नई दिल्ली : जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा (Japan PM Fumio Kishida India Visit) 14वें भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए दो दिवसीय यात्रा पर शनिवार को दिल्ली पहुंचे. किशिदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे और वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आईजीआई एयरपोर्ट पर फुमियो किशिदा की अगवानी की.
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#WATCH | Japanese Prime Minister Fumio Kishida arrived in Delhi on a two-day visit; received by Union Minister Ashwini Vaishnaw
— ANI (@ANI) March 19, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
He will take part in the 14th India-Japan Annual Summit, besides holding bilateral talks with PM Narendra Modi. pic.twitter.com/M7eafesStR
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— ANI (@ANI) March 19, 2022
He will take part in the 14th India-Japan Annual Summit, besides holding bilateral talks with PM Narendra Modi. pic.twitter.com/M7eafesStR#WATCH | Japanese Prime Minister Fumio Kishida arrived in Delhi on a two-day visit; received by Union Minister Ashwini Vaishnaw
— ANI (@ANI) March 19, 2022
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जापानी प्रधानमंत्री की भारत यात्रा के बारे में बात करते हुए, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को कहा कि भारत और जापान शिखर सम्मेलन 19 मार्च को होगा. उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर, जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा 14वें भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए 19 मार्च से 20 मार्च तक नई दिल्ली की आधिकारिक यात्रा करेंगे.
समिट में दोनों नेताओं की यह पहली मुलाकात होगी. पिछला शिखर सम्मेलन अक्टूबर 2018 में टोक्यो में हुआ था. विशेष सामरिक और वैश्विक साझेदारी के दायरे में भारत और जापान के बीच बहुआयामी सहयोग है.
बागची ने कहा, शिखर सम्मेलन दोनों पक्षों को विविध क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा करने और मजबूत करने के साथ-साथ पारस्परिक हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचार साझा करने का अवसर प्रदान करेगा, ताकि हिंद-प्रशांत क्षेत्र और इससे परे शांति स्थिरता और समृद्धि के लिए साझेदारी को आगे बढ़ाया जा सके.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपनी बैठक के दौरान किशिदा लगभग 300 अरब येन के ऋण पर सहमति जता सकते हैं. रिपोर्ट में कहा गया कि दोनों पक्षों के बीच कार्बन कटौती से संबंधित ऊर्जा सहयोग दस्तावेज पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है.
विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा था, शिखर बैठक दोनों पक्षों को विविध क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा करने और उन्हें मजबूत बनाने के साथ-साथ पारस्परिक हित के क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करने का अवसर देगी, ताकि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, स्थिरता तथा समृद्धि के लिए उनकी साझेदारी को आगे बढ़ाया जा सके.
दिसंबर 2019 में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर व्यापक विरोध-प्रदर्शनों के मद्देनजर प्रधानमंत्री मोदी और उनके तत्कालीन जापानी समकक्ष शिंजो आबे के बीच गुवाहाटी में प्रस्तावित वार्षिक शिखर वार्ता रद्द कर दी गई थी. साल 2020 और 2021 में भी कोरोना वायरस महामारी के चलते यह शिखर बैठक नहीं हो सकी थी.
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