोड़ा सा भी असर है तो सही रास्ता पर आना चाहिए, बिहार को बचाने के लिए.बिहार में जिस वर्ग के लिए चिराग पासवान राजनीति कर रहे हैं सबसे अधिक काम नीतीश कुमार ने किया है. बिहार में महागठबंधन बनाकर पूरे देश को मैसेज देने की कोशिश भी की है. लेकिन जदयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी का बयान उनका व्यक्तिगत बयान है. पार्टी का अधिकृत बयान नहीं है. चिराग पासवान लगातार बीजेपी की भाषा बोल रहे हैं.''- हिमराज राम, प्रवक्ता, जदयू